इन शिक्षकों की शातिरदिमागी जानकर रह जाएंगे हैरान, बैंको को लगाया दस लाख का चूना
सभी बैंक में खाता खोलकर एटीएम कार्ड प्राप्त कर लेते थे। बैंक अकाउंट खोलने के लिए ये लोग सगे संबंधी का इस्तेमाल करते थे।
जमशेदपुर(जासं)। मदरसा में बच्चों को तालीम देने वाला ही जब चोर निकल जाए तो फिर सिर पटकने के अलावा कुछ नहीं बचता। जमशेदपुर पुलिस साइबर थाना की पुलिस टीम ने तीन सितंबर को सोनारी के एक एटीएम से 37,000 रुपये की निकासी कर धोखाधड़ी के मामले में मथुरा के रहने वाले मो. कासीम और हरियाणा के नुह जिला के मो. सलीम राजकादरी उर्फ सलीम को गिरफ्तार किया है।
इस मामले में तीन अन्य आरोपित मो. आरिफ उर्फ बली, मो साकीर हुसैन और मो. रहिस कादरी फरार है। सभी मदरसा के शिक्षक हैं। बिष्टुपुर थाना में एसबीआइ मुख्य ब्रांच के उप प्रबंधक रंजन गोराई ने 1 नवंबर को प्राथमिकी दर्ज कराई कि सोनारी राम मंदिर एटीएम से 20 हजार और 17 हजार रुपया खाता संख्या 37459119921 के कार्ड संख्या 6074310079616521 जो आलमी हुसैन हरियाणा के नाम पर था। बैक से धोखाा देकर कस्टमर केयर को फोन कर 37 हजार रुपये प्राप्त कर लिया जिसकी जांच शुरु की गई। गिरोह के सदस्य पकड़े गए।
सिटी एसपी प्रभात कुमार ने सोमवार को पत्रकारों को इसकी जानकारी देते हुए बताया कि आरोपितों के पास से दो मोबाइल फोन, एक सिम कार्ड, 17 एटीएम कार्ड, एक पैन कार्ड और दो आधार कार्ड के अलावा मदरसा जामिया अरबिया मदारुल उल्लूम शाही मस्जिद, कोशी कला मथुरा के नाम की चंदा रसीद बरामद किया है। बरामद एटीएम कार्ड अन्य व्यक्तियों के नाम पर है जिसमें गिरफ्तार सलीम का भाई महफूज अली का नाम भी शामिल है। सभी आरोपित मदरसा में शिक्षक का काम करने के दौरान संपर्क में आए।
जमशेदपुर समेत कई शहरों में थे सक्रिय
सिटी एसपी ने बताया कि गिरोह झारखंड में जमशेदपुर, धनबाद, बिहार के गया, पश्चिम बंगाल के आसनशोल, ओडिशा के भुवनेश्वर और आंध्र प्रदेश के विशाखापटनम समेत अन्य शहरों में नेटवर्क था।
ऐसे लगा रहे थे बैंकों को चूना
सभी बैंक में खाता खोलकर एटीएम कार्ड प्राप्त कर लेते थे। बैंक अकाउंट खोलने के लिए ये लोग सगे संबंधी का इस्तेमाल करते थे। ये लोग काम करने के दौरान जो पैसा मिलता था उसे अकाउंट में डाल देते और किसी एक शहर को चुनते थे। जिसके बाद वह उस शहर में जाकर ऐसे एटीएम मशीन की तलाश करते थे जिसका पावर बटन बाहर रहता है। फिर दो लोग उस एटीएम में पैसे निकालने के लिए जाते। जब पैसा निकल जाता तब एक साथी का इशारा मिलते ही दूसरा साथी एटीएम का स्विच ऑफ कर देता था जिससे एटीएम बंद हो जाता था। एटीएम के बंद होते ही एटीएम में फंसे नोट निकाल कर एटीएम को फिर से चालू कर देते थे। ऐसा करने से ट्रांजेक्शन फेल हो जाता था पर पैसे निकल जाते थे। फिर ये लोग संबंधित बैंक के कस्टमर केयर को फोन कर ट्रंाजेक्शन फेल होने की जानकारी देते थे। ट्रंाजेक्शन फेल होने की शिकायत पर बैंक एक हफ्ते में पैसा वापस बैंक आकउंट में भेज देता। पैसा मिलने पर ये लोग पैसे की निकासी कर बैंक अकाउंट बंद कर देते थे। ऐसा करके सभी ने अब तक दस लाख रुपये की ठगी की है।
फरार आरोपित मो. साकीर हुसैन गिरोह का मास्टर माइंड
फरार आरोपित मो. साकीर इस ठगी का मास्टर माइंड है। गिरफ्तार कासीम ने पुलिस को बताया कि पिछले साल मो. साकीर हुसैन एक बार अपने एटीएम कार्ड से रुपये की निकासी कर रहा था रुपया निकलते ही बिजली जाने से एटीएम बंद हो गया पर रुपये निकल गए। मोबाइल में ट्रंाजेक्शन फेल होने का मैसेज आया। जिसके बाद उसने शिकायत दर्ज की तो उसे रुपये वापस मिल गए। ये बात साकीर ने सब को बताया। उसके बाद सभी ऐसा करके बैंक को ठगने लगे।
ऐसे खुला गिरोह का राज
पुलिस को बैंक के मैनेजर ने लिखित शिकायत की थी जिसके बाद पुलिस ने जांच शुरु की। सीसी टीवी को खंगालने पर पता चला की दो लोगों ने इस घटना को अंजाम दिया है। पुलिस सीसी टीवी के आधार पर दोनों की तलाश मे जुट गई। सिटी एसपी प्रभात कुमार ने बताया कि दोनो गिरफतार आरोपित मार्च में शहर आए थे। शहर का मुआयना करने के बाद ये वापस चले गए। दीपावली के मौके पर दो लोग मथुरा से भुवनेश्वर आए वहां से दोनो ट्रेन के रास्ते शहर पहुंचे। किसी भी घटना को अंजाम देने के लिए ये लोग तीन दिन से ज्यादा शहर में नही रुकते थे। छापामारी में साईबर थाना के थाना प्रभारी सत्येंद्र कुमार सिंह, पुलिस निरीक्षक राजीव कुमार सिंह, तकनीकी शाखा से सुनिल कुमार पांडेय, संतोष कुमार सिंह और आसिफ इकबाल शामिल थे।
बरामद दस्तावेज
मो. कासीम का आधार कार्ड, मो. सलीम का आधार कार्ड, पीएनबी बैंक का एटीएम दो, मथुरा से भुवनेश्वर का रेलवे टिकट, मो. रहिश्य एवं मुस्तफा के नाम के यस बैंक का दो एटीएम, सलीम के नाम से चार्टड बैंक के नाम से एटीएम, कैथोलिक सिरियण बेंक की दो एटीएम, एक्सिस बैंक की छह एटीएम, महफूज अली के नाम से डिजी बैक का एटीएम बरामद किया गया।