800 की जगह 65 सिपाही से चल रही यातायात व्यवस्था
पूर्वी सिंहभूम जिले की बात छोड़ दें तो सिर्फ जमशेदपुर शहर में यातायात की व्यवस्था किसी तरह चल रही है।
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : पूर्वी सिंहभूम जिले की बात छोड़ दें, तो सिर्फ जमशेदपुर शहर में यातायात की व्यवस्था किसी तरह चल रही है। इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि सुबह-शाम मानगो पुल पर जाम लगता है, तो साकची से मानगो चौक और डिमना रोड तक बाइक व कार सवार रेंगने लगते हैं। इस बाबत पुलिस उपाधीक्षक (यातायात) बबन सिंह ने बताया कि जिले में 800 ट्रैफिक पुलिस की आवश्यकता है, जबकि हैं सिर्फ 65 सिपाही। इतने कम मैनपावर में यहां कैसे ट्रैफिक कंट्रोल हो रहा है, बस इसका अंदाजा ही लगा सकते हैं। इसके अलावा अन्य उपकरणों, ट्रैफिक पोस्ट, लाइट सिग्नल आदि की भी कमी है।
दूसरी ओर जिला परिवहन विभाग में मानव संसाधन की कमी से जूझ रहा है। जिला परिवहन पदाधिकारी दिनेश कुमार रंजन बताते हैं कि जिले में सहायक परिवहन पदाधिकारी के 10 पद रिक्त हैं, लेकिन हैं दो। वह भी एक साल पहले मिले हैं। इसके अलावा कार्यालय भवन भी पुराना हो गया है। कार्यालय इतना छोटा है कि फाइल रखने तक की जगह निकालने में परेशानी होती है। विभाग के पास वाहन की भी कमी है। खुद उनका वाहन पुराना व जर्जर हो गया है।
ड्राइविग लाइसेंस, नवीकरण, परमिट आदि की बात पर कहा कि अब ज्यादातर काम ऑनलाइन हो गए हैं, जबकि टेस्ट का काम मोटरयान निरीक्षक व यातायात पुलिस के सहयोग से हो रहा है। अब किसी को इन कार्यों के लिए ज्यादा इंतजार नहीं करना पड़ता है। परेशानी सतत निगरानी, निरीक्षण और नियमों का अनुपालन कराने में होती है।
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कंपनी क्षेत्र में कम हुआ यातायात व्यवस्था का बोझ
शहर के कंपनी क्षेत्र की लगभग सभी सड़कों का ना केवल चौड़ीकरण हो गया है, बल्कि उनमें डिवाइडर भी लगा दिए गए है। इससे यातायात पुलिस और जिला परिवहन विभाग का बोझ काफी हद तक कम हो गया है। अब शहर की प्रमुख सड़कों पर दुर्घटना की दर भी कम हो गई है। इसमें ट्रैफिक सिग्नल भी काफी मददगार हैं, लेकिन ये ज्यादातर कंपनी क्षेत्र में लगे हैं। यातायात पुलिस को छह नए ट्रैफिक सिग्नल व 70 नए ट्रैफिक पोस्ट की आवश्यकता है।