दस वर्ष से सामाजिक बहिष्कार का दंश झेल रहा आदिवासी परिवार Jsmshedpur News
social boycott. धोबनी पंचायत के कागदोहा गांव में रहने वाले इस परिवार के युवक तिरम दास सोरेन ने बताया कि बेवजह मेरे परिवार को कागदोहा के प्रधान व ग्राम माझी पिथोनाथ मुर्मू व आसपास के टोला के माझी भी बहिष्कार कर रहे हैं।
जमशेदपुर, जासं। पूर्वी सिंहभूम जिला स्थित मुसाबनी प्रखंड का एक आदिवासी परिवार करीब दस वर्ष से सामाजिक बहिष्कार का दंश झेल रहा है। धोबनी पंचायत के कागदोहा गांव में रहने वाले इस परिवार के युवक तिरम दास सोरेन ने बताया कि बेवजह मेरे परिवार को कागदोहा के प्रधान व ग्राम माझी पिथोनाथ मुर्मू व आसपास के टोला के माझी भी बहिष्कार कर रहे हैं।
इसकी वजह से मेरे परिवार को सामाजिक, आर्थिक व मानसिक कष्ट से गुजरना पड़ रहा है। मेरे पालतू पशुओं की भी चोरी हो रही है। हमेशा मेरे परिवार के सदस्यों पर जान-माल का खतरा बना रहता है। एक-दो बार परिवार को नलकूप से पानी लाने पर मारा-पीटा भी गया। उन्होंने इसकी शिकायत मुसाबनी थाना में भी की थी, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। इसकी वजह पूछने पर तिरम दास ने बताया कि उनके परिवार की करीब 11 एकड़ जमीन है, जिसमें धान की खेती होती है। ग्राम प्रधान समेत अन्य लोगों की मंशा हमलोगों को गांव से भगाने की है, ताकि हमारी जमीन पर ये लोग कब्जा कर सकें। इन्होंने पहले मेरे पिता स्व. सगराम सोरेन को परेशान किया।
ग्राम प्रधान ने मांगे 30 हजार रुपये
तिरम दास ने बताया कि सुनियोजित तरीके से गांव के लोगों को मेरे परिवार के खिलाफ एकजुट किया गया। ग्राम माझी को भी तैयार करके सामाजिक बहिष्कार की घोषणा कराई, जिससे मेरा परिवार डरा-सहमा रहता है। वह पांच बहनों में अकेला भाई। तीन बहनों की शादी हो चुकी है, जबकि बड़ी बहन सोनामुनी सोरेन अविवाहित है। एक दिन ग्राम माझी पिथेनाथ मुर्मू अपने सहयोगी टोला के माझी सोमाय हेम्ब्रम के साथ आया और सामाजिक बहिष्कार का फैसला वापस लेने के लिए मुझे 30 हजार रुपये मांगे। मैंने कहा कि इतनी बड़ी राशि नहीं दे सकता। यह तो गुंडागर्दी है।
उपायुक्त से शिकायत करने पहुंचे
इसी बात की लिखित शिकायत करने वह अपनी बड़ी बहन सोनामुनी सोरेन इसकी शिकायत करने मंगलवार को उपायुक्त कार्यालय आया था। उपायुक्त कार्यालय के बाहर रखी शिकायत पेटी में उसने अपनी पीड़ा उपायुक्त सूरज कुमार के नाम से डाल दी है। मुझे उम्मीद है कि युवा उपायुक्त मेरे परिवार की पीड़ा को समझेंगे और जान-माल की क्षति से बचाएंगे।