Indian railway : कम किराए में यात्रा करना हुआ मुश्किल, जनरल कोच में बढ़ाए गए 15 रुपये
Indian railway. पुरी-नई दिल्ली पुरूषोत्तम एक्सप्रेस में जेनरल कोच लगाए गए हैं लेकिन इन कोचों में यात्रा करने के लिए यात्री को टाटा-से भुवनेश्वर के बीच 15 रुपये अधिक किराया देना पड़ रहा है। बिना रिजर्वेशन व कंफर्म टिकट के कोई यात्री ट्रेन में सफर कर ही नहीं सकते।
जमशेदपुर, जासं। छह माह से यात्री ट्रेनों का परिचालन रेलवे ने बंद कर कुछ स्पेशल ट्रेनों का परिचालन तो शु्रू कर दिया है, लेकिन इन स्पेशल ट्रेनों में पुरी-नई दिल्ली राजधानी एक्सप्रेस जैसी ट्रेनों में तो जेनरल कोच लगाए ही नहीं गए हैं। पुरी-नई दिल्ली पुरूषोत्तम एक्सप्रेस में जेनरल कोच लगाए गए हैं लेकिन इन कोचों में यात्रा करने के लिए यात्री को टाटा-से भुवनेश्वर के बीच 15 रुपये अधिक किराया देना पड़ रहा है। इतना ही नहीं बिना रिजर्वेशन व कंफर्म टिकट के कोई यात्री ट्रेन में सफर कर ही नहीं सकते।
टाटानगर स्टेशन से परिचालन होने वाली पैसेंजर ट्रेनों में प्रतिदिन 800 से 1200 यात्री सफर करते थे। वहीं लंबी दूरी में लगे एक जेनरल कोच में 72 से 110 सीटें होती है। कोरोना काल से पहले जनरल कोच में क्षमता से तीन गुणा अधिक यात्री सफर करते थे। यात्री राहुल महतो ने बताया कि पैसेंजर ट्रेनों का परिचालन होने से ग्रामीण क्षेत्रों के स्टेशनों जैसे चाकुलिया, घाटशिला, गम्हरिया स्टेशन जाने में ग्रामीणों को आसानी होती थी। लेकिन जेनरल कोच में रिजर्वेशन की प्रक्रिया पूरी करने से कई ग्रामीणों को फार्म भरना तक नहीं आता है।
स्पेशल ट्रेनों का हो रहा परिचालन लेकिन पैसेंजर ट्रेनों की ओर ध्यान नहीं
रेलवे ने लंबी दूरी की स्पेशल ट्रेनों का परिचालन तो शुरू कर दिया है और सेकेंड फेज की ट्रेनों का भी परिचालन करने जा रही है। लेकिन टाटानगर स्टेशन से होकर गुजरने व खुलने वाली करीब 19 जोड़ी पैसेंजर ट्रेनों के बारे में रेलवे का ध्यान नहीं जा रहा है। अब जब झारखंड सरकार ने हावड़ा-अहमदाबाद एक्सप्रेस व हावड़ा-मुंबई मेल के झारखंड के टाटानगर व राउरकेला स्टेशन में ठहराव करने की इजाजत दे दी है तो पैसेंजर ट्रेनों का परिचालन करने में रेलवे क्यों परहेज कर रहा है। जबकि प्रतिदिन इन पैसेंजर ट्रेनों में हजारों यात्री सफर करते थे।
पैसेंजर ट्रेन बंद होने से यात्रियों की बढ़ी परेशानी
कोरोना संक्रमण को देखते हुए रेलवे ने पैसेंजर ट्रेनों का परिचालन बंद कर दिया था और लंबी दूरी की जनरल कोच में 15 रुपये किराये टिकट कंफर्म के नाम पर बढ़ा दिए थे। ऐसे आम यात्रियों के लिए बढ़े हुए किराए में सफर करना मुश्किल हो रहा है। दूसरी ओर जेनरल कोच व पैसेंजर ट्रेनों में ज्यादातर ऐसे यात्री सफर करते थे जो रिजर्वेशन फार्म भर ही नहीं सकते थे। अब रिजर्वेशन के बिना जेनरल कोच में सफर करना मुश्किल हो गया है। झारखंड के टाटा, घाटशिला, चाकुलिया, गोविंदपुर, आदित्यपुर, कांड्रा, गम्हरिया, चक्रधरपुर, रांची आदि शहरों में जाने के लिए भी पैसेंजर ट्रेन सेवा रेलवे को शुरू कर देनी चाहिए। ताकि बस में दोगुना किराया यात्रियों को नहीं देना पड़े। पैसेंजर ट्रेन का परिचालन नहीं होने के कारण बसों के दोगुना किराया में गरीब तबके के डेली कमाने खाने वाले लोग सफर नहीं कर पा रहे है।