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लौहनगरी में फुटबॉल की संस्कृति विकसित करना लक्ष्य : काहिल

ऑस्ट्रेलियाई फुटबॉल लीजेंड टिम काहिल का कहना है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 28 Sep 2018 10:06 PM (IST)Updated: Fri, 28 Sep 2018 10:06 PM (IST)
लौहनगरी में फुटबॉल की संस्कृति विकसित करना लक्ष्य : काहिल
लौहनगरी में फुटबॉल की संस्कृति विकसित करना लक्ष्य : काहिल

जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : ऑस्ट्रेलियाई फुटबॉल लीजेंड टिम काहिल का कहना है कि जममशेदपुर एफसी से जुड़कर वह गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं। मुझे पता है इसे पूर्वी भारत की खेल राजधानी कहा जाता है। मेरा लक्ष्य टाटा ग्रुप के साथ मिलकर जमशेदपुर में फुटबॉल की संस्कृति को विकसित करना है। इसके लिए टाटा स्टील से मजबूत रिश्ता कायम करना चाहता हूं। टाटा फुटबॉल अकादमी में अभ्यास सत्र के बाद बातचीत करते हुए ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी काहिल ने कहा कि टाटा ग्रुप जिस तरह से खेलों को विशेषकर फुटबॉल को बढ़ावा दे रही है, वह प्रशसनीय है। इनसे हमारा करीबी संबंध है और मैं इसे और भी मजबूत करना चाहता हूं।

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रिटायरमेंट के बाद कोच बनने का दिया संकेत

टिम काहिल इशारों में यह कहा कि वह रिटायरमेंट के बाद कोच की भूमिका में नजर आना चाहते हैं। गौरतलब है कि इसी साल नवंबर में वह अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेने वाले हैं। मिडफिल्डर सह फारवर्ड के खिलाड़ी टिम काहिल ने कहा कि यदि भारतीय फुटबॉल महासंघ फुटबॉल की बेहतरी के लिए उनका सहयोग चाहती है, तो वे करने को तैयार हैं। उन्होंने कहा कि भारत में फुटबॉल की अपार संभावनाएं हैं। यहा ट्रेनिंग की सविधा भी बेहतर है और खिलाड़ियों में फुटबॉल के प्रति प्रेम भी देखने को मिलता है, ऐसे में हम कह सकते हैं कि भारत में फुटबॉल का भविष्य उज्जवल है।

सेमीफाइनल में पहुंचना लक्ष्य

काहिल ने कहा कि हमारा पहला मैच दो अक्टूबर को मुंबई एफसी से है, जिसके लिए हम सभी तैयार हैं। हम सभी की पहली कोशिश टीम को शीर्ष चार में पहुंचाने की है। इसके लिए हमने विशेष रणनीति बनाई है, जो मैदान पर देखने को मिलेगा।

ऑलराउंडर होते हैं मिडफिल्डर

काहिल ने कहा कि फुटबॉल में मिडफिल्डर की भूमिका सबसे अहम होती है। उसे गोल बचाना, गोल बनाना और गोल करना तीनों ही डिपार्टमेंट में अपना योगदान देना होता है। इसलिए मैं सभी तरह की भूमिका के लिए हमेशा तैयार रहता हूं। जेएफसी के लिए मैं मिडफिल्डर और फारवर्ड दोनों ही भूमिका सक्रि रहूंगा।

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गौरव, मोबासिर के खेल को सराहा

चार फीफा विश्वकप में ऑस्ट्रेलिया का प्रतिनिधित्व कर चुके टिम काहिल ने कहा कि स्थानीय खिलाड़ी गौरव मुखी और मोबासिर रहमान तथा टीएफए कैडेट विशाल दास ये सभी ऐसे खिलाड़ी हैं, जो आनेवाले समय में भारतीय फुटबॉल को बुलंदियों पर ले जाएंगे। इनमें सीखने की ललक है और ये मेहनत करने से पीछे नहीं हटते।

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लौहनगरी के कायल हैं काहिल

टिम काहिल थोड़े दिनों में ही लौहनगरी के कायल हो गए हैं। उन्होंने कहा कि यह एक शात, सुंदर और ग्रीन सिटी है। यहा के लोग काफी मिलनसार और प्यार बाटनेवाले हैं। हमें जमशेदपुर के लोगों से काफी प्यार मिला है, इसलिए हमारी कोशिश मैच जीतकर उन्हें खुशिया प्रदान करने की होगी।

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भारतीय व्यंजन नान बटर चिकन के मुरीद

टिम काहिल को भोजन में बटर चिकन और नान काफी पसंद है। लेकिन काहिल कहते हैं कि एक खिलाड़ी होने के नाते खान-पान को लेकर विशेष ध्यान रखता है। मन तो बहुत कुछ खाने को करता है, लेकिन हमें मसालेदार भोजन से हमेशा परहेज करना पड़ता है।


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