Move to Jagran APP

जरूरतमंदों के राशन को लगी सिस्टम की नजर, ये है जनवितरण प्रणाली की जमीनी सच्‍चाई Jamshedpur News

कोल्‍हान में जनि‍वितरण प्रणाली की हकीकत हैरान करनेवाली है। सुदूर गांवों में नेटवर्क फेल रहने व फ‍िंगर प्रिंट मैच नहीं होने से करीब 80 हजार गरीब हर माह राशन नहीं ले पाते हैं।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Thu, 30 Jan 2020 10:19 AM (IST)Updated: Thu, 30 Jan 2020 10:19 AM (IST)
जरूरतमंदों के राशन को लगी सिस्टम की नजर, ये है जनवितरण प्रणाली की जमीनी सच्‍चाई Jamshedpur News
जरूरतमंदों के राशन को लगी सिस्टम की नजर, ये है जनवितरण प्रणाली की जमीनी सच्‍चाई Jamshedpur News

जमशेदपुर, जेएनएन। This is the ground truth of public distribution system in Kolhan jharkhand झारखंड  के कोल्हान प्रमंडल के गांवों में सरकारी राशन वितरण को सिस्टम की नजर लग गई है। पहाड़ों और जंगलों से घिरे सुदूर गांवों में नेटवर्क फेल रहने व जरूरतमंदों के फ‍िंगर प्रिंट मैच नहीं होने से करीब 80 हजार गरीब हर माह जनवितरण प्रणाली की दुकानों से राशन लेनेसे वंचित रह जाते हैं।

loksabha election banner

पूर्वी सिंहभूम में 4,08,623 कार्डधारक हैं, जिससे 16,61,371 सदस्य जुड़े हैं। इनमें 3,49,907 पूर्वविक्ता प्राप्त परिवार (पीएच हेड) व 58,716 अंत्योदय कार्डधारक हैं। इनमें 47,790 कार्डधारी राशन से वंचित हैं। इन्होंने दिसंबर 2019 में राशन ही नहीं लिया। अब इसके पीछे फ‍िंगर प्रिंट का मैच नहीं कारण हो या ई-पॉश मशीन का लिंक फेल होने की बात, प्रश्न है कि इतने लोगों को राशन नहीं मिला। खाद्य आपूर्ति विभाग के आंकड़े को ही मानें तो राशन उठाव नहीं होने से इन कार्डधारक परिवारों के लगभग 1,91,160 सदस्य प्रभावित हुए। यह तब है, जब 11 प्रखंडों में 1490 जनवितरण प्रणाली (पीडीएस) दुकानें हैं। इनमें शहरी क्षेत्र की दुकानों से औसत 10-15 फीसद और ग्रामीण क्षेत्रों में 20-25 फीसद लोग हर बार राशन से वंचित रह जाते हैं।

इस तरह नहीं मिलता राशन

  • ई-पॉश का लिंक फेल होने से जरूरतमंदों को टरका देते हैं डीलर
  • फ‍िंगर प्रिंट मैच नहीं करने के कारण भी राशन नहीं देते हैं दुकानदार
  • दो-तीन बार चक्कर काटने के बाद दूर गांवों से आने वाले नहीं उठाते राशन
  • मोबाइल नहीं होने के कारण ओटीपी सिस्टम का लाभ नहीं उठा पाते गरीब

क्या-क्या मिलता है

  • पीएच कार्डधारी को शहरी क्षेत्र में प्रति व्यक्ति दो किलो गेहूं व तीन किलो चावल दिया जाता है। गांवों में प्रति व्यक्ति पांच किलो चावल दिया जाता है।
  • अंत्योदय के तहत शहर में 21 किलो चावल और 14 किलो गेहूं तथा गांवों में 35 किलो चावल दिया जाता है।
  • सफेद कार्डधारी को प्रति कार्ड डेढ़ लीटर केरोसिन दिया जाता है।
  • पीटीजी डाकिया योजना के तहत 35 किलो राशन प्रत्येक माह दिया जाता है।

पश्चिम सिंहभूम में हर माह 25 हजार कार्डधारी को नहीं मिलता राशन

पश्चिम सिंहभूम जिले में कार्डधारियों की संख्या तीन लाख 61 हजार 868 है। इनमें पीएच कार्डधारियों की संख्या दो लाख 43 हजार 511 है। अंत्योदय की संख्या 96 हजार 206 और सफेद कार्डधारियों की संख्या 21 हजार 932 है। जिले में पीटीजी डाकिया योजना के तहत 219 जरूरतमंद परिवार आते हैं। जनवितरण प्रणाली की दुकानों संख्या 1252 है। अधिकतर दुकानों पर राशन का वितरण ई-पोश मशीन द्वारा ही होता है। एक अनुमान के मुताबिक प्रत्येक दुकानदार के यहां करीब 20 जरूरतमंद हर माह राशन लेने से वंचित रह जाते हैं। इस प्रकार देखा जाए तो करीब 25 हजार से अधिक जरूरतमंद विभिन्न कारणों से राशन नहीं उठा पाते हैं।

सरायकेला खरसावां में करीब 7216 कार्डधारी नहीं उठा पाते राशन

सरायकेला-खरसावां जिले में गरीबी रेखा के नीचे गुजर-बसर करने वाले 182084 जरूरतमंदों के पास पीएच और 34467 के पास अंत्योदय कार्ड है। जिले में 216551 कार्डधरियों के बीच राशन बांटने के लिए कुल 769 जनवितरण प्रणाली की दुकानें हैं। इनमें लगभग 7216 कार्डधारी प्रत्येक महीने राशन उठाने से वंचित रह जाते हैं। वजह, नेटवर्क फेल रहता तो कभी इनका ¨फगर ¨पट्र ही मैच नहीं करता। कामकाज छोड़कर दो-तीन दिन दुकानों का चक्कर लगाने के बाद सुदूर गांवों के जरूरतमंद जाना ही छोड़ देते हैं। प्रशासन तक पहुंच नहीं होने से जरूरतमंद शिकायत भी नहीं कर पाते हैं। इसका लाभ उठा कर डीलर फर्जी तरीके से राशन गटक जाते हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.