बंगाल में हुई नृशंस हत्या के विरोध में निकला मशाल जुलूस
पश्चिम बंगाल में लगातार हो रही हिदुओं की नृशंस हत्या का आक्रोश सोमवार को शहर में दिखा। हिदू एकता मंच के बैनर तले निकले मशाल जुलूस में कई लोग शामिल हुए जो साकची स्थित शीतला मंदिर से साकची के बड़ा गोलचक्कर तक गया। जुलूस में शामिल लोग नारे लगाते हुए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से इस्तीफा देने और केंद्र सरकार से बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग कर रहे थे।
जासं, जमशेदपुर : पश्चिम बंगाल में लगातार हो रही हिदुओं की नृशंस हत्या का आक्रोश सोमवार को शहर में दिखा। हिदू एकता मंच के बैनर तले निकले मशाल जुलूस में कई लोग शामिल हुए, जो साकची स्थित शीतला मंदिर से साकची के बड़ा गोलचक्कर तक गया। जुलूस में शामिल लोग नारे लगाते हुए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से इस्तीफा देने और केंद्र सरकार से बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग कर रहे थे। जुलूस की समाप्ति पर ममता बनर्जी का पुतला फूंका गया।
जुलूस की समाप्ति पर मंच के मुख्य संरक्षक विनोद सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में गत दिनों आरएसएस कार्यकर्ता बंधु प्रकाश पॉल, उनकी गर्भवती पत्नी ब्यूटी मंडल और उनके आठ वर्षीय बच्चे की घर में घुसकर धारदार हथियार से नृशंस हत्या कर दी गई थी। इससे पहले भी पश्चिम बंगाल में हिदुओं की निर्मम हत्या की जा रही थी। यह सब बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के इशारे पर किया जा रहा है, वह भी सिर्फ मुस्लिम वोट बैंक की राजनीति के कारण। इन हत्याओं पर वैसे लोग मौन साधे हुए हैं, जो विशेष जाति-धर्म के लिए बात-बात पर कैंडल मार्च निकालते हैं।
मशाल जुलूस में शिवप्रकाश शर्मा, विजय तिवारी, मंच के अध्यक्ष मोंटी अग्रवाल, मनोज वाजपेयी, विनोद राय, भागवत मुखर्जी, दिनेश सिंह, रंजीत यादव, नीलकमल शेखर, राजीव सिंह, रवींद्र सिंह, अनिमेष सिन्हा विश्व हिदू परिषद के अध्यक्ष अवतार सिंह गांधी, अमिताभ सेनापति, रामनाथ सिंह, मनोज दुबे, राजा मिश्रा, दशरथ शुक्ला, महावीर सिंह, उपेंद्र गिरि, सुशील सिंह, उमा शर्मा समेत कई लोग शामिल थे।
-------------
हिदू धर्म का मजाक उड़ाने पर होगा कड़ा विरोध
हिदू एकता मंच ने कहा कि इस देश में हिदू धर्म, परंपरा, रीतिरिवाज और देवी-देवताओं का सोशल मीडिया पर मजाक उड़ाने का चलन बन गया है। मंच ऐसे तत्वों के खिलाफ कड़ा रूख अपनाएगा। इसके पीछे समाजविरोधी ताकतों की मंशा होती है कि नई पीढ़ी हिदू धर्म से विमुख होकर मुस्लिम व ईसाई धर्म की ओर आकर्षित हो।