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विवि में गुम हुए दस्तावेज, आरके दास से वसूली का मामला फंसा

जासं, जमशेदपुर : अनियमितताओं के मामले में फंसे को-ऑपरेटिव कॉलेज के पूर्व प्राचार्य डॉ. अ

By JagranEdited By: Published: Tue, 19 Feb 2019 09:01 AM (IST)Updated: Tue, 19 Feb 2019 09:01 AM (IST)
विवि में गुम हुए दस्तावेज, आरके दास से वसूली का मामला फंसा
विवि में गुम हुए दस्तावेज, आरके दास से वसूली का मामला फंसा

जासं, जमशेदपुर : अनियमितताओं के मामले में फंसे को-ऑपरेटिव कॉलेज के पूर्व प्राचार्य डॉ. आरके दास सहित चार लोगों से वसूली के निर्देश का अनुपालन करीब तीन साल बाद भी नहीं हो सका। कारण यह कि कोल्हान विश्वविद्यालय में अनियमितता की राशि की वसूली से संबंधित दस्तावेज गुम हो गए हैं।

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कोल्हान विश्वविद्यालय के पास उपलब्ध दस्तावेज से यह साफ नहीं हो पा रहा है कि इन चारों लोगों ने कुल कितनी राशि की वसूली की जानी है। वर्ष 2016 में कोल्हान विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से बिष्टुपुर थाने में अमानत में खयानत का मामला दर्ज कराया गया। आरोपियों में डॉ. दास के अलावा सेवानिवृत्त कर्मचारी कुलाकात झा, एल कच्छप व शकर रजक के नाम भी शामिल थे।

प्राथमिकी के अनुसार 31 लाख 97 हजार 141 रुपये खर्च कर कॉलेज परिसर में झाड़ी की कटाई करायी गयी थी। इसके लिए एक ही व्यक्ति सेवानिवृत्त कर्मचारी कुलाकात झा ने टेंडर डाला था जिन्हें काम दे दिया गया। इस कार्य के लिए खर्च की गयी राशि का हिसाब-किताब गड़बड़ पाया गया था।

निलंबन के बाद बर्खास्तगी, राजभवन ने की सुनवाई : कई महाविद्यालयों के प्राचार्य रहे डॉ. आरके दास को वित्तीय अनियमितता के आरोप में को-ऑपरेटिव कॉलेज का प्राचार्य रहते निलंबित कर दिया गया था। कुछ समय बाद उन्हें एबीएम कॉलेज में वेतन मद में निर्धारित सीमा से अधिक की राशि की निकासी व को-ऑपरेटिव कॉलेज में किताबों की खरीद के मामले में अनियमितता के आरोपों में बर्खास्त कर दिया गया था। वे 31 दिसंबर 2015 को सेवानिवृत्त हुए। इस मामले में राजभवन में सुनवाई हुई। इसके आधार पर दास सहित अन्य आरोपियों से संबंधित राशि की वसूली कर सेवानिवृत्त लाभ देने का निर्णय हुआ। कोल्हान विवि में अब संबंधित कागजात नहीं मिल रहे। सूत्रों की माने तो विवि की ओर से वसूली के आदेश से संबंधित कागजात की खोज हो रही है।

तीन सदस्यीय टीम ने की थी जांच : अनियमितताओं की जांच के लिए वर्ष 2015 में गत आठ जून को विवि की तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया था। टीम में विश्वविद्यालय के वित्त परामर्शी ब्रजेश तिवारी, वित्त अधिकारी सुधाशु कुमार व को-ऑर्डिनेटर वोकेशनल सेल प्रो एके उपाध्याय शामिल थे।

गोलमुरी थाने में भी दर्ज कराई गई थी प्राथमिकी : इससे पूर्व डॉ. आरके दास समेत अन्य के खिलाफ गोलमुरी थाने में भी मामला दर्ज कराया जा गया था। इसमें एबीएम कॉलेज के प्राचार्य रहते वेतनमद की राशि का दुरुपयोग, चेक में गड़बड़ी करने का आरोप लगा था। एबीएम कॉलेज में भी विश्वविद्यालय द्वारा गठित टीम ने जाच की थी। जाच रिपोर्ट आने के बाद प्राथमिकी दर्ज कराई गई।


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