Move to Jagran APP

झारखंड का एकमात्र विश्‍वविद्यालय जहां स्‍पोटर्स किट के लिए निकाला जाता है टेंडर Jamshedpur News

कोल्‍हान विश्‍वविद्यालय झारखंड का एकमात्र विश्‍वविद्यालय है जहां स्पोट्र्स किट के लिए टेंडर निकाला जाता है। इस कारण कई खिलाडिय़ों उनके अनुसार किट प्राप्त नहीं होता।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Fri, 27 Dec 2019 01:27 PM (IST)Updated: Fri, 27 Dec 2019 01:27 PM (IST)
झारखंड का एकमात्र विश्‍वविद्यालय जहां स्‍पोटर्स किट के लिए निकाला जाता है टेंडर Jamshedpur News
झारखंड का एकमात्र विश्‍वविद्यालय जहां स्‍पोटर्स किट के लिए निकाला जाता है टेंडर Jamshedpur News

जमशेदपुर, जासं।  कोल्हान विश्वविद्यालय खेल को प्रोत्साहित करने की बात करता है, लेकिन प्रोत्साहन को बाधक उसकी नीतियां ही बना रही हैं। खिलाडिय़ों की जर्सी, जूतों और अन्य सामग्री की साइज बगैर ही विश्वविद्यालय स्पोट्र्स किट के लिए टेंडर निकालता है। टेंडर को प्राप्त करने वाली एजेंसी लगातार तीन साल तक खिलाडिय़ों की किट की आपूर्ति करती है, वह भी विश्वविद्यालय से आदेश निकलने के बाद। इस कारण कई खिलाडिय़ों उनके अनुसार किट प्राप्त नहीं होता। इसका विरोध कई खिलाड़ी कर चुके हैं। 

loksabha election banner

झारखंड के अन्य अन्य विश्वविद्यालयों में खेल के लिए आवश्यक राशि निकालने का अधिकारी विश्वविद्यालय के खेल प्रभारी व रजिस्ट्रार होते हैं।  कोल्हान विश्वविद्यालय में ऐसा नहीं है। इस कारण यहां खिलाडिय़ों को समय से राशि नहीं मिलती है। कोल्हान विश्वविद्यालय द्वारा अपने खिलाडिय़ों की किट के लिए वर्ष 2018 में टेंडर निकाला गया था। इसके बाद से ही सारी व्यवस्था गड़बड़ा गई है। 

प्रतियोगिताओं में निवेश करते हैं केयू के शिक्षक

कोल्हान विश्वविद्यालय के शिक्षक विभिन्न प्रतियोगिताओं के लिए अपनी राशि का निवेश करते हैं। खासकर प्रतियोगिताओं के लिए कोच विश्वविद्यालय के शिक्षकों को ही बनाया जाता है। शिक्षक प्रतियोगिताओं के लिए कम से कम दो से ढाई लाख रुपये खर्च करते हैं। इसके बाद विश्वविद्यालय को विपत्र जमा किया जाता है। कई तरह की आपत्तियों का निराकरण के बाद वित्त विभाग द्वारा खर्च की गई राशि लौटायी जाती है। इस प्रक्रिया में दो से छह माह तक का समय लग जाता है। 

ये कहते प्रवक्‍ता

यह बात सही है कि विश्वविद्यालय में स्पोट्र्स किट के लिए टेंडर होता है। टेंडर प्राप्त करने वाली एजेंसी को निर्देश दिया गया है वे खिलाडिय़ों की आवश्यकता के अनुसार उन्हें सामग्री उपलब्ध कराएं। 

 - डॉ. एके झा, प्रवक्ता, कोल्हान विश्वविद्यालय, चाईबासा। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.