टाटा वर्कर्स यूनियन चुनाव : एनएस ग्रेड कमेटी मेंबरों की संख्या बढ़ना तय
टाटा वर्कर्स यूनियन में फरवरी 2021 के बाद कभी भी चुनाव की घोषणा हो सकती है। ऐसे में जिस तेजी से टाटा स्टील में एनएस ग्रेड कर्मचारियों की संख्या बढ़ रही है उसी तेजी से टाटा वर्कर्स यूनियन में कमेटी मेंबरों की भी संख्या बढ़ रही है।
जमशेदपुर (जासं) । टाटा वर्कर्स यूनियन में फरवरी 2021 के बाद कभी भी चुनाव की घोषणा हो सकती है। ऐसे में जिस तेजी से टाटा स्टील में एनएस ग्रेड कर्मचारियों की संख्या बढ़ रही है उसी तेजी से टाटा वर्कर्स यूनियन में कमेटी मेंबरों की भी संख्या बढ़ रही है। ऐसे में स्टील वेज के कमेटी मेंबरों को इन्हें कम आंकने की भूल नहीं करना होगा।
टाटा वर्कर्स यूनियन में वर्ष 2012 में हुए चुनाव में एनएस ग्रेड से 18 कमेटी मेंबर चुनकर आए थे जो वर्ष 2015 में बढ़कर 36 हो गए थे। वर्तमान में 46 कमेटी मेंबर टाटा वर्कर्स यूनियन में हैं। ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि भविष्य में होने वाले चुनाव में इनकी संख्या बढ़कर 65 से 70 तक पहुंचेगी। यानि यूनियन के 214 कमेटी मेंबरों के हाउस में एक तिहाई संख्या। इसे देखते हुए एनएस ग्रेड के कई कमेटी मेंबर अब 11 ऑफिस बियरर में से एक तिहाई सीट की अभी से दावेदारी करना शुरू कर दिया है।
यानि तीन से चार सीट पर एनएस ग्रेड से नए चेहरे दिख सकते हैं। लेकिन इनकी भी सबसे बड़ी समस्या है कि जीतने वाले सभी कमेटी मेंबर अपनी एकता का परिचय दे। क्योंकि एनएस ग्रेड के 70 कमेटी मेंबर जिस गुट को अपना समर्थन दिया, वे सत्ता की कुर्सी पर काबिज हो जाएंगे। लेकिन इनमें फूट हुई तो तीन क्या इन्हें एक-दो सीट से ही संतोष करना होगा।
लेकिन एनएस ग्रेड कर्मचारियों में सबसे बड़ी समस्या ये भी है कि ये अपने लिए नया मुद्दा बनाने के बजाए अधिकतर कमेटी मेंबर जातिवाद में फंसते दिख रहे हैं जो चाहते हैं कि उनसे जाति विशेष का ही व्यक्ति जीत जाए। ऐसा हुआ तो एक सीट पर दो एनएस ग्रेड कमेटी मेंबरों की लड़ाई में स्टील वेज वाले उम्मीदवार को फायदा हो जाएगा इसलिए ऐसा न हो, सभी को जातिवाद के बजाए अपनी एकता का परिचय देना होगा तभी एनएस ग्रेड कर्मचारियों का भविष्य वे संवार पाएंगे।