Move to Jagran APP

चुनौतियों को स्वीकार करने से होता है व्यक्तित्व का पूर्ण विकास

टाटा स्टील टेक्निकल इंस्टीट्यूट बर्मामाइंस में चतुर्थ टेक फेस्ट का रंगारंग शुभारंभ शुक्रवार को हुआ। शनिवार को फेस्ट का पुरस्कार वितरण होगा।

By JagranEdited By: Published: Sat, 30 Nov 2019 07:00 AM (IST)Updated: Sat, 30 Nov 2019 07:00 AM (IST)
चुनौतियों को स्वीकार करने से होता है व्यक्तित्व का पूर्ण विकास
चुनौतियों को स्वीकार करने से होता है व्यक्तित्व का पूर्ण विकास

जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : टाटा स्टील टेक्निकल इंस्टीट्यूट बर्मामाइंस में चतुर्थ टेक फेस्ट का रंगारंग शुभारंभ शुक्रवार को हुआ। शनिवार को फेस्ट का पुरस्कार वितरण होगा। इसका उद्घाटन टाटा मोटर्स के हेड एचआर रवि शकर सिंह ने किया। इसका मुख्य उद्देश्य विद्यार्थियों एवं युवाओं में तकनीकी ज्ञान को बढ़ावा देना है। जिससे भविष्य में तकनीकी ज्ञान के साथ मानव जीवन को आसान बनाया जा सके।

loksabha election banner

मुख्य अतिथि ने कहा कि छात्रों को पास आउट होने के बाद भारत के किसी भी कोने में जाने के लिए हर वक्त तैयार रहना चाहिए। व्यक्तित्व का पूर्ण विकास चुनौतियों को स्वीकार करने से ही होता है। छात्रों को नौकरी ढूंढने के बजाय स्वावलंबी बनने की ओर अग्रसर होना चाहिए। इससे नए अवसर स्वत: मिलने शुरू हो जाते हैं। व्यक्ति एवं समाज का समग्र विकास होता है। इस टेक-फेस्ट में प्रस्तुत किये गए सारे वर्किंग मॉडल, प्रोटो टाइप मॉडल अच्छे एवं नए विचारों के साथ दिखाई दिए, जिन्हें रोजमर्रा केजीवन में उतारने की जरूरत है। टाटा मोटर्स इसमें हर संभव सहयोग करने के लिए तैयार है।

इस अवसर पर टाटा मोटर्स के डीजीएम सुधाशु पाढ़ी व टाटा स्टील के कई अधिकारी मौजूद थे। इस टेक-फेस्ट में कुल 17 स्थानीय स्कूल और 09 तकनीकी संस्थानों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया। इसमें छात्रों ने अपनी प्रतिभा के अनुसार 56 मॉडलों को प्रदर्शित किया। कार्यक्रम को आकर्षक बनाने के लिए विभिन्न विद्यालयों एवं तकनीकी संस्थानों के बीच टेक्नोलॉजी डिबेट एवं रंगारंग सास्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए गए।

--

कोल वेस्ट से पैदा होगी बिजली

बर्मामाइंस में चल रहे टेक फेस्ट में टाटा स्टील स्किल डेवलपमेंट सोसाइटी (टीएसएसडीएस) प्राइवेट आइटीआइ तमाड़ के छात्रों द्वारा कोल वेस्ट से विद्युत ऊर्जा पैदा करने का मॉडल लगाया गया है। इस मॉडल को बनाने वाले छात्र अमन कुमार, रवि विझिया, मृत्युंजय मुखी, राहुल वर्धा ने बताया कि इसके लिए लकड़ी के बचे हुए कोयला को डस्टकर इसे एक डब्बे में डाल दिया जाता है। इसमें आधा लीटर पानी डालकर मिला दिया जाता है। इसके कॉपर तार को पॉजीटिव व एलुमिनियम तार को नोगेटिव मानकर जोड़ दिया जाता है। इस मिश्रण से एक डिब्बे से 1.2 वोल्ट विद्युत ऊर्जा उत्पन्न होती है। चार डब्बे से कुल 4.50 वोल्ट विद्युत ऊर्जा पैदा होगी।

-

पैर और गाड़ी के दवाब से पैदा होगी बिजली

टेक फेस्ट में पैर और गाड़ी के दबाव में विद्युत ऊर्जा पैदा करने का मॉडल शिक्षा निकेतन टेल्को के छात्रों ने किया है। छात्रों ने बताया कि पैदल चलने से भी ऊर्जा निकलती है।

---------------

रेलवे ट्रैक में बाधा उत्पन्न हो रही है तो बताएगा यह मॉडल

अरका जैन विश्वविद्यालय के ईईई पांचवें सेमेस्टर के छात्रों ने भारतीय रेल में हादसों को बचाने तथा बाधा उत्पन्न होने पर इसकी सूचना कंट्रोल रूम में बैठकर ग्रहण करने का मॉडल विकसित किया है। मॉडल को बनाने वाली छात्रा प्रगति कुमारी, स्नेहा कुमारी, कोमल कुमारी, छात्र हरप्रीत सिंह ने बताया कि अरडिनो वेस्ट मेटेरियल का इस्तेमाल किया गया है। इसे जीएसएम व जीपीएस से जोड़ा गा है। सेंसर को जीपीएस से जोड़ दिया गया है। ट्रैक टूटा है तो सेंसर के माध्यम से इसकी जानकारी कंट्रोल रूम में बैठे व्यक्ति को मिल जाएगी।

अपने हाथ से कंट्रोल होंगे रोबोट के हाथ

जुस्को स्कूल कदमा के छात्रों ने बताया कि अपने हाथ की उंगली से रोबोट के हाथों को मूव किया जा सकता है। इस मॉडल को बनाने वाले छात्र आनंद, ऋषिदांशु, अप्पन, रोहन ने बताया कि इसे सी लैंग्वेज प्रोग्राम के साथ जोड़ा गया है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.