Durga Puaj: हो गया देवी दुर्गा की प्रतिमा का विसर्जन, शहर की 370 व ग्रामीण इलाकों में 138 प्रतिमा हुईं विसर्जित
काशीडीह स्थित ठाकुर प्यारा सिंह धुरंधर सिंह क्लब के संरक्षक व भाजपा जमशेदपुर महानगर के पूर्व अध्यक्ष अभय सिंह ने यह कहकर तनाव की स्थिति उत्पन्न कर दी थी कि जब तक जिला प्रशासन या राज्य सरकार की ओर से माफी नहीं मांगी जाएगी प्रतिमा का विसर्जन नहीं करेंगे।
जमशेदपुर, जासं। शारदीय नवरात्र की विजयादशमी काे जिस तरह से प्रतिमा विसर्जन को लेकर तनाव की स्थिति बन गई थी, उससे जिला प्रशासन सहित सभी शहरवासियों की सांस अटकी थी। हालांकि दोपहर करीब 12 बजे अपर जिला दंडाधिकारी (एडीएम) नंदकिशोर लाल ने काशीडीह जाकर मामले को ना केवल शांत कर दिया, बल्कि उनकी बातों से प्रभावित होकर शहर की पूजा समितियों ने शांतिपूर्ण विसर्जन की सहमति भी दे दी। रात करीब आठ बजे तक शहर की 370 और ग्रामीण इलाकों में 138 प्रतिमाएं खरकई व स्वर्णरेखा नदी में विसर्जित कर दी गईं। इससे जिला प्रशासन के साथ-साथ शहरवासियों ने भी राहत की सांस ली।
विसर्जन के दौरान सिटी एसपी सुभाषचंद्र जाट व एसडीओ धालभूम संदीप कुमार मीणा सोनारी स्थित दोमुहानी घाट पर डटे रहे। वे बार-बार लाउडस्पीकर से बच्चों व श्रद्धालुओं को गहरे पानी की ओर जाने से मना कर रहे थे। इसके बावजूद लोग नहीं मान रहे थे। सोनारी व कदमा से लेकर मानगो पुल तक विसर्जन के दौरान काफी संख्या में महिलाएं व बच्चे आए थे। मानगो के छोटे व बड़े पुल पर भी काफी श्रद्धालु विसर्जन का दृश्य देख रहे थे। श्रद्धालु ट्रक व छोटे मालवाहक विमान में मां दुर्गा की प्रतिमा लेकर आए। पुलिस चप्पे-चप्पे पर तैनात थी, लेकिन ज्यादा रोक-टोक नहीं कर रही थी। मास्क नहीं पहनने वालों को भी नजरअंदाज कर रही थी। शायद जिला प्रशासन ने काशीडीह मामले के बाद कोई विवाद मोल नहीं लेना चाहता था। बहरहाल, जिसे जैसे मन किया, प्रतिमा का विसर्जन किया। सोनारी के कपाली घाट में थोड़ी देर हुई। इस दौरान एसएसपी डा. एम तमिल वणन विभिन्न नदी घाटों का दौरा कर रहे थे। हर विसर्जन घाट और चौक-चौराहों पर पुलिस बल के साथ जिला प्रशासन की ओर से प्रतिनियुक्त दंडाधिकारी तैनात थे। कहीं से कोई विवाद या अनहोनी की सूचना नहीं मिली।
अभय सिंह ने रख दी थी विसर्जन करने की शर्त
काशीडीह स्थित ठाकुर प्यारा सिंह धुरंधर सिंह क्लब के संरक्षक व भाजपा, जमशेदपुर महानगर के पूर्व अध्यक्ष अभय सिंह ने यह कहकर तनाव की स्थिति उत्पन्न कर दी थी कि जब तक जिला प्रशासन या राज्य सरकार की ओर से माफी नहीं मांगी जाएगी, प्रतिमा का विसर्जन नहीं करेंगे। दरअसल, महाअष्टमी के दिन दोपहर में उपायुक्त सूरज कुमार काशीडीह गए थे। उन्होंने वहां मंदिर से हो रहे भोग वितरण पर आपत्ति जताई। पुलिस ने लाइन में लगे कई श्रद्धालुओं को भगा दिया। इससे अभय सिंह तैश में आ गए। उन्होंने तर्क दिया कि प्रशासन के आदेश में पंडाल से भोग वितरण करने की मनाही है, मंदिर से नहीं। मंदिर को लेकर सरकार या जिला प्रशासन का कोई गाइडलाइंस नहीं है। इसे लेकर उपायुक्त के साथ उनकी काफी बहस भी हुई। हालांकि उपायुक्त ने उसी वक्त कंफ्यूजन की बात कहकर मामले को शांत करा दिया था, लेकिन अभय सिंह इससे संतुष्ट नहीं हुए। शाम तक स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता का भी बयान आ गया कि जिला प्रशासन की गलती के लिए वह सरकार की ओर से माफी मांगते हैं, लेकिन अभय सिंह समेत अन्य पूजा समितियां इस बात पर अड़ी रहीं कि उपायुक्त या जिला प्रशासन की ओर से सार्वजनिक तौर पर माफी मांगी जाए। अभय सिंह ने शुक्रवार की सुबह फेसबुक लाइव से घोषणा कर दी थी कि दोपहर 12 बजे तक जिला प्रशासन ने माफी नहीं मांगी तो वे साकची गोलचक्कर पर धरना देंगे। इससे पहले एडीएम वहां पहुंचे और पूरे विवाद का पटाक्षेप करा दिया।