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ओडिशा में दूसरे चरण की ई-नीलामी से जुड़ी चाईबासा के दो लौह अयस्क कारोबारी समूह की प्रतिष्ठा Jamshedpur News

टाटा समूह की सुकिंदा क्रोमाइट माइंस की नीलामी 17 मार्च और आरपी साव की गुवाली आयरन ओर माइंस की नीलामी 18 मार्च को होगी।

By Vikas SrivastavaEdited By: Published: Mon, 16 Mar 2020 01:25 PM (IST)Updated: Mon, 16 Mar 2020 04:45 PM (IST)
ओडिशा में दूसरे चरण की ई-नीलामी से जुड़ी चाईबासा के दो लौह अयस्क कारोबारी समूह की प्रतिष्ठा Jamshedpur News
ओडिशा में दूसरे चरण की ई-नीलामी से जुड़ी चाईबासा के दो लौह अयस्क कारोबारी समूह की प्रतिष्ठा Jamshedpur News

चाईबासा (सुधीर पांडेय)। ओडिशा में एक-दो दिन में ही दो प्रमुख लौह अयस्‍क खदानों की नीलामी होने जा रही है जिसपर इस क्षेत्र से जुड़े लोगों की नजरें टिकी हुई थीं। यह दूसरा चरण है जब सुकिंदा व गुवाली ब्लाक की ई-नीलामी सरकार कराने जा रही है। इसके पूर्व प्रथम चरण में 18 लौह अयस्क ब्लॉक की नीलामी पिछले माह पूरी हो चुकी है। दूसरे चरण में ओडिशा में चाईबासा के दो लौह अयस्क कारोबारियों की दो प्रमुख खदानों की ई-नीलामी होने जा रही है। 

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सुकिंदा क्रोमाइट की 17 व गुवाली आयरन ओर माइंस की 18 को होगी नीलामी 

दूसरे चरण के तहत टाटा समूह की सुकिंदा क्रोमाइट माइंस की नीलामी 17 मार्च और आरपी साव की गुवाली आयरन ओर माइंस की नीलामी 18 मार्च को होगी। चाईबासा के लोगों की नजरें खासतौर से इन दोनों खदानों की नीलामी पर टिकी हुई हैं।

अगर दोनों संचालक टाटा समूह व आरपी सावअपनी-अपनी खदान नहीं बचा पाये तो उनके यहां कार्यरत कर्मचारियों की नौकरी पर संकट गहराना तय माना जा रहा है। टाटा स्टील की सुकिंदा माइंस के लिए अलग-अलग चार कंपनियों ने टेक्नीकल बिडिंग क्वालीफाई की है। वहीं दूसरी ओर गुवाली माइंस के लिए 14 बिडर ने टेक्नीकल बिडिंग को क्वालीफाई कर लिया है। सुकिंदा खदान के लिए रुंगटा के अलावा वेदांता, एमएसपीएल व टीएस अलायज ने अपनी-अपनी दावेदारियों को पेश कर रखा है। वहीं गुवाली माइंस के लिए टीपी साव, अडाणी समूह, मित्तल, जेएसडब्ल्यू, जेएसपीएल, एस्सेल माइनिंग जैसे बड़े कारोबारी नीलामी पाने के लिए मैदान में कूद चुके हैं।

इस माइंस की बोली 160 फीसद से ऊपर जाने की संभावना जताई जा रही  है। जोर-आजमाइश कर रहे कारोबारियों में टीपी साव व रुंगटा चाईबासा मूल के समूह हैं। दोनों ही झारखंड और ओडिशा में लंबे समय से लौह अयस्क के कारोबार से जुड़े रहे हैं। टीपी साव की पश्चिमी सिंहभूम जिले में स्थित लौह अयस्क खदान पारिवारिक विवाद के कारण बंद चल रही  है जबकि रुंगटा की खदान की 31 मार्च को लीज की अवधि समाप्त होने जा  रही है। हर बीडर अपने स्‍तर से खदान का लीज पाने के लिए प्रयासरत है। 

सुकिंदा माइंस के लिए टेक्नीकल बिड इन कंपनियों ने किया है क्वालीफाई

1. टाटा स्टील अलॉयज

2. रुंगटा माइंस

3. एमएसपीएल लिमिटेड

4. वेदांता

गुवाली आयरन ओर ब्लॉक को 14 कंपनियों ने टेक्नीकल बिड क्वालीफाई

1. अडानी समूह

2. अफ्फलोफ्ट

3. मित्तल

4. एस्सल माइनिंग

5. जेएसपीएल

6. जेएसडब्ल्यू स्टील

7. केजेएस अहलूवालिया

8. एमएसपीएल लिमिटेड

9. रुंगटा माइंस लिमिटेड

10 सारदा एनर्जी

11. सेराजुद्दीन 

12. सीसिदाडे

13. टीपी साव

14 वेदांता।


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