देश-विदेश में धूम मचा रही अंशुमन भगत की यह पुस्तक, ओएमजी बुक ऑफ रिकॉर्ड्स ने भी दिया सम्मान
स्टील सिटी जमशेदपुर ने बॉलीवुड अभिनेत्री प्रियंका चोपड़ा निर्देशक इम्तियाज अली क्रिकेटर महेंद्र सिंह धौनी से लेकर ना जाने कितने सितारे दिए हैं जो आज विश्व में प्रसिद्धि का पताका फहरा रहे हैं। इसी कड़ी में एक और नाम जुड़ गया है अंशुमन भगत का।
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : किसी भी क्षेत्र में लोकप्रियता हासिल करना गर्व की बात होती है। स्टील सिटी जमशेदपुर ने बॉलीवुड अभिनेत्री प्रियंका चोपड़ा, निर्देशक इम्तियाज अली, क्रिकेटर महेंद्र सिंह धौनी से लेकर ना जाने कितने सितारे दिए हैं, जो आज विश्व में प्रसिद्धि का पताका फहरा रहे हैं। इसी कड़ी में एक और नाम जुड़ गया है अंशुमन भगत का।
लेखन की दुनिया की सबसे बड़ी कंपनी ने दिया सम्मान
जमशेदपुर के रहने वाले अंशुमन भगत को अपनी पुस्तक- 'योर ओन थॉट' के लिए '2021 में लेखन की दुनिया में भारत का सबसे लोकप्रिय युवा चेहरा' का सम्मान मिला है। उन्हें भारत की चौथी बड़ी कंपनी "ओएमजी बुक ऑफ रिकॉर्ड्स" की उपाधि से नवाजा गया है। गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स और लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स की तरह लोकप्रिय भारतीय संस्करण, ओएमजी बुक ऑफ रिकॉर्ड्स भी कम लोकप्रय नहीं है।
ओएमजी ने 'बेस्ट इंस्पिरेशनल कोट्स' के लिए किया सम्मानित
ओएमजी बुक ऑफ रिकॉर्ड्स ने अंशुमन भगत को कम उम्र में साहित्य में योगदान देने और दूसरों को प्रेरित करने में मदद की। उन्हें उनकी पुस्तक- 'योर ओन थॉट' और 'बेस्ट इंस्पिरेशनल कोट्स' के लिए सम्मानित किया गया है। उनकी किताब भारत के हर मंच पर उपलब्ध है।
कोविड-19 से लड़ने की देते हैं प्रेरणा
खैर, ओएमजी बुक ऑफ रिकॉर्ड्स उन लोगों को सम्मानित करता है जिन्होंने कुछ नया करने या बनाने में सफलता हासिल की है जो कई लोगों को प्रेरित करता है। और अंशुमन ने ठीक वैसा ही किया है। वह न केवल लोगों को घातक COVID19 महामारी से निपटने के लिए प्रेरित करते हैं, बल्कि इससे लड़ने के लिए और अपनी प्रेरणा के साथ राष्ट्र को आगे ले जाने के लिए भी प्रेरित करते हैं।
झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने भी सराहा
हाल ही में उनकी पुस्तक "योर ओन थॉट" को झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री माननीय रघुवर दास से प्रशंसा मिली। उन्होंने कहा कि अंशुमन द्वारा लिखी गई पुस्तक कुछ सकारात्मक भावनाओं के साथ जीवन को एक नया रूप दे सकती है। यह एक सार्थक प्रयास है कि इस पुस्तक के माध्यम से युवाओं को प्रेरणा मिलेगी। इसके अलावा विदेश में भी अंशुमन की पुस्तक और उनके लिखने के अंदाज को भी पसंद कर रहे हैं।