सीबीआइ की कार्रवाई में यूसिल में मचा हड़कंप
यूरेनियम कारपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (यूसिल) जादूगोड़ा में करीब 56 लाख घोटाला मामले में सीबीआइ द्वारा की कई कार्रवाई से हड़कंप मच गया है। यात्रा और ओवरटाइम घोटाला मामले में सीबीआइ ने यूसिल सीएमडी के पीए सुरोजित दास व उनके भाई लेखा विभाग में टाइपिस्ट गोपीनाथ दास एवं पीयून नृपेंद्र सिंह को हैदराबाद से कार्य अवधि के दौरान गिरफ्तार कर लिया..
संसू, जादूगोड़ा : यूरेनियम कारपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (यूसिल) जादूगोड़ा में करीब 56 लाख घोटाला मामले में सीबीआइ द्वारा की कई कार्रवाई से हड़कंप मच गया है।
यात्रा और ओवरटाइम घोटाला मामले में सीबीआइ ने यूसिल सीएमडी के पीए सुरोजित दास व उनके भाई लेखा विभाग में टाइपिस्ट गोपीनाथ दास एवं पीयून नृपेंद्र सिंह को हैदराबाद से कार्य अवधि के दौरान गिरफ्तार कर लिया। सीबीआई के विशेष न्यायाधीश एसके शशि की अदालत में पेश करने के बाद उन्हें न्यायिक हिरासत में 3 सितंबर तक जेल भेज दिया गया। ज्ञात हो कि तीनों ने मिलकर 2014 से 19 के बीच टीए बिल में गड़बड़ी कर 29 लाख 14 हजार एवं बोगस ओवरटाइम भुगतान में 27 लाख 46 हजार का घोटाला किया था। 12 दिसंबर 2019 को सीबीआइ द्वारा एफआइआर दर्ज की गई थी। वहीं यूसिल नरवा पहाड़ के 19 कर्मियों के नाम भी ओवर टाइम घोटाला में सीबीआइ ने दर्ज किए है। सीबीआइ की कार्रवाई से यूसिल में हड़कंप मच गया है। बाकी अधिकारियों में भी डर है। नए सीएमडी के आने के बाद खुली पोल : सीके असनानी ने जबसे यूसिल सीएमडी का पदभार संभाला तब से उन्होंने कंपनी में फैले भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने को कार्रवाई की है। सुधार के लिए कड़े कदम भी उठाए। उनकी कार्रवाई के बाद इसका खुलासा हुआ। उन्होंने कई अधिकारियों को काम में लापरवाही को लेकर कड़ी फटकार भी लगाई। आरोपित के परिजन बोले-कई बड़े अधिकारी भी शामिल : आरोपित नृपेंद्र के स्वजनों ने बताया कि घोटाला में कई बड़े अधिकारी भी शामिल हैं जो बराबर पार्टी करते थे। बिना बड़े अधिकारी की मिलीभगत के इतना बड़ा घोटाला नहीं हो सकता है। इसमें कई लोगो के नाम सीबीआई को बताया भी गया है।
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जून 2019 को निलंबित हुए थे कर्मचारी
16 जून 2019 को यूसिल के जीएम संजय कुमार शर्मा ने यूसिल गेस्ट हाउस में प्रेस वार्ता कर गोपीनाथ दास और नृपेंद्र सिंह को निलंबित कर दिया था। 20 जून को लेखा विभाग के अधिकारी संजीव शर्मा को भी निलंबित कर दिया गया था।
यूसिल की कार्यशैली पर उठाने लगे थे सवाल
निलंबित कर्मचारी गोपीनाथ दास एवं संजीव शर्मा को कुछ दिनों बाद यूसिल की तुमल्लापली में ज्वाइनिंग करा दी गई थी। नृपेंद्र सिंह को हैदराबाद भेज दिया था। यूसिल की इस कार्यशैली को लेकर प्रबंधन पर सवालिया निशान उठने लगे। इसके बाद सीबीआइ ने जांच के लिए यूसिल के जादूगोडा, नरवा, तुरामडीह एक साथ छापेमारी कर सबूत जुटाए थे। घोटाले में यूसिल जादूगोड़ा के लेखा विभाग भी शामिल सूत्रों का कहना है कि यूसिल जादूगोडा के लेखा विभाग के दस अधिकारी भी इसमें शामिल है। सीबीआई जांच से कइयों की गर्दन फंस सकती है। घोटाले की जांच सीबीआई के ब्यूरो इंस्पेक्टर अमित कुमार की मिली है।
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