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Top Jamshedpur News of the Day, 04th March 2020, सीएम ट़वीट, ट्रैकमेन, अनशन, कोरोना वायरस

सीएम ने हाता-चाईबासा मार्ग पर वाहन परिचालन सुचारू करने के निर्देश दिए हैं। रेल लाइन के किनारे ट्रैकमेन के लिए रेस्‍ट हाउस का निर्माण किया जाएगा।

By Vikas SrivastavaEdited By: Published: Wed, 04 Mar 2020 06:00 PM (IST)Updated: Wed, 04 Mar 2020 06:00 PM (IST)
Top Jamshedpur  News of the Day, 04th March 2020,  सीएम ट़वीट, ट्रैकमेन, अनशन, कोरोना वायरस
Top Jamshedpur News of the Day, 04th March 2020, सीएम ट़वीट, ट्रैकमेन, अनशन, कोरोना वायरस

जमशेदपुर (जेएनएन)। हाता- चाईबासा मार्ग पर भारी वाहनों का परिचालन बंद होने को लेकर किए गए ट़वीट का असर यह हुआ कि मुख्‍यमंत्री ने परिचालन शुरू करने का आदेश दिया है। ट्रैकमेन को भोजन करने व आराम करने के लिए रेल किनारे रेस्‍ट रूम का निर्माण किया जाएगा। सेल गुवा में रोजगार की मांग को लेकर अनशन पर बैठे लोगों में तीन की हालत बुधवार को बिगड़ गई। कोरोना वायरस के खौफ में ब्रायलर के मूल्‍य में भारी गिरावट आ गई है। 

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हेमंत सोरेन ने लिया संज्ञान, हाता-चाईबासा मार्ग पर यातायात सुचारू करने का आदेश

पुल जर्जर होने की वजह से  हाता-चाईबासा राष्‍ट्रीय राजमार्ग (एनएच 220) पर भारी वाहनों का परिचालन बंद होने के मामले को मुख्‍यमंत्री हेमंत सोरेन ने गंभीरता से लिया है। उन्‍होंने सरायकेला-खरसावां उपायुक्‍त को आदेश जारी किया है कि पुल का निर्माण होने तक डायवर्सन का निर्माण कर यातायात सुचारू कराएं। दैनिक जागरण ने पिछले दिनों 15 दिनों से एनएच 220 पर भारी वाहनों का परिचालन ठप होने की खबर प्रकाशित की थी। खबर में बताया गया था क‍ि राजनगर थाना क्षेत्र के मुरूमडीह का पुराना पुल जर्जर होने की वजह से प्रशासन ने सात फरवरी से ही भारी वाहनों का परिचालन बंद करा रखा है। आवागमन को रोकने के लिए  पुल के दोनों ओर कंक्रीट के बड़े पत्‍थर रखे गए हैं। 15 दिन से ज्‍यादा वक्‍त बीत जाने के बाद भी न तो डायवर्सन बना और नहीं पुल निर्माण के लिए कोई कार्रवाई हुई। चाईबासा भाया सरायकेला कांड्रा मार्ग को छोड़कर अधिकांश भारी वाहन इसी मार्ग से लौह अयस्‍क और अन्‍य माल की ढुलाई करते है। इसका असर स्‍थानीय लोगों की रोजी-रोटी पर भी है। 

ट्रैकमेन के लिए अच्‍छी खबर, रेल लाइन के किनारे होगा रेस्ट रूम 

दुश्‍वारियों के बीच सुरक्षित रेल परिचालन में अहम भूम‍िका निभाने वाले ट्रैकमैन को भोजन और आराम के लिए बेहतर जगह होगी। उन्‍हें यहां-वहां भटकना नहीं पड़ेगा।  ट्रैकमेन तमाम खतरों के बीच और चौबीस घंटे वे लाइन के मेन्टेनेंस और निगरानी करते हैं। रेल प्रशासन ने करीब एक करोड़ रुपये खर्च कर चक्रधरपुर रेल मंडल के विभिन्न स्टेशनों में रेल लाइन के किनारे रेस्ट रूम बनाने का निर्णय लिया है। कुछ स्टेशनों में ट्रैकमेनों के लिए रेस्ट रूम का कार्य पूरा भी किया जा चुका है। दिसंबर तक मंडल के सभी स्टेशनों में ट्रैकमेनों के लिए रेस्ट रूम तैयार हो जाएंगे। चक्रधरपुर रेल मंडल में लगभग 5 हजार ट्रैकमेन कार्यरत हैं। एक गैंग में 20-25 ट्रैकमेन होते हैं। भीषण गर्मी, बरसात तथा ठंड के मौसम में अपने कार्य को अंजाम देते हैं। रेस्ट रूम में बिजली, स्वच्छ पेयजल, शौचालय, चेयर, टेबल लगे होंगे। 

रोजगार की मांग पर अनशन कर रहे दो अनशन‍कारियों की हालत बिगड़ी

रोजगार की मांग पर अनशन कर रहे दो अनशनकारियों की हालत तीसरे दिन बुधवार को बिगड़ गई। एक को चिरिया के सेल अस्‍पताल में भर्ती कराया गया है। एक को निम्‍न रक्‍तचाप की शिकायत है। आदर्श श्रमिक स्वावलंबी सहकारी समिति के बैनर तले सेल प्रबंधन कार्यालय के समक्ष दो मार्च से अनशन चल रहा है। तीसरे दिन किशोर लोहार को हालत बिगड़ने पर चिरिया के सेल अस्पताल में भर्ती कराया गया है। वही मानुएल नाग पर  निगरानी रखी जा रही है। अनशनकारियों का कहना है कि तीन दिन में  सेल प्रबंधन या स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने उनकी खोज-खबर लेने की जरूरत नहीं समझी है। आमरण अनशन को लेकर प्रखंड से लेकर जिला के अधिकारियों को लिखित मांग पत्र सौंपा गया है।

कोरोना की दहशत ने बिगाड़ा बॉयलर चिकन का जायका, कीमत में भारी गिरावट

चाईबासा जिला में रोजाना 10 से अधिक मुर्गी लेकर गाड़ी आती थी।  बीते एक माह से 2 से 3 गाड़ी ही आ रही है। रोजाना 10 से 12 लाख रुपये का नुकसान हो रहा रहा है।  थोक विक्रेताओं को लगातार घाटा हो रहा है। शहर के दुकानदार असरफ अली ने कहा कि चाईबासा शहर में लगभग 30 मुर्गा की दुकानें हैं। प्रत्येक दिन कम से कम 200 किलो बॉयलर प्रत्येक दुकानों से बेचा जाता था। जब से अफवाह फैली है लोगों ने मुर्गा ले जाना ही बंद कर दिया है। बाजार में बहुत बुरा असर देखने को मिल रहा है। थोक दाम में भी बड़ी गिरावट है। बाजार में बॉयलर की कीमत 70-90 रुपये तक प्रति किलो है। इससे पहले कीमत प्रति किलो 120 से 130 रुपया हुआ करती थी। दुकानदार काफी परेशान हैं। हालांकि देशी मुर्गा में  किसी प्रकार कोई दिक्कत नहीं हो रही है। 


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