कोल्हान विश्वविद्यालय को डिजिटल लेनदेन में सुस्ती पड़ेगी भारी, यूजीसी ने मांगा ब्योरा Jamshedpur News
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने देश भर के सभी उच्च शिक्षण संस्थानों से डिजिटल लेनदेन के इस्तेमाल से जुड़ी जानकारी मांगी है।
जमशेदपुर, जासं। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने डिजिटल लेनदेन को लेकर कड़ा रुख अपनाया है। इसकी चपेट में कोल्हान विश्वविद्यालय भी आ सकता है। यूजीसी ने इस संबंध में नया निर्देश जारी किया है। इसमें विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने देश भर के सभी उच्च शिक्षण संस्थानों से डिजिटल लेनदेन के इस्तेमाल से जुड़ी जानकारी मांगी है। साथ ही इनमें फिसड्डी संस्थानों के खिलाफ कड़े कदम उठाने के भी संकेत दिए हैं। इसमें संस्थानों को मिलने वाली जरूरी मदद भी रोकी जा सकती है।
यूजीसी देश भर के सभी संस्थानों को डिजिटल लेनदेन की व्यवस्था को अनिवार्य रूप से लागू करने के निर्देश पहले से दे चुका है। बावजूद इसके हाल ही में उच्च शिक्षण संस्थानों के साथ बैठक में यूजीसी के सामने कुछ ऐसे मामले सामने आए, जिसमें डिजिटल लेनदेन को लेकर संस्थानों का रवैया सुस्त दिखा है। कोल्हान विश्वविद्यालय भी इसमें से एक है। देश भर के उच्च शिक्षण संस्थानों से इसकी जानकारी मिलने के बाद बाद तो यूजीसी ने सभी संस्थानों से इससे संबंधित ब्योरा देने को कहा है जिसमें पिछले सालों में किए गए डिजिटल लेनदेन सहित संस्थानों में यह व्यवस्था कहां-कहां लागू है, आदि की जानकारी मांगी गई है।
देना है पूरा ब्योरा
यूजीसी ने इस संंबंध में जारी निर्देश में सभी संस्थानों से 16 अगस्त तक पूरा ब्योरा देने को कहा है। फिलहाल यह ब्योरा विश्वविद्यालयों से जुड़ी गतिविधियों पर नजर रखने के लिए तैयार किए गए पोर्टल (यूएएमपी) पर भेजने को कहा है। विवि और कालेजों में डिजिटल लेनदेन को लेकर सरकार का यह जोर इसलिए भी है, क्योंकि छात्रवृत्ति, फेलोशिप सहित फीस से जुड़ी तमाम वित्तीय गतिविधियां संचालित होती हैं।