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अनंत सौंदर्य समेटे है पहाड़ों से घिरे पालना डैम की सुहानी वादियां, आप हो जाएंगे मोहित

प्रकृति की बेहतर चित्रकारी व सौंदर्य का उपहार है पालना डैम। इसकी सुहानी वादियां अनंत सौंदर्य समेटे है । इसे देखेंगे तो आप मोहित हो जाएंगे।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Sat, 28 Sep 2019 09:21 AM (IST)Updated: Sat, 28 Sep 2019 09:21 AM (IST)
अनंत सौंदर्य समेटे है पहाड़ों से घिरे पालना डैम की सुहानी वादियां, आप हो जाएंगे मोहित
अनंत सौंदर्य समेटे है पहाड़ों से घिरे पालना डैम की सुहानी वादियां, आप हो जाएंगे मोहित

जमशेदपुर, दिलीप कुमार। कुदरत ने अपनी चित्रकला से पालना डैम की पहाडिय़ों व वादियों के सौंदर्य को मनमोहक ढंग से उकेरा है। हरे-भरे जंगलों से लदी पर्वत श्रेणियों की तलहटी में प्रकृति की सुंदरता के अनमोल खजाने हैं। जो बरबस ही हर किसी को अपनी ओर आकर्षित करते हैं।

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यह आने वाले पर्यटक पहाड़ों की हरियाली देख रोमांचित होते हैं, इसके साथ ही यहां पर सैलानी मछली मारने का भी आनंद उठाते हैं। यहां पर नववर्ष पर सैलानियों की भीड़ सुंदर दृश्यों को अपने कैमरे में कैद करते हैं। हालांकि सुविधाओं के अभाव में यहां पर्यटकों का आना अब बंद हो गया है। पालना डैम कुछ वर्ष पहले तक अनुपम प्राकृतिक सौंदर्य का प्रतीक था। नवंबर से लेकर मार्च माह तक सैलानी आते थे। अब यह रमणीक स्थल सरकारी उदासीनता और नक्सली खौफ का शिकार हो चुका है। हरी-भरी वादियों के बीच बसा यह डैम अब अपनी बर्बादी की दास्तां सुना रहा है।

एनएच से दो किमी दूरी पर है पालना

जमशेदपुर से रांची की ओर 45 किलोमीटर की दूरी पर एनएच 33 के किनारे बड़ामटांड से बांयी ओर करीब दो किलोमीटर दूर पालना डैम स्थित है। यहां जाने के लिए पक्की सड़क है। डैम का उद्घाटन 14 जनवरी 1983 को संयुक्त बिहार के तत्कालीन मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्रा ने किया था, लेकिन इसके बाद सरकार की ओर से यहां पर्यटकों के लिए कोई सुविधा नहीं प्रदान की गई।

दो दशक से वीरान है पालना डैम

करीब दो दशक से सरकार द्वारा इस पर्यटन स्थल की ओर ध्यान न दिए जाने के कारण यह वीरान होता गया। क्षेत्र के लोगों का कहना है कि अगर सरकार डैम में पर्यटन के विकास की ओर ध्यान दे तो इसकी रौनक दोबारा लौट सकती है। पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए सरकार द्वारा योजनाएं बनाई जाती रही हैं, लेकिन योजनाओं को अमलीजामा नहीं पहनाई जाती। पालना डैम को पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित करने से जहां सरकार को राजस्व मिलेगा, वहीं स्थानीय लोगों को भी रोजगार मिलेगा।

डैम में इसकी है जरूरत

 पालना डैम में पर्यटन के विकास के लिए सरकार यदि सैलानियों के ठहरने को रेस्ट हाउस, डैम में वोटिंग, रेस्टोरेंट, पर्याप्त रोशनी की सुविधा उपलब्ध कराए तो फिर एकबार क्षेत्र गुलजार हो सकता है। वैसे जल संसाधन विभाग पालना डैम को बेहतरीन पर्यटन केंद्र बनाने की दिशा में सक्रियता दिखा रहा है।  


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