यह डॉक्टर गढ़ रहा भविष्य, खुद की कमाई से शिक्षकों को देता वेतन
दंत रोग विशेषज्ञ डॉ. जहर बनर्जी मुफ्त चिकित्सा करते है। इतना ही नहीं, वे देश का भविष्य गढऩे का काम भी कर रहे है।
जमशेदपुर [अमित तिवारी]। शहर के दंत रोग विशेषज्ञ डॉ. जहर बनर्जी की कहानी प्रेरित करने वाली है। ये देश ही नहीं बल्कि विदेश में भी मुफ्त चिकित्सा करते है। इतना ही नहीं, वे देश का भविष्य गढऩे का काम भी कर रहे है। गरीबों के लिए डॉ. बनर्जी ने नीलडीह में एक स्कूल व महिलाओं के लिए एक प्रशिक्षण केंद्र खोला है जिसका नाम अभया आदर्श शिक्षा केंद्र है। सुबह में कक्षा एलकेजी से पांचवीं तक की पढ़ाई होती है। वहीं शाम में महिलाओं को सिलाई का प्रशिक्षण देकर उन्हें हुनरमंद बनाया जा रहा है। 26 फरवरी 2005 को डॉ. बनर्जी ने भुइयांडीह स्थित ग्वाला बस्ती में आठ बच्चों के साथ अभया स्कूल की शुरूआत की थी। यह स्कूल अब नीलडीह स्थित सामुदायिक विकास केंद्र में चलता है। यहां 35 बच्चे पढ़ाई करते है। सुबह सात से 11.30 बजे तक रोजाना क्लास होती है। सिर्फ मंगलवार को छुïट्टी रहती है। डॉ. बनर्जी कहते हैं कि स्कूल में सिर्फ मजदूरों के ही बच्चे पढ़ते हैं। अधिकांश मजदूरों की छुïट्टी मंगलवार को ही रहती है इसलिए उनके बच्चे को भी उसी दिन छुïट्टी दी जाती है, ताकि वे अपने माता-पिता के साथ एक दिन बिता सकें। रविवार को स्कूल में क्लास होती है। वहीं अभया प्रशिक्षण केंद्र में 17 महिलाएं मुफ्त में सिलाई का प्रशिक्षण ले रही है।
गरीबों पर हर साल दो लाख रुपये खर्च करते डॉ. बनर्जी
गरीब बच्चे को पढ़ाने व महिलाओं को हुनरमंद बनाने के लिए डॉ. बनर्जी ने तीन शिक्षकों को रखा है। दो शिक्षक बच्चे को पढ़ाते है जबकि एक महिलाओं को सिलाई का प्रशिक्षण देती है। इन शिक्षकों को वेतन डॉ. बनर्जी ने खुद की कमाई से देते है। बच्चे व महिलाओं की भविष्य पर वे हर साल करीब दो लाख रुपये खर्च करते हैं। इसमें शिक्षकों का वेतन से लेकर बच्चों को किताब-कॉपी व पेंसिल देने तक शामिल हैं। डॉ. बनर्जी बच्चों के लिए अलग से एक अंग्रेजी व कंप्यूटर क्लास खोलना चाहते हैं।
1995 से कर रहे मुफ्त इलाज, विदेशों में भी देते है सेवा
डॉ. जहर बनर्जी 1995 से मुफ्त चिकित्सा सेवा कर रहे है। अबतक वे बांग्लादेश, हांगकांग, केन्या, वेस्टइंडीज, साउथ अफ्रीका सहित अन्य देशों में मुफ्त में सेवा दे चुके हैं। इसके साथ ही देश के अलग-अलग राज्यों में अब तक करीब 200 शिविर लगाकर गरीबों का इलाज किए हैं। डॉ. जहर बनर्जी ने इंटर की पढ़ाई केएमपीएम इंटर कॉलेज से की। इसके बाद कोलकाता से बीडीएस की पढ़ाई पूरी की। चार साल टाटा मुख्य अस्पताल (टीएमएच) में सेवा दी। इसके बाद वे टिनप्लेट अस्पताल चले गए। इसी क्रम में वे वर्ष 1993 में इंग्लैंड चले गए, जहां एमएस की पढ़ाई पूरी की। इंग्लैंड से 1995 में वापस जमशेदपुर लौटकर मरीजों के साथ समाज की सेवा में जुट गए।