आम के आम, गुठली के दाम: फलों के छिलके से बन रहा टायलेट क्लीनर
जमशेदपुर में फलों के छिलके से टायलेट क्लीनर बनाया जा रहा है। इसके लिए सिदगोड़ा स्थित बस डिपो में एक प्लांट डाला गया है।
जमशेदपुर, जागरण संवाददाता। झारखंड के पूर्वी सिंहभूम के जमशेदपुर में फलों के छिलके से टायलेट क्लीनर बनाया जा रहा है। इसके लिए जमशेदपुर अधिसूचित क्षेत्र समिति (जेएनएसी) ने सिदगोड़ा स्थित अपने बस डिपो में एक प्लांट डाला है। अभी फिलहाल 10 ड्रम टायलेट क्लीनर बनाया जाएगा। ये प्लांट सफल रहा तो इसे विस्तार दिया जाएगा।
फलों के छिलके से टायलेट क्लीनर बनाने का आइडिया नगर प्रबंधक रवि भारती का है। शहर में जनवरी में स्वच्छता सर्वेक्षण होने वाला है। जेएनएसी इसकी तैयारी के लिए कचरा प्रबंधन पर कुछ अनोखा करने की सोच रही थी। तभी नगर प्रबंधक रवि भारती ने ये फलों के कचरे से टायलेट क्लीनर बनाने का प्रस्ताव रखा। इसे जेएनएसी के विशेष अधिकारी ने सराहा और इसके बाद योजना को धरातल पर उतार दिया गया। विशेष अधिकारी ने बताया कि जेएनएसी की योजना महीने में 100 ड्रम टायलेट क्लीनर बनाने की है। इसे धीरे-धीरे आगे बढ़ाया जाएगा।
एक महीने में बनता है टायलेट क्लीनर
ये टायलेट क्लीनर एक महीने में बनता है। नगर प्रबंधक ने बताया कि एक ड्रम में फलों के छिलके रखे गए हैं। ये छिलके 10 दिन में सड़ जाएंगे। छिलके सडऩे से साइट्रिक एसिड निकलेगा। इसके बाद इनमें बायो एंजाइम डाला जाएगा। साइट्रिक एसिड रासायनिक क्रिया कर एक महीने में टायलेट क्लीनर बना देगी। फलों के छिलकों से टायलेट क्लीनर बनाने में ज्यादा कामगारों की जरूरत नहीं पड़ती है। साथ ही इसमें खर्च भी कम है।
शहर से बटोरे जा रहे फलों के छिलके
जेएनएसी ने शहर में अभी 25 दुकानें चिन्हित की हैं। यहां से रोज फलों के छिलके एकत्र किए जा रहे हैं। जेएनएसी का प्लान है कि जल्द ही अपने इलाके के सभी फल दुकानों को इस बारे में अवगत करा दिया जाएगा। उन्हें एक ड्रम दे दिया जाएगा। इसी ड्रम में वो छिलके डालेंगे। इन्हें जेएनएसी के सफाई कर्मी ले जाकर प्लांट के ड्रमों में डाल देंगे।