Cyber Crime : एटीएम फ्रॉड से ऐसे बचें, ये रही पूरी जानकारी
साइबर अपराधी एक के बाद एक तरकीब निकालकर लोगों को चूना लगाते हैं। एटीएम फ्राड के मामले बढ़ गए हैं। ऐसे में आपके लिए बचाव के उपाय जानना जरूरी है।
जमशेदपुर, जेएनएन। एटीएम फ्रॉड के मामले बढ़ गए हैं। साइबर अपराधी विभिन्न तरीकों से लोगों को धोखा देकर उनकी गाढ़ी कमाई लूट रहे हैं। आइए आपको बताते हैं कि इन उपायों से आप साइबर अपराधियों का शिकार बनने से बच पाएंगे।
साइबर अपराधी आमतौर पर लोगों को खास तरीके से बरगलाते हैं। जमशेदपुर के कदमा के शास्त्री नगर ब्लॉक नंबर दो के रहनेवाले तबरेज आलम का खाता बिष्टुपुर एसबीआइ में था। एटीएम कार्ड खराब होने के कारण उन्होंने नए एटीएम कार्ड के लिए आवेदन दिया था। उन्हें किसी अज्ञात नंबर से फोन आया। फोन करनेवाले ने कहा कि वह बैंक से बोल रहा है। उनका एटीएम कार्ड आया है इसके लिए उसने पुराने कार्ड का नंबर पूछा। जिसे कंफर्म करने के लिए फोन पर आया और ओटीपी भी पूछ लिया। ओटीपी बताने पर उसने कहा कि कुछ दिनों के बाद एटीएम कार्ड घर पर मिल जाएगा। बाद में खाते से चौदह हजार रुपये कट जाने का मैसेज आया।
- एटीएम में फ्रॉड होने पर इसे ध्यान रखें
- फ्रॉड होने पर बैंक के काल सेंटर को तुरंत सूचना दें। मोबाइल नंबर से एटीएम कार्ड ब्लाक नहीं होता।
- एटीएम कार्ड ब्लाक करने के लिए 16 अंकों के एटीएम कार्ड नंबर, कस्टमर आइडी या खाता संख्या में किसी एक की जरूरत पड़ती है। इसके अलावा अन्य कोई जानकारी नहीं दें।
- खाते में अपना फोन नंबर रजिस्टर्ड कराएं। खाते संबंधी कार्य के लिए रजिस्टर्ड नंबर से ही फोन करें और उसके बाद आए एसएमएस को संभाल कर रखें।
- कॉल सेंटर हर कॉल रिकार्ड करते हैं, फ्रॉड की सूचना देते समय और एटीएम कार्ड ब्लाक कराते समय स्पष्ट जानकारी दें, आगे काम आएगी।
- आरबीआइ के नियमों के तहत कार्ड ब्लाक कराने के बाद भी खाते से रकम निकलेगी तो बैंक की जिम्मेदारी होगी, बशर्ते आप समय से सूचना दें।
- बैंक की गलती से हुए गलत ट्रांजेक्शन से ग्राहक के नुकसान की जिम्मेदारी पूरी तरह बैंक की है।
- जिस अवैध ट्रांजेक्शन में ग्राहक या बैंक, किसी की गलती न हो और ग्राहक ने बैंक अलर्ट मैसेज मिलने के तीन दिन में इसकी सूचना दे दी है तो बैंक को ग्राहक की पूरी रकम वापस करनी होगी। चार से सात दिन में सूचना दिए जाने पर बैंक वापसी रकम में कटौती करेगा और खातों की प्रकृति के अनुसार पांच हजार से लेकर 25 हजार रुपये या ट्रांजेक्शन में गई रकम, दोनों में जो कम हो, उसकी भरपाई करेगा।
- ग्राहक की गलती से हुए अवैध ट्रांजेक्शन की जिम्मेदारी बैंक की नहीं होगी। हां, ठगी की सूचना देने और कार्ड ब्लाक कराने के बाद भी खाते से रकम निकल गई तो बैंक जिम्मेदार होंगे और ठगी गई पूरी रकम की भरपाई करेंगे।
- अवैध ट्रांजेक्शन की सूचना सात दिन के बाद देने पर बैंक बोर्ड की अप्रूवल पालिसी के अनुसार भुगतान होगा।