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नहीं था भाई तो फादर डेविड को मान लिया

भाई-बहन के पवित्र रिश्ते का पर्व रक्षा बंधन पर रक्षा सूत्र बांधने पहुंचना संभव नहीं हो पाता फिर भी यह अनोखा रिश्ता साल दर साल चल रहा है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 26 Aug 2018 12:00 PM (IST)Updated: Sun, 26 Aug 2018 12:00 PM (IST)
नहीं था भाई तो फादर डेविड को मान लिया
नहीं था भाई तो फादर डेविड को मान लिया

जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : भाई-बहन के पवित्र रिश्ते का पर्व रक्षा बंधन पर रक्षा सूत्र बांधने पहुंचना संभव नहीं हो पाता। फिर भी भाई-बहन का यह पवित्र व अनोखा रिश्ता साल दर साल चल रहा है। बहन शहर के अपने मुंहबोले भाई को हर साल मोबाइल से ही लंबी उम्र के लिए दुआ करती है। यह मुंहबोला भाई कोई औेर नहीं बल्कि गोलमुरी स्थित सेंट जोसफ चर्च के पल्ली पुरोहित फादर डेविड विंसेंट हैं। फादर विंसेंट 2003 से 05 तक चाईबासा स्थित सेंट जेवियर स्कूल में प्रधानाचार्य थे। उस समय स्कूल में एक छात्रा पढ़ती थी निशि। उसका कोई भाई नहीं था। रक्षाबंधन पर अन्य भाई-बहनों को देख मायूस हो जाती थी। निशि ने अपने प्रधानाचार्य रहे फादर डेविड विंसेंट को ही मुहबोला भाई बना लिया। अब निशि की शादी हो चुकी है। फिलहाल वह अपने ससुराल रांची के उलिहातु गांव में रहती है। रक्षाबंधन के पावन अवसर पर निशि अपने मुंहबोले भाई फादर डेविड विंसेंट को राखी बांधने चाहकर पर जमशेदपुर नहीं पहुंच पाती। हर वर्ष मोबाइल से ही उन्हें लंबी उम्र की दुआ देती है। बदले में फादर भी अपनी बहन को तरक्की और खुशहाल जिंदगी के लिए आशीष देते हैं।

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फादर डेविड विंसेंट कहते हैं कि निशि हर वर्ष रक्षाबंधन के दिन फोन कर पावन रिश्ते को और अधिक मजबूत बनाती है। वह मेरे लिए लंबी उम्र की और मैं उनके सफल और खुशहाल जीवन और तरक्की के लिए प्रभु से दुआ मांगता हूं। कभी ऐसा नहीं होता कि रक्षाबंधन के दिन निशि का फोन न आए। फोन आते ही मेरा मन पुलकित हो जाता है।


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