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Coronavirus Lockdown Effect : मैदान क्या सूना हुआ जिंदगी ही सूनी हो गई Jamshedpur News

Sports News. स्टेडियम तो छोड़ दीजिए तीन महीने से गली का मैदान भी सूना पड़ा है। ऐसे में मैदान को खून-पसीने से सींचने वाले मैदानकर्मियों से लेकर अंपायर व स्कोररों का बुरा हाल है।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Thu, 18 Jun 2020 09:02 AM (IST)Updated: Thu, 18 Jun 2020 09:02 AM (IST)
Coronavirus Lockdown Effect : मैदान क्या सूना हुआ जिंदगी ही सूनी हो गई Jamshedpur News
Coronavirus Lockdown Effect : मैदान क्या सूना हुआ जिंदगी ही सूनी हो गई Jamshedpur News

जमशेदपुर, जितेंद्र सिंह। कोरोना वायरस ने सभी को प्रभावित किया है। खेल जगत भी इससे अछूता नहीं है। स्टेडियम तो छोड़ दीजिए, पिछले तीन महीने से गली का मैदान भी सूना पड़ा है। ऐसे में मैदान को अपने खून-पसीने से सींचने वाले मैदानकर्मियों से लेकर अंपायर व स्कोररों का बुरा हाल है।

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 वैसे तो झारखंड राज्य क्रिकेट संघ से मान्यताप्राप्त 19 अंपायर व आठ स्कोरर हैं, लेकिन 24 जिलों में स्थानीय लीग कराने वाले अंपायर व स्कोररों की संख्या 200 से ज्यादा है। एक अंपायर को प्रति लीग मैच कराने के लिए 900 रुपये मिलते हैं, वहीं स्कोरर को 750 रुपये दिए जाते हैं।

लॉकडाउन में बंद हो गया कमाई का जरिया

कदमा के रहने वाले दिलीप चौधरी को ही लीजिए। दिलीप पिछले छह साल से अंपायरिंग कर रहे हैं और उनके जीविकोपार्जन का यही एक साधन है। क्रिकेट सत्र में वह अंपायरिंग से डेढ़ लाख रुपये तक कमा लेते थे, लेकिन लॉकडाउन में उनकी आमदनी का यह जरिया भी बंद हो गया। दिलीप के तीन बेटे हैं और घर चलाना मुश्किल है। पहला बेटा बीटेक कर रहा है तो दूसरा बीकॉम। तीसरा बेटा नौवीं कक्षा में है। वह कहते हैं, राशन तो जैसे-तैसे खरीद ले रहा हूं, लेकिन बच्चों के भविष्य को लेकर चिंता होती है। फिलहाल इस सत्र में मैदान पर बल्ला चमकने की कोई संभावना नजर नहीं आती।

 कोरोना की मार से भुखमरी की नौबत

 यही हाल काशीडीह के रहने वाले स्कोरर आलोक कुमार सिंघानिया का है। सिंघानिया अपनी मां के साथ काशीडीह में रहते हैं। एक मैच का स्कोरिंग करने पर 750 रुपये मिलता था। सत्र में वह 60 से 70 मैच में स्कोरिंग कर लिया करते थे। किसी तरह जीवन कट जा रहा था, लेकिन कोरोना की मार ने भूखों मरने की कगार पर ला खड़ा किया है। अंपायर रवि रंजन झा का परिवार भी अंपायरिंग से आने वाले पैसे पर टिका है। लेकिन इस सीजन में अभी तक खेल शुरू नहीं होने के कारण उनकी भी हालत खस्ता है।


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