जान की दुश्मन बन गई इस डॉक्टर की संपत्ति, कभी बेटा किडनैप करता है कभी बेटी; बड़ा खुलासा
इस डॉक्टर की संपत्ति जान की दुश्मन बन गई है। कभी बेटा किडनैप करता है तो कभी बेटी। नाम है डॉ एबी बलसारा। अब इस मामले में बड़ा खुलासा हुआ है।
जमशेदपुर, जेएनएन। ये संयुक्त बिहार के नामी-गिरामी न्यूरो फिजिशियन रहे हैं। मुफ्त इलाज का इनका रिकार्ड रहा है। लेकिन अब इस डॉक्टर की संपत्ति जान की दुश्मन बन गई है। कभी बेटा किडनैप करता है तो कभी बेटी। नाम है डॉ एबी बलसारा। अब इस मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। डॉ. एबी बलसारा को अमेरिका में बेटी ने बंधक बना लिया था। वे बड़ी मशक्कत के बाद बंधक मुक्त होकर जमशेदपुर लौट आए हैं। उन्होंने बताया है कि बेटी की योजना किसी तरह जान ले लेने की थी ताकि चल-अचल संपत्ति पर कब्जा जमा सकें।
बेटे डॉ फरहाद बलसारा ने अमेरिका स्थित भारतीय दूतावास की मदद से उन्हें छुड़ाकर यहां लाया है। डॉ. बलसारा पारसी परिवार से ताल्लुक रखते हैं। शनिवार को डॉ बलसारा ने अपने बेटे और वकील संग मीडिया से आपबीती साझा की। उन्होंने बताया कि वस्तुस्थिति से जमशेदपुर के बिष्टुपुर थाना की पुलिस को भी अवगत करा दिया है। गौरतलब हो कि डॉ बलसारा ने अपने बेटे डॉ फरहाद बलसारा के खिलाफ बिष्टुपुर थाना में मामला दर्ज कराया था और उसके बाद यह बात सामने आई थी कि वह बेटी के यहां अमेरिका चले गए हैं। क्योंकि उन्हें यहां बेटे से जान को खतरा और उनकी देखरेख भी ठीक ठंग से नहीं हो पा रही थी।
पिछले वर्ष बेटे और उसकी मंगेतर पर किया था केस
डॉ. एबी बलसारा और उनकी पत्नी रोशन बलसारा टाटा मेन हास्पीटल में डॉक्टर थे। पत्नी का देहांत हो चुका है। डॉ बलसारा ने पिछले वर्ष बेटे और उसकी मंगेतर के खिलाफ बिष्टुपुर थाना में केस किया था और आरोप लगाया था कि दोनों बंधक बनाकर संपत्ति हड़पने में जुटे हैं। दिसंबर 2017 में उन्हें दोनों ने मिलकर जान से मारने की कोशिश भी की थी। चाकू से हमला बोला था। बेटे ने बैंक से रुपये निकालने पर भी रोक लगवा दिया है। डॉक्टर बलसारा के दो बेटे हैं। एक अमेरिका में रहता है।
बेटी ने उठाया पिता की मानसिक कमजोरी का फायदा
डॉ एबी बलसारा के बेटे डॉ फरहाद बलसारा ने पिता की मौजूदगी में बताया कि बेटी और दामाद ने डॉ बलसारा की मानसिक स्थिति का फायदा उठाया और उन्हें यह समझाया कि कामिनी बलसारा में रांची हाई कोर्ट में उनके खिलाफ दुष्कर्म का केस दायर कर दिया है। बचाव के लिए कामिनी और फरहाद के खिलाफ केस करना होगा। इसी के बाद फरहाद और कामिनी के खिलाफ बिष्टुपुर थाने में केस किया गया। थाने में केस दर्ज कराने के बाद बेटी नवाज बलसारा झा डॉ बलसारा को लेकर अमेरिका चली गई। उन्हें अमेरिका ले जाने में नवाज की करीबी शर्मिना पारीख ने मदद की। उसने डॉ बलसारा के मन में यह बैठाया कि उनके लिए जमशेदपुर के सीएच एरिया आवास छोड़कर अमेरिका में बेटी के यहां रहना ही सुरक्षित रहेगा।
थाना प्रभारी की भूमिका पर भी सवाल
नये खुलासे में बिष्टुपुर के तत्कालीन थाना प्रभारी श्रीनिवास की भूमिका पर भी सवाल उठाए गए हैं। बताया कि थाना प्रभारी डॉ बलसारा की बेटी नवाज झा बलसारा और दामाद प्रकाश झा से मिले थे। उन्होंने दोनों के इशारे पर डॉ बलसारा के कमरे में लगे सीसीटीवी को हटवा दिया था। थाना प्रभारी कई बार डॉ फरहाद और उसकी पत्नी को घर खाली कर देने की सलाह दे चुके थे और धमकाया था कि झूठे मुकदमें में फंसा दिया जाएगा। डॉ बलसारा के पड़ोसी अवतार सिंह तारी और उनके बेटे रवि सिंह तारी भी बेटा-बेटी के घर बेचने की योजना में कथित तौर पर शामिल थे और कई बार घर छोड देने के लिए डॉ फरहाद को धमका चुके थे। धन हड़पने की बेटी -दामाद की साजिश में डॉ बलसारा का पुराना चालक जफर खान भी शामिल था।
अमेरिका ले जाकर बेटी ने रख दिया ओल्ड एज होम में
डॉ फरहाद बलसारा ने बताया कि अमेरिका जाने के कुछ ही दिनों बाद पिता का फोन आया कि बेटी-दामाद ने अपने आवास से हटाकर उन्हें ओल्ड एज होम में रख दिया है। किसी से मिलने और बात करने पर बंदिश लगा दी गई है। बेटी-दामाद मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताडि़त कर रहे हैं। उनका ई मेल आइडी भी हैक कर लिया गया है। वे भारत वापस आना चाहते हैं, लेकिन उनके पिफजिकल कस्टडी की पावर ऑफ एटर्नी अपने नाम करा ली है। इतना ही नहीं उनसे छल कर बैंक डिलिंग, फिनांस, प्रोपार्टी आदि की पावर ऑफ एटॉर्नी भी उनसे धोखे में करा ली है।
बेटे ने साधा विदेश मंत्रालय से संपर्क, मांगी मदद
डॉ बलसारा से बातचीत के बाद बेटे डॉक्टर फरहाद ने भारतीय विदेश मंत्रालय से संपर्क साधा और डॉ एस जयशंकर, तत्कालीन विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और पत्रकार रविश कुमार समेत कई लोगों को ट्वीट कर मदद मांगी। इंडियन कांसुलेट ने संपर्क कर मदद मांगी और उसके बाद डॉ बलसारा वापस लौट सके।
बेटी का था खतरनाक प्लान
बेटी की योजना थी कि ओल्ड एज में पिता को मरने के लिए छोड दिया जाए और उके घर को बेचेने के साथ ही उनकी नगदी भी अपने नाम करा ली जाए।
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