Tata Archery Academy: स्वर्णिम रहा है टाटा तीरंदाजी अकादमी का 25 वर्षों का सफर
Tata Archery Academy भारतीय तीरंदाजी की नर्सरी कहे जाने वाले टाटा तीरंदाजी अकादमी ने लिंबा राम पूर्णिमा महतो संजीव सिंह डोला बनर्जी जयंत तालुकदार दीपिका कुमारी से लेकर कोमलिका बारी व अंकिता भकत तक कई ऐसे तीरंदाज दिए। ये रहा सफर
जमशेदपुर, जागरण संवाददाता। टाटा तीरंदाजी अकादमी के लिए गौरव का दिन। चार अक्टूबर 1996 में देश की इस लब्ध प्रतिष्ठित अकादमी की स्थापना की गई थी। भारतीय तीरंदाजी की नर्सरी कहे जाने वाले इस अकादमी ने लिंबा राम, पूर्णिमा महतो, संजीव सिंह, डोला बनर्जी, जयंत तालुकदार, दीपिका कुमारी से लेकर कोमलिका बारी व अंकिता भकत तक कई ऐसे तीरंदाज दिए, जो आज भी अंतरराष्ट्रीय फलक पर भारत का नाम रोशन कर रहे हैं। टाटा तीरंदाजी अकादमी ने संजीव सिंह, पूर्णिमा महतो व धर्मेंद्र कुमार जैसे तीन द्रोणाचार्य पुरस्कार कोच, संजीव सिंह व दीपिका कुमारी जैसे दो पद्मश्री सहित दर्जनों अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित खिलाड़ी दिए हैं।
जेजे ईरानी ने पुरानी यादों को किया साझा
जेआरडी टाटा स्पोर्ट्स कांप्लेक्स में आयोजित सिल्वर जुबिली समारोह में टाटा स्टील के पूर्व प्रबंध निदेशक जेजे ईरानी ने पुरानी यादों को साझा किया। जेजे ईरानी ने टाटा तीरंदाजी अकादमी के 25 साल पूरे होने पर सभी को बधाई दी। उन्होंने कहा कि यह अकादमी भारतीय तीरंदाजी के लिए मील का पत्थर साबित हुआ है। उन्होंने कहा टीएए की स्थापना देश में तीरंदाजी को बढ़ावा देने और दूरदराज के क्षेत्रों में छिपी प्रतिभा को टैप करने के लिए की गई थी जहां हमारे संयंत्र और खदान संचालित होते हैं। मुझे यह जानकर खुशी हो रही है कि यह अपनी उम्मीदों पर खरा उतरा है।
तीरंदाजी के लिए हर संभव मदद को तैयार
टाटा स्टील के कॉर्पोरेट सर्विसेज के उपाध्यक्ष चाणक्य चौधरी ने कहा, टीएए स्थानीय खेल प्रतिभाओं का पोषण कर रहा है। विश्व स्तर के एथलीट बनने के लिए तीरंदाजों को केवल कुछ औपचारिक प्रशिक्षण के साथ एक छोटे से पुश की जरूरत थी। अकादमी ने वही काम किया। टाटा तीरंदाजी अकादमी खिलाड़ियों के अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रदर्शन के लिए जो कुछ भी जरूरत होगा, करने को तैयार है। टाटा वर्कर्स यूनियन के अध्यक्ष संजीव कुमार चौधरी ने अद्भुत बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए टीएए के प्रयासों की सराहना की, जिससे कैडेटों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय तीरंदाजी चैंपियनशिप में पदक जीतने में मदद मिली है।
तीरंदाज कोमलिका बारी व अंकिता को किया सम्मानित
25 वीं वर्षगांठ समारोह में डॉ ईरानी ने तीरंदाज कोमलिका बारी और अंकिता भक्त को सम्मानित किया। कोमलिका बारी ने 2016 में टाटा तीरंदाजी अकादमी में प्रवेश लिया था और अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में अपनी पहचान बनाई। कोमलिका ने 2019 में मैड्रिड, स्पेन में आयोजित विश्व तीरंदाजी युवा चैम्पियनशिप में स्वर्ण पदक जीता था। उन्होंने भारतीय महिला रिकर्व तीरंदाजी में भी स्वर्ण पदक जीता था। 2021 में ग्वाटेमाला में आयोजित तीरंदाजी विश्व कप में टीम इवेंट में भी पदक अपने नाम किया था। अंकिता भकत 2014 में टीएए में शामिल हुई थीं। 2021 तीरंदाजी विश्व कप में, उन्होंने भारत की रिकर्व महिला टीम के हिस्से के रूप में स्वर्ण पदक और रिकर्व मिश्रित टीम में कांस्य पदक जीता था। 2021 में हुंडई तीरंदाजी विश्व कप में,उन्होंने फाइनल में मेक्सिको को 5-1 से हराकर महिला टीम को स्वर्ण दिलाई। अकादमी ने 13 ओलंपियन व तीन पद्मश्री दिएइन वर्षों में, अकादमी ने तीन द्रोणाचार्य पुरस्कार विजेता, दो पद्म श्री पुरस्कार विजेता और सात अर्जुन पुरस्कार विजेता दिए। टीएए को 13 ओलंपियन बनाने का दुर्लभ गौरव प्राप्त है, जबकि इसके कैडेटों ने राष्ट्रीय तीरंदाजी टूर्नामेंट में 213 अंतर्राष्ट्रीय पदक और 875 पदक जीते हैं। टीएए कैडेटों ने सात ओलंपिक खेलों, चार विश्व चैंपियनशिप, तीन एशियाई खेलों, सात एशियाई चैंपियनशिप, सात राष्ट्रमंडल खेलों और 14 युवा विश्व चैंपियनशिप में भाग लिया है। टीएए से अब तक 170 से अधिक कैडेट पास आउट हो चुके हैं।