कंपनियों में पिछले साल 1000 से अधिक हुई गंभीर दुर्घटनाएं
झारखंड में संचालित कंपनियों में पिछले साल 1000 से अधिक गंभीर दुर्घटनाएं दर्ज की गई। इसमें कई ऐसी दुर्घटनाएं भी हुई जिसमें कर्मचारियों की मौत भी हुई।
जासं, जमशेदपुर : झारखंड में संचालित कंपनियों में पिछले साल 1000 से अधिक गंभीर दुर्घटनाएं दर्ज की गई। इसमें कई ऐसी दुर्घटनाएं भी हुई जिसमें कर्मचारियों की मौत भी हुई। इसे तकनीक की सहायता से रोका जा सकता है। ऐसे में काम के दौरान हर कर्मचारियों को और अधिक सतर्क रहने की आवश्यकता है।
कंफडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री (सीआइआइ) द्वारा बिष्टुपुर स्थित बेल्डीह क्लब में तीसरा औद्योगिक सुरक्षा सम्मेलन का आयोजन किया गया। जिसे संबोधित करते हुए झारखंड के मुख्य कारखाना निरीक्षक गोपाल कुमार ने ये बातें कहीं। दुनिया की लगभग सात प्रतिशत आबादी विभिन्न कंपनियों में मजदूर से इंजीनियर के रूप में शॉप फ्लोर पर कार्यरत हैं। ऐसे में काम के दौरान सतर्क रहने की आवश्यकता है हालांकि फैक्ट्रीज एंड माइंस एक्ट बनने के बाद सेफ्टी के क्षेत्र में काफी काम हुआ है और आगे अभी बहुत कुछ करने की जरूरत है। वर्तमान समय में कर्मचारियों की सेफ्टी के लिए जरूरी है कि कंपनियों में अधिक से अधिक डिलीटलाइजेशन हो। इससे मैनपावर, स्टैंडर्ड प्रोसिज्योर और सेफ्टी ऑफिसर के बीच की खाई को पाटा जा सकता है। डिजिटलाइजेशन की मदद से हम तकनीकी रूप से बेहतर हो पाएंगे। क्योंकि आने वाले समय में डिजिटलाइजेशन का कोई विकल्प नहीं है। यह अनिवार्य और हमारे जीवन का अहम हिस्सा होगा। इस मौके पर सीआइआइ झारखंड सेफ्टी पैनल के चीफ नीरज कुमार सिन्हा, सीआइआइ झारखंड स्टेट काउंसिक के वाइस चेयरमैन तापस साहू, सीआइआइ जोनल काउंसिल के वाइस चेयरमैन रंजोत सिंह सहित अन्य ने सम्मेलन में अपने विचार रखे।
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दुर्घटनाओं को रोकने के लिए टाटा स्टील ने की पहल : चाणक्य
सम्मेलन में बोलते हुए सीआइआइ झारखंड चैप्टर के चेयरमैन सह टाटा स्टील के (कॉरपोरेट सर्विसेज) चाणक्य चौधरी ने कहा कि मैन और मशीन के बीच अधिक से अधिक दूरी हो। इसके लिए सेफ्टी पर टाटा स्टील काफी काम करते हुए डिजिटालाइजेशन पर ज्यादा जोर दे रही है। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि सेफ्टी मानको को अपनाना चाहिए फिर चाहे वह कंपनी का सामान्य कर्मचारी हो या अधिकारी। इसके अनुपालन से दुर्घटनाएं कम होगी। उन्होंने कहा कि किसी भी संगठन में अपने सभी कर्मचारियों को सुरक्षित कार्यक्षेत्र देने की जिम्मेदारी कंपनी प्रबंधन की है। दुर्घटनाओं को रोकने के लिए हर कंपनी को एक मजबूत सेफ्टी मैनेजमेंट सिस्टम को लागू करना चाहिए।
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मजबूत सेफ्टी कल्चर बनाने की जरूरत : नीरजकांत
सभा में बोलते हुए सीआइआइ के पूर्व प्रेसिडेंट इंडियन स्टील एंड वायर प्रोडक्ट के एमडी नीरजकांत ने कहा कि व्यवहारिक सुरक्षा बेहद महत्वपूर्ण है। जब व्यवहार आधारित सेफ्टी प्रोग्राम प्रभावी हो जाता है तब असुरक्षित व्यवहार को बदलने, काम के दौरान दुर्घटनाओं को कम करने और मैनपावर ज्यादा विश्वास से काम करता है। किसी भी कंपनी के लिए एक मजबूत सेफ्टी कल्चर बनाने के लिए ये काफी आवश्यक है।