कभी तकनीकी संस्थान था यूनाइटेड क्लब
शहर के बीचोबीच स्थित यूनाइटेड क्लब का अपना स्वर्णिम इतिहास रहा है।
जितेंद्र सिंह, जमशेदपुर : शहर के बीचोबीच स्थित यूनाइटेड क्लब का अपना स्वर्णिम इतिहास रहा है। 105 सालों से लौहनगरी की शान कही जाने वाला यह क्लब खुद में ऐतिहासिक गौरवगाथा समेटे हुए हैं। टाटा स्टील की स्थापना 1907 में हुई और कंपनी ने स्टील का पहला उत्पादन 1912 को किया। लेकिन इसी वक्त प्रशिक्षित तकनीशियनों की कमी राह में रोड़ा बना हुआ था। ऐसे में दोराबजी टाटा ने जमशेदपुर में तकनीकी संस्थान स्थापित करने को सोचा और एक साल के अंदर ही इसे मूर्त रूप दे दिया गया। 1913 में आज का यूनाइटेड क्लब में टाटा इंस्टीट्यूट नाम से तकनीकी संस्थान की शुरुआत की गई। संस्थान के पहले बैच में 33 छात्रों को प्रशिक्षित किया गया। कंपनी ने अधिक से अधिक भारतीयों को तकनीकी रूप से दक्ष करने पर जोड़ दिया। जगह की कमी के कारण संस्थान को दूसरे जगह शिफ्ट कर दिया गया।
आजादी के एक साल बाद इसे क्लब का रूप दे दिया गया। इसके पहले लोयोला स्कूल के पास छोटानागपुर क्लब हुआ करता था, जिसे 1948 में यूनाइटेड क्लब में मर्ज कर दिया गया। टाटा स्टील के पूर्व प्रबंध निदेशक रूसी मोदी से लेकर जेजे ईरानी तक इस क्लब के अध्यक्ष रहे।
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1500 से अधिक सदस्य
आज इस क्लब में 1500 से अधिक सदस्य हैं। यह शहर का सबसे पुराने क्लबों में से एक हैं। यूनाइटेड क्लब के क्लब मैनेजर कौशल पांडेय ने बताया कि अंदरुनी भाग में जरूर परिवर्तन किया गया, लेकिन भवन के अग्रभाग से कोई छेड़छाड़ नहीं की गई। यहां सदस्यों के लिए सालों भर कुछ ना कुछ इवेंट होते रहते हैं।
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गोथिक वास्तुकला बेहतरीन नमूना
यूनाइटेड क्लब को गोथिक वास्तुकला का बेहतरीन नमूना बताया जाता है। 1913 में निर्मित इस भवन में यूरोपीय शैली का प्रभाव दिखता है। गोथिक कला से अभिप्राय तिकोने मेहराबों वाली यूरोपीय शैली से है, जिससे इमारत के विशाल होने का आभास होता है। यह मध्ययुगीन यूरोपीय वास्तु की एक शैली है, जो जर्मन गोथ जाति के प्रभाव से आविर्भूत हुई थी।