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रवि बोले-बात नहीं बनी तो छोड़ देंगे कंपनी की सुविधा

जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : मैनेजमेंट मेडिकल एक्सटेंशन की सुविधा सभी कर्मचारी को दे, वरन

By JagranEdited By: Published: Wed, 20 Jun 2018 01:37 AM (IST)Updated: Wed, 20 Jun 2018 01:37 AM (IST)
रवि बोले-बात नहीं बनी तो छोड़ देंगे कंपनी की सुविधा
रवि बोले-बात नहीं बनी तो छोड़ देंगे कंपनी की सुविधा

जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : मैनेजमेंट मेडिकल एक्सटेंशन की सुविधा सभी कर्मचारी को दे, वरना बंद कर दे। एमडी आ रहे हैं, उन्होंने कल (बुधवार) को दोपहर दो बजे समय दिया है। एमडी से बात हुई है, उनसे दोटूक कहा कि आप जमशेदपुर आएंगे या हम वहां पहुंचे। एमडी ने कहा कि मैं आ रहा हूं। बात नहीं बनी, तो हम कंपनी की सुविधा छोड़ देंगे।

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ये बातें टाटा वर्कर्स यूनियन के अध्यक्ष आर. रवि प्रसाद ने मंगलवार को करीब छह घंटे तक चली कमेटी मीटिंग के अंत में कही। इससे पहले यूनियन के कई कमेटी मेंबरों व पूर्व यूनियन पदाधिकारियों ने यही राय दी थी कि यूनियन नेतृत्व को एक बार एमडी से बात करना चाहिए। इसके बाद ही कोई फैसला लेना चाहिए। एमडी से मिलने यूनियन के टॉप थ्री (अध्यक्ष, डिप्टी प्रेसिडेंट व महासचिव) जाएंगे।

इससे पहले माइकल जॉन आडिटोरियम में मंगलवार शाम पांच बजे कमेटी मीटिंग शुरू हुई, तो पूरा हॉल शोर से गूंजने लगा। पूर्व उपाध्यक्ष गुलाम मोहिउद्दीन मंच पर चढ़ गए, तो बोलते-बोलते भावुक हो गए। उन्होंने डिप्टी प्रेसिडेंट अरविंद पांडेय और महासचिव सतीश सिंह की ओर इशारा करते हुए कहा कि रवि की नौकरी ज्यादा दिन नहीं, तुमलोगों को 20 साल रहना है। ऐसा कोई काम नहीं करना, जिससे हमें मुंह छिपाना पड़े। कहते-कहते गुलाम रो पड़े। कमेटी मेंबरों ने यूनियन पदाधिकारियों से कहा-आप लोग वीपी-एचआरएम से क्या बात किए हैं, पहले बताइए। इस पर काफी शोर हुआ, लेकिन रवि प्रसाद ने कहा कि यह यूनियन की परंपरा नहीं है। पहले कमेटी मेंबर की सुनेंगे, तब हम अपनी बात कहेंगे। एक-एक कमेटी मेंबर अपनी बात रखेगा और सुझाव देगा कि हमें क्या करना चाहिए। हाउस की जो राय होगी, हम वही करेंगे। इसके बाद पूर्व उपाध्यक्ष एम. भास्कर राव ने कहा कि 2016 में हमने इसी मुद्दे पर यूनियन में धरना दिया था, तो कुछ लोगों को आपत्ति हुई थी। अब वही लोग बड़ी-बड़ी बात कर रहे हैं। अपनी बात रखते हुए पूर्व डिप्टी प्रेसिडेंट टुन्नू चौधरी ने कहा कि यूनियन चुनाव से पहले भी इस मुद्दे पर बात हुई थी, जिसमें प्रबंधन ने तीन-तीन माह के अंतराल पर मेडिकल एक्सटेंशन की सूची भेजने की बात कही थी। इस पर अरविंद पांडेय व सतीश सिंह ने कहा कि टुन्नू भैया, आपने हमें यह बात क्यों नहीं बताई थी। सबने यही कहा कि प्रबंधन 'पिक एंड चूज' के आधार पर मेडिकल एक्सटेंशन देना चाहता है, जिससे बहुत गलत संदेश जाएगा। अब तक सभी कर्मचारियों को मेडिकल एक्सटेंशन मिलता आया है, वह जारी रहना चाहिए।

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यूनियन में ताला मारने का भी सुझाव आया

कमेटी मीटिंग में कमेटी मेंबरों ने यूनियन नेतृत्व को तरह-तरह के सुझाव दिए। अधिकांश ने प्रबंधन, खासकर एमडी से बात करने का सुझाव दिया। वहीं कुछ ने यूनियन पदाधिकारियों से ड्यूटी जाने और कुछ ने यूनियन कार्यालय में ताला मारने का सुझाव भी दिया। उनका कहना था कि यूनियन कर्मचारियों के लिए कुछ कर ही नहीं सकती, तो कोई यूनियन क्यों आएगा। हालांकि अधिकांश की राय थी कि टाटा स्टील में प्रबंधन-यूनियन की बातचीत से ही हर समाधान हुआ है।

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नहीं मिल सके कोलियरी के नेता

टाटा वर्कर्स यूनियन में मेडिकल एक्सटेंशन को लेकर गरमाए माहौल और आपात कमेटी मीटिंग की बात सुनकर वेस्ट बोकारो-घाटो से कोलियरी यूनियन के नेता भी आए थे। यूनियन कार्यालय में राष्ट्रीय कोलियरी मजदूर संघ के अध्यक्ष मोहन महतो, उपाध्यक्ष सोनू मुखोपाध्याय, संयुक्त सचिव मो. तारिक व सीताराम प्रसाद घंटों बैठे रहे। जब उन्हें बताया गया कि मीटिंग रात 11 बजे तक चल सकती है, तो उन्होंने बुधवार को यूनियन अध्यक्ष आर. रवि प्रसाद से मिलने की बात कही। मोहन महतो का कहना था कि टाटा स्टील के फैसले का कमोबेश उनके यहां भी असर पड़ता है, इसलिए वे लोग वस्तुस्थिति से अवगत होने आए थे।


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