Coronavirus शारीरिक और मानसिक स्तर पर स्वच्छता बचाव का श्रेष्ठ उपाय Jamshedpur News
आनंद मार्गी प्रथम संभागीय ऑनलाइन सेमिनार में लगभग 5000 से भी ज्यादा आनंद मार्गी अपने घर पर बैठकर लैपटॉप मोबाइल लैपटॉप व अन्य माध्यमों से शामिल हुए।
जमशेदपुर (जेएनएन)। आनंद मार्गी प्रथम संभागीय ऑनलाइन सेमिनार का आयोजन शुक्रवार को किया गया। इसमें जमशेदपुर उसके आसपास के इलाकों से लगभग 5,000 से भी ज्यादा आनंद मार्गी अपने घर पर बैठकर लैपटॉप मोबाइल एवं अन्य तरह के साधनों के माध्यम से शामिल हुए।
साधकों के मानसाध्यात्मिक प्रगति को ध्यान में रखते हुए लाइव वेबकास्टिंग से तीन दिवसीय प्रथम संभागीय सेमिनार का आयोजन शुरू किया गया है। शुक्रवार को सेमिनार के पहले दिन हिंदी में आनंद मार्ग प्रचारक संघ के सेमिनार के ट्रेनर आचार्य रुद्रानंद अवधूत ने लाइव वेबकास्टिंग से साधकों को संबोधित किया।
आत्मविश्वास व सकारात्मक सोच सबसे जरूरी : रुद्रानंद अवधूत
उन्होंने माइक्रोवाइटम (अणुजीवत्) अणुदेह और भूमादेह पर प्रकाश डालते हुए कहा कि कोरोना वायरस (स्थूल नेगेटिव माइक्रोवाइटम) ने पृथ्वी ग्रह पर एक बड़ी आपदा पैदा की है। महामारी की इस असहाय स्थिति में आनंदमूर्ति जी ने जो मार्गदर्शन किया उसका पालन करना चाहिए। कोरोना वाइरस एक ऋणत्मक (नेगेटिव) माइक्रोवाइटा है जिसका वर्तमान में कोई दवा नहीं बन पाई है। डॉक्टर प्रयास में है। इस बीमारी से लड़ने के लिए पॉजिटिव (धनात्मक) माइक्रोवाइटा एकमात्र उपाय है।
बताए शारीरिक और मानसिक स्तर पर स्वच्छता व बचाव के ये उपाय
दैहिक स्तर पर:-
• मूत्र त्याग के बाद जल का प्रयोग।
•जननेंद्रिय के अग्रभाग के चमड़ा को खोल कर रखना।
• संधि स्थल के बाल को नहीं काटना और नित्य प्रति साबुन से धोकर तेल लगाना और कंघी करना। पुरुषों के लिए लंगोट पहनना आवश्यक। महिलाएं अंतर्वस्त्र पहनें।
•आसन, ध्यान, भोजन एवं शयन से पूर्व व्यापक शौच क्रिया अवश्य करें। व्यापक शौच क्रिया की विधि सबसे पहले जनेन्द्रिय को धोने के बाद घुटने से नीचे के हिस्सा, केहुनी से नीचे हाथ को धो लेंगे। इसके बाद मुंह में पानी भर कर आंख पर 12 बार छींटे लगाएंगे, फिर नाक से पानी खींच कर मुंह से निकाल देंगे, अंत में कान और कंधे को धो लेंगे।
• नित्य प्रति स्नान व सफाई अहम सात्विक भोजन करेंगे। एकादशी अमावस्या और पूर्णिमा के दिन निर्जला उपवास करेंगे।
मानसाध्यात्मिक स्तर पर:-
•नियमित ईश्वर प्रणिधान और अष्टांग योग के सभी अंगों का पालन करें।
•इष्ट , आदर्श, आचरण विधि एवं चरम निर्देश के साथ कभी भी समझौता नहीं करें।
•शपथ का स्मरण और अनुसरण करें। नियमित सप्ताहिक धर्म चक्र में भाग लें।
•आचरण विधि, सेमिनार , कर्तव्य एवं कीर्तन नियमित करें।
•गर्म पानी से गरारा करे। गर्म पानी ही पीएं।।
•गरम भोजन का सेवन करें ।
• मांस-मदिरा प्राण घातक है।
आध्यात्मिक स्तर पर:-
उन्होंने कहा कि "बाबा नाम केवलम्" अष्टाक्षरी सिद्ध महामंत्र कीर्तन गाकर, सर्व मंगलाकांक्षी का भाव लेकर, आध्यात्मिक वातावरण द्वारा सकारात्मक स्पंदन की सृष्टि कर पॉजिटिव माइक्रोवाइटा कोरोना वायरस को प्रतिहत करने में सहायक सिद्ध होगा।