इस बार होली पर 499 साल बाद बन रहा अद्भुत संयोग, जानें क्या है खास बात Jamshedpur News
Holi. इस बार होली पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र योग में होने से होलिका दहन करने से लोगों को यश और कीर्ति की भी प्राप्ति होगी। लेकिन इस बार होली अन्य साल की तुलना में काफी खास है।
जमशेदपुर (जासं। Holi 2020 नौ मार्च को होली का पर्व धूमधाम और हर्षोल्लास के साथ मनाया जाएगा। होली पर होलिका दहन रात 8.35 से 8.50 तक किया जाएगा। इस बार होली पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र योग में होने से होलिका दहन करने से लोगों को यश और कीर्ति की भी प्राप्ति होगी। लेकिन इस बार होली अन्य साल की होली की तुलना में काफी खास है, क्योंकि इस होली पर 499 साल बाद अद्भुत संयोग बन रहा है। जो हर राशि के जातकों को शुभ फल देने वाला होगा।
मार्च 1521 में इससे पहले बना था महासंयोग
बता दें कि ये महासंयोग इससे पहले साल 1521 में बना था। तब भी मकर राशि में शनि ग्रह और गुरु अपनी धनु राशि में रहे थे और इस बार भी ऐसा ही रहने जा रहा है। इसके चलते होली पर शुभ संयोग रहेगा। इससे पहले 03 मार्च 1521 यानि अब से 499 साल पहले होली के दिन दोनों ग्रहों के अपनी-अपनी राशियों में होने के कारण ऐसा संयोग बनाया था। इस होली के बाद सभी राशि वाले लोगों की परेशानियां खत्म होने की उम्मीद है।
भद्राकाल की बाधा नहीं रहेगी
ज्योतिषाचार्यों के मुताबिक, होलिका दहन के समय इस साल भद्राकाल की बाधा नहीं रहेगी। फाल्गुन माह की पूर्णिमा यानी होलिका दहन के दिन भद्राकाल सुबह सूर्योदय से शुरू होकर दोपहर करीब डेढ़ बजे ही खत्म हो जाएगा। इस तरह होलिका दहन शाम को प्रदोष काल में यानी शाम 6:30 से 7:20 तक किया जा सकेगा। वहीं पूर्णिमा तिथि रात 11 बजे तक रहेगी।
होलिका दहन पर रोग, शोक और दोष का नाश
होली पर स्वराशि स्थित गुरु की दृष्टि चंद्रमा पर रहेगी, जिससे गजकेसरी योग का प्रभाव रहेगा। तिथि-नक्षत्र और ग्रहों की विशेष स्थिति में होलिका दहन पर रोग, शोक और दोष का नाश होगा, शत्रुओं पर विजय भी मिलेगी। होली पर शुक्र मेष राशि, मंगल और केतु धनु, राहु मिथुन, सूर्य और बुध कुंभ और चंद्र सिंह राशि में रहेगा। ग्रहों के इन योगों में होली आने से यह शुभ फल देने वाली रहेगी। होलिका दहन के दिन तामसी वस्तुओं का सेवन न करें क्योंकि देवताओं की पूजा देवता बनकर करनी चाहिए।