रंगकर्मी ऊषा गांगुली ने जमशेदपुर में भी किया था मंचन Jamshedpur News
ऊषा गांगुली करीब 12 वर्ष पूर्व जमशेदपुर आई थीं उन्होंने यहां साकची स्थित रवींद्र भवन में बांगला व हिंदी के एक-एक नाटक का मंचन किया था।
जमशेदपुर (जागरण संवाददाता)। बंगाल ही नहीं पूरे देश में अलग पहचान रखने वाली रंगकर्मी ऊषा गांगुली ने जमशेदपुर में भी मंचन किया था। उनके निधन से यहां के रंगकर्मी काफी दुखी हैं।
रंगकर्मी असीम डे उर्फ नेपु दा ने बताया कि ऊषा गांगुली करीब 12 वर्ष पूर्व जमशेदपुर आई थीं, उन्होंने यहां साकची स्थित रवींद्र भवन में बांग्ला व हिंदी के एक-एक नाटक का मंचन किया था। ऊषा नाट्य मंडली नाम से संस्था का संचालन करती थीं। उनकी उषा नाट़य मंडली में हमेशा नए-नए कलाकारों को मौका मिलता था।
वह खुद तो बेहतरीन अदाकारा व निर्देशक थी हीं, उनके नवोदित कलाकार भी वाहवाही बटोर लेते थे। इससे पहले उन्होंने साकची स्थित बंगाल क्लब व बिष्टुपुर स्थित मिलानी में भी मंचन किया था। रंगकर्मी मो. निजाम ने ऊषा गांगुली के साथ एक तस्वीर साझा की है। निजाम उनसे गत वर्ष कोलकाता थियेटर फेस्टिवल के दौरान मिले थे। निजाम ने कहा कि ऊषा गांगुली का निधन रंगकर्म जगत के लिए राष्ट्रीय क्षति है।
कोलकाता में दिल का दौरा पड़ने से निधन
विख्यात रंगकर्मी ऊषा गांगुली का गुरुवार सुबह साढ़े सात बजे कोलकाता के लेक गार्डन स्थित घर में दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। उनकी उम्र 75 वर्ष थी। पारिवारिक सूत्रों के अनुसार ऊषा गांगुली रीढ़ की हड्डी की समस्या से काफी समय से परेशान थीं। उनका एक बेटा भी है। हालांकि लेकिन वह फ्लैट में अकेली रहती थीं। उनके निधन से थियेटर की दुनिया में शोक की लहर है।
महाभोज, होली, रुदाली, कोट मार्शल जैसे नाटकों के लिए ऊषा गांगुली को हमेशा याद रखा जाएगा। काशीनाथ सिंह के उपन्यास पर आधारित बहुचर्चित नाटक 'काशी का अस्सी' भी बहुत चर्चित रहा और देशभर में कई जगह इसका मंचन किया गया था। रंगमंच में अतुल्य योगदान के चलते उन्हें संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था। गौरतलब है कि कुछ साल पहले उनके पति कमलेंदु का देहावसान हो गया था।