Positive India : मेढ़ पर सब्जी और तालाब में मछली व बत्तख पालन कर लिख रहे खुशहाली की इबारत Jamshedpur New
Positive India.झारखंड के पूर्वी सिंहभूम जिले में बंजर भूमि पर बनाए गए नए तालाब और पुराने तालाबों का जीर्णोद्धार कर किसान समृद्धि व खुशहाली की इबारत लिख रहे हैं।
जमशेदपुर,दिलीप कुमार। झारखंड के पूर्वी सिंहभूम जिले में बंजर भूमि पर बनाए गए नए तालाब और पुराने तालाबों का जीर्णोद्धार कर किसान समृद्धि व खुशहाली की इबारत लिख रहे हैं। पानी में जहां मछली और बत्तख पालन कर रहे, वहीं मेढ़ पर सब्जी उगा रहे हैं। यही नहीं, तालाब के पानी से खेत में सब्जी और गरमा धान की खेती भी कर रहे हैं। यानी एक तालाब से कई तरह के काम ले रहे हैं।
इन तालाबों का निर्माण भूमि संरक्षण विभाग ने कराया है। भूमि संरक्षण विभाग द्वारा पिछले तीन वर्षों के दौरान जिले में 452 तालाब का निर्माण साथ ही साथ कई तालाबों का जीर्णोद्धार किया गया है। जिससे तालाबों में मछली पालन, बत्तख पालन, तालाब के चारों ओर खेतों में सब्जी, गरमा धान लगाने के साथ ही तालाब के मेड़ में फलदार वृक्ष लगाकर किसान रोजगार कर रहे हैं। एक ही भूमि पर कई तरह के लाभ लेकर किसान खुशहाल हो रहे हैं। अगर इसी तरह तालाबों को गांव गांव विस्तार दिया जाए, लॉकडाउन के दौरान दूसरे प्रदेशों से लौटे मजदूरों के लिए यह तालाब कारगर साबित हो सकते हैं।
दो तालाब से सलाना 50 हजार की आमदनी
जमशेदपुर से सटे पीपला के किसान है बनबिहारी महतो। इनका दो तालाब है। एक का निर्माण टाटा स्टील रूरल डेवलपमेंट सोसायटी की ओर से कराया है, जबकि दूसरा सरकारी तालाब है जिसका निर्माण भूमि संरक्षण विभाग की ओर से किया गया है। उन्होंने तालाब को अनुबंध पर लिया है। दोनों तालाब से इन्हें सलाना पचास हजार की आमदनी होती है, जबकि तालाब के पानी का उपयोग कर खेती से इन्हें करीब डेढ़ लाख रुपये सलाना आमदनी हो रहा है। तालाब में उन्होंने 12 सौ बत्तख पाला था। लॉकडाउन के दौरान सारे बत्तख हाथोंहाथ बिक गए। वहीं लॉकडाउन के बीच तालाब से करीब पांच क्विंटल मछली भी इन्होंने बेचा। तालाब के पानी के भरोसे बनबिहारी महतो ने चार एकड़ जमीन पर पांच हजार पपीता लगाया है। पारंपरिक खेती से नुकसान उठाने के बाद उन्होंने बागवानी पर ध्यान केंद्रित किया और ताइवानी प्रजाति के रेड लेडी पपीता का पौधा लगाया। इनका अपना ग्रीन हाउस और पॉली हाउस भी है।
तालाब खोदवाने के बाद बदल गया खेती का तरीका
बोड़ाम प्रखंड के चुनीडीह गांव के किसान है नवीन महतो। इन्होंने वर्ष 2019 में भूमि संरक्षण विभाग से अपने जमीन पर तालाब खोदवाया। पानी का प्रबंध होने के बाद से नवीन की खेती करने का तरीका ही बदल गया। इन्होंने बताया कि अपना तालाब होने के बाद मछली पालन के साथ बत्तख पालन शुरू किया। इनके पास करी ब छह सौ बत्तख हैं। इसके अलावा तालाब के किनारे स्थित खेतों में करेला, लौकी, बैगन, झींगा, बरबटी आदि सब्जी की खेती कर रहे हैं। पहले सिंचाई के लिए पानी की दिक्कत होती थी, जो अब नहीं होती।