तुलसी भवन में जमी हास्य-व्यंग्य की महफिल, कविताओं पर खूब लगे ठहाके
बिष्टुपुर स्थित तुलसी भवन में रविवार को हास्य-व्यंग्य काव्य संध्या हुई जिसमें साहित्यकारों ने एक से बढ़कर एक कविता सुनाकर खूब ठहाके लगवाए।
जासं, जमशेदपुर : बिष्टुपुर स्थित तुलसी भवन में रविवार को हास्य-व्यंग्य काव्य संध्या हुई, जिसमें साहित्यकारों ने एक से बढ़कर एक कविता सुनाकर खूब ठहाके लगवाए।
सिंहभूम जिला हिदी साहित्य सम्मेलन, तुलसी भवन व जमशेदपुर भोजपुरी साहित्य परिषद के संयुक्त तत्वावधान में हुए कार्यक्रम में मुख्य अतिथि वाराणसी से हास्य-व्यंग्य के कवि डा. नागेश त्रिपाठी 'शांडिल्य' व रांची से हिदी के सुप्रसिद्ध कवि कामेश्वर प्रसाद श्रीवास्तव 'निरंकुश' विशिष्ट अतिथि के रूप में शामिल हुए। डा. शांडिल्य ने समाज की समसामयिक विसंगतियों पर चोट करते हुए अनेक रचनाओं का पाठ कर श्रोताओं को हंसाते-हंसाते लोटपोट कर दिया। निरंकुश ने तुलसी भवन व जमशेदपुर से अपने जुडाव को रेखांकित करते हुए राष्ट्र प्रेम से ओतप्रोत अनेक रचनाओं का पाठ कर खूब तालियां बटोरी।
इससे पूर्व कार्यक्रम की शुरूआत वीणा पांडेय भारती ने सरस्वती वंदना से की, जबकि कार्यक्रम की अध्यक्षता तुलसी भवन के न्यासी अरुण कुमार तिवारी, संचालन परिषद के प्रधान सचिव डा. अजय कुमार ओझा और अतिथिद्वय के साहित्यिक जीवन का परिचय परिषद के उपाध्यक्ष शैलेंद्र पांडेय 'शैल' ने किया। इस अवसर पर स्थानीय कवियों में सोनी सुगंधा, माधवी उपाध्याय, डा. रागिनी भूषण, हरिहर राय चौहान व कैलाशनाथ शर्मा 'गाजीपुरी' ने भी अपनी रचनाओं का पाठ किया। कार्यक्रम के आरंभ में स्वागत वक्तव्य साहित्य समिति के कार्यकारी अध्यक्ष यमुना तिवारी 'व्यथित' व धन्यवाद ज्ञापन संस्थान के मानद महासचिव प्रसेनजित तिवारी ने किया।
इस मौके पर शहर के साहित्यकारों व साहित्य प्रेमियों में सुभाषचंद्र मूनका, प्रसन्न वदन मेहता, कन्हैया सिंह 'सदय', अशोक पाठक स्नेही, संजय पाठक सनेही, अरुणा भूषण, प्रतिभा प्रसाद, वीणा कुमारी, बसंत जमशेदपुरी, दिव्येंदु त्रिपाठी, दीपक वर्मा, बालकृष्ण मिश्र, नीता सागर चौधरी, विध्यवासिनी तिवारी, रीना सिन्हा, जितेश तिवारी, सुजय कुमार व कवलेश्वर पांडेय भी उपस्थित थे।