Move to Jagran APP

आदिवासी युवाओं के रॉकबैंड का लंदन कनेक्शन

भादो माझी, जमशेदपुर : पारंपरिक लोकगीतों तक सीमित समझे जाने वाले आदिवासी समाज के युवाओं ने ज

By Edited By: Published: Sat, 18 Jun 2016 03:06 AM (IST)Updated: Sat, 18 Jun 2016 03:06 AM (IST)
आदिवासी युवाओं के रॉकबैंड का लंदन कनेक्शन

भादो माझी, जमशेदपुर : पारंपरिक लोकगीतों तक सीमित समझे जाने वाले आदिवासी समाज के युवाओं ने जमशेदपुर में एक रॉकबैंड बनाया है। 'सिनॉप्सिस' नाम के इस रॉकबैंड के सदस्यों को वेस्टर्न म्यूजिक में महारत है। कई स्टेज शो कर चुके इस रॉकबैंड ने अब नई पीढ़ी को भी 'रॉकस्टार' बनाने के लिए प्रशिक्षण देने का काम शुरू कर दिया है। इसके लिए इस रॉकबैंड ने लंदन से कनेक्शन जोड़ लिया है। लंदन के प्रसिद्ध म्यूजिक यूनिवर्सिटी से एमओयू कर इस रॉकबैंड के सदस्य सिनॉप्सिस की ओर से प्रशिक्षित किये जाने वाले म्यूजिक लर्नर को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दे रहे हैं।

loksabha election banner

रॉकबैंड के लीडर समीर के साथ इस रॉक बैंड में सात आदिवासी युवा जुड़े हैं जो वेस्टर्न संगीत की विधा को जमशेदपुर के युवाओं में सींच रहे हैं। बिष्टुपुर में दोपहर व शाम को ट्रेनिंग सत्र चलता है। खास बात यह कि जिस किसी को भी रॉकबैंड द्वारा प्रशिक्षण दिया जाता है उन्हें खुद इस रॉकबैंड की ओर से ही 'लाइव स्टेज' पर परफॉर्म करने का मौका दिया जाता है। रॉकबैंड के सदस्य गिटार (नॉन क्लासिक), कीबोर्ड, पियानो, गिटार (बेस), ड्रम सेट का खास प्रशिक्षण दिया जाता है।

----

लंदन म्यूजिक यूनिवर्सिटी से कनेक्शन

सिनॉप्सिस रॉक बैंड में प्रशिक्षित किये जाने वाले नवोदित 'रॉकस्टार' की वेस्टर्न संगीत की दक्षता को लंदन के रॉयल स्कूल ऑफ म्यूजिक, ट्रिनिटी स्कूल ऑफ म्यूजिक लंदन व थेम्स वैली यूनिवर्सिटी लंदन के विशेषज्ञ परखते हैं। इसके लिए बाकायदा इन विश्वविद्यालयों के विशेषज्ञों द्वारा स्पेशल टेस्ट लिया जाता है। इनके ग्रीन सिग्नल के बाद ही छात्रों को म्यूजिक का महारत माना जाता है।

---

ये हैं रॉकबैंड के सदस्य

सिनॉप्सिस रॉकबैंड में समीर (डायरेक्टर), सुमीत (

असिस्टेंट डायरेक्टर), सुमित अंशुमान (कीबोर्ड), अमित बारला, राजू, रोशन, अंशु, नेहा, सुधांशु, आकाश, निशांत, अरविंद, सोवित, पूजा शामिल हैं। इनमें से कुछ ने फिलहाल रॉकबैंड छोड़ दिया है तो अधिकांश रॉकस्टार्स को म्यूजिक की नई ऊंचाई देने के लिए प्रयासरत हैं।

---

म्यूजिक की 'लत' से बना रॉकबैंड

कीताडीह निवासी समीर बताते हैं कि उन्हें दसवीं क्लास में ही म्यूजिक की 'लत' लग गई। करीम सिटी कॉलेज से पढ़ाई करने वाले समीर आर्थिक कमजोरी के कारण पढ़ाई के क्षेत्र में आगे नहीं बढ़ पाये तो म्यूजिक का रुख अख्तियार किया। म्यूजिक बैंड बनाने के लिए उन्होंने संघर्ष किया तो लोग उनके साथ जुड़ते गये और रॉकबैंड बनकर तैयार हो गया। इस रॉकबैंड में उनके भाई भी उनके साथ संगीत की साधना करते हैं।

--

दिसंबर में अंतरराष्ट्रीय रॉकबैंड फेस्ट

सिनॉप्सिस की पहल पर इस वर्ष दिसंबर में अंतरराष्ट्रीय स्तर का रॉकबैंड फेस्ट किये जाने की तैयारी की जा रही है। सिनॉप्सिस के निदेशक, यानी रॉकबैंड के निदेशक समीर बताते हैं कि इसके लिए अभी से तैयारी की जा रही है। संभवत: लोयोला मैदान में इस फेस्ट का आयोजन होगा, जिसमें देश समेत विदेशों तक के टॉप रॉकबैंड के रॉकस्टार धूम मचाएंगे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.