मधुमेह रोगियों का घाव ठीक करेगी मशीन, जानिए इसकी खूबी
जमशेदपुर की प्रिया रानी ने एक ऐसी मशीन बनाई है, जिससे काफी कम समय में घाव और अल्सर को शत-प्रतिशत ठीक किया जा सकता है।
जमशेदपुर [मुजतबा हैदर रिजवी]। लंबे समय से घाव या त्वचा के अल्सर से जूझ रहे मधुमेह रोगियों के लिए अच्छी खबर है। ऑस्ट्रेलिया के रॉयल मेलबर्न इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी यूनिवर्सिटी से बायोमेडिकल इंजीनियरिंग में बी टेक कर रही जमशेदपुर की प्रिया रानी ने एक ऐसी मशीन बनाई है, जिससे काफी कम समय में घाव और अल्सर को शत-प्रतिशत ठीक किया जा सकता है। लंबे समय शोध करने के बाद प्रिया रानी ने मशीन से मिले परिणाम के आधार पर दावा किया है कि घाव और अल्सर का इलाज कम समय में संभव है। इस मशीन को प्रिया रानी पेटेंट कराने की तैयारी में हैं।
ऐसे काम करती है मशीन
स्वस्थ मानव के त्वचा की सतह के तापमान से मधुमेह के मरीजों के त्वचा की सतह का तापमान काफी अधिक होता है। ऐसी स्थिति में घाव होने पर उस पर दवा लगाने पर ठीक होने की रफ्तार काफी कम होती है। यह मशीन मधुमेह के रोगियों के त्वचा का तापमान स्वस्थ व्यक्ति के त्वचा की सतह के तापमान से भी कम कर देता है, जिससे दवा के असर की रफ्तार तेज हो जाती है। दरअसल यह मशीन त्वचा की सतह का तापमान नियंत्रित कर दवा के असर को तेज कर देती है।
26 मधुमेह रोगियों पर किया गया शोध
मधुमेह रोगियों के घाव और अल्सर से संबंधित रिसर्च करने में प्रिया रानी को कई महीने लगे। उन्होंने बताया कि इसके लिए उन्होंने 26 मधुमेह रोगियों को लिया। इनके घाव का लगातार अध्ययन किया गया। इनमें से 15 लोग ऐसे थे, जिन के घाव कई महीने से ठीक नहीं हो रहे थे। 11 लोगों के पैर में अल्सर थे। एक ही तापमान पर इनके घाव की मशीन के जरिए थर्मल इमेज ली गई। इसके बाद घाव के आसपास के त्वचा के तापमान को कम किया गया। जिन घाव में तापमान कम था उनके ठीक होने की प्रक्रिया काफी तेज थी। जिन घाव में तापमान कम नहीं किया गया वह ठीक नहीं हो रहे थे।
मशीन में लगे हैं ये उपकरण
मशीन में एसीटेट फिल्म और मेडिकल रूलर नामक उपकरण लगाए गए हैं। जो घाव के आसपास के तापमान को रीड करते हैं। इस उपकरण के जरिए डॉक्टर देखता है कि तापमान के घटने का क्रम 50 फीसद से ज्यादा है या नहीं। अगर तापमान के घटने का क्रम 50 फीसद से ज्यादा है तो घाव या अल्सर ठीक होने की प्रक्रिया तेज हो जाती है।
बचाया जा सकेगा मधुमेह रोगियों का काफी पैसा
रिसर्चर प्रिया रानी ने बताया कि कि उन्होंने मेलबर्न यूनिवर्सिटी के चीफ रिसर्चर बेहजाद अली अहमद के साथ मिलकर किया है। इस रिसर्च से साफ हो गया है कि मधुमेह रोगियों के घाव और पैर के अल्सर कम समय में ठीक किए जा सकते हैं। इससे मरीज का पैसा और समय बचाया जा सकता है। भारत में लाखों मधुमेह रोगी हैं। इनमें से 10 फीसद रोगियों के पैर में अल्सर है। झारखंड और जमशेदपुर में भी मधुमेह रोगियों की तादाद कम नहीं है। अब इस मशीन से इन रोगियों को भारी फायदा होने की आस जगी है।
सांख्यिकी अधिकारी हैं पिता
मानगो के बालीगुमा स्थित न्यू ग्रीन सिटी अपार्टमेंट की रहने वाली प्रिया रानी जमशेदपुर अक्षेस में तैनात सहायक सांख्यिकी अधिकारी रमेश कुमार की बेटी हैं। वह अब मेलबर्न यूनिवर्सिटी की रिसर्च विंग में हैं। इसके पहले भी उन्होंने कई शोध किए हैं।