Cyber Crime : साइबर ठगी मामले में हजारीबाग से दो भाई गिरफ्तार, एक लाख रुपये बरामद Jamshedpur News
Cyber Crime. बिष्टुपुर साइबर थाना की पुलिस ने ठगी मामले में हजारीबाग में छापामारी कर पवन कुमार और उसके भाई चंदन कुमार को गिरफ्तार किया है।
जमशेदपुर, जासं। cyber crime झारखंड के पूर्वी सिंहभूम के जमशेदपुर के बिष्टुपुर साइबर थाना की पुलिस ने ठगी मामले में हजारीबाग में छापामारी कर पवन कुमार और उसके भाई चंदन कुमार को गिरफ्तार किया है। इनके पास से एक लाख रुपये, अलग- अलग बैंक के आठ खाते, मोबाइल और लैपटॉप जब्त किए गए हैं।
साइबर थाना के इंस्पेक्टर उपेंद्र मंडल के अनुसार दोनों भाइयों के खाते से 68 लाख का ट्रांजेक्शन हुआ है। मोबाइल और लैपटॉप की जांच से इसकी जानकारी मिली। 2018 में जमशेदपुर के गोलमुरी थाना क्षेत्र के आनंदनगर निवासी अजय ओझा के बैंक खाते से 62 हजार 500 रुपये की निकासी कर ली गई थी। साइबर सेल में प्राथमिकी दर्ज की गई थी। अनुसंधान में पता लगा कि हजारीबाग के पवन और चंदन कुमार ने ठगी कर रुपये की निकासी कर ली थी। दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया। पवन की 22 और चंदन की उम्र 20 वर्ष है। इससे पहले भी कई साइबर ठग पकड़े जा चुके हैं।
साइबर अपराध का केंद्र बन रहा पूर्वी सिंहभूम
पूर्वी सिंहभूम का जमशेदपुर शहर साइबर अपराध का गढ़ बनता जा रहा है। यहां का गिरोह महानगरों में साइबर अपराध को अंजाम देता है। इस बात का खुलासा पिछले दिनों पकड़े गए साइबर ठग ने किया था। पुलिस ने साइबर ठग गिरोह के सरगना योगेश कुमार शर्मा को उसके मानगो आदर्श कॉलोनी स्थित घर से गिरफ्तार किया था। पुलिस ने योगेश को मुखबिर की सूचना पर गिरफ्तार किया था। पूछताछ में योगेश ने पुलिस को बताया था कि वह राहुल केसरी और महेश पोद्दार के साथ मिलकर देश के अन्य राज्यों और महानगरों में साइबर ठगी की घटनाएं करता था। उसे बेरोजगार युवाओं को गिरोह से जोडऩे का काम मिला था। वह युवाओं को कॉल सेंटर में नौकरी दिलाने का झांसा देकर अपने गिरोह में शामिल करता था। युवकों को 8 से 10 हजार रुपये प्रति माह वेतन युवकों को मिलता था।
बैंक खाते किए गए थे फ्रीज
साइबर थाना प्रभारी उपेंद्र कुमार मंडल ने बताया था कि योगेश के दो बैंक अकाउंट हैं। इसे फ्रीज करने के लिए रिपोर्ट भेज दी गई है। एक अकाउंट एसबीआइ साकची और एक सिंडिकेट बैंक सोनारी में है। वर्ष 2019 के जनवरी से नवंबर माह के बीच इसके बैंक खातों में लगभग तीन लाख रुपये के ट्रांजेक्शन होने की जानकारी मिली थी। गौरतलब है कि गिरोह के सरगना महेश पोद्दार ने कोर्ट में आत्मसमर्पण कर दिया था। फिलहाल गिरोह का तीसरा सरगना राहुल केसरी अब भी फरार है।