Ratan Tata BIG Decision: टाटा ट्रस्ट ने इस स्टार्टअप से निकलने का लिया फैसला, जानिए
Tata Trust.टाटा ट्रस्ट के चेयरमैन रतन टाटा देश के युवाओं को प्रोत्साहित करने के साथ ही उनके स्टार्टअप पर निवेश करते हैं। पांच साल पहले आई वियर रिटेलर लेंसकार्ट में निवेश किया था। लेकिन अब रतन टाटा इस टाटा स्टार्टअप से बाहर निकलने के लिए तैयार हैं।
जमशेदपुर, जासं। Tata Trust टाटा ट्रस्ट के चेयरमैन रतन टाटा देश के युवाओं को प्रोत्साहित करने के साथ ही उनके स्टार्टअप पर निवेश करते हैं। पांच साल पहले आई वियर रिटेलर लेंसकार्ट में निवेश किया था। लेकिन अब रतन टाटा इस टाटा स्टार्टअप से बाहर निकलने के लिए तैयार हैं।
रतन टाटा ने अब तक ओला, ओला इलेक्ट्रिक, क्योर फिट, फ़र्स्टक्री, अर्बन सहित 20 से अधिक कंपनियाें में 6000 करोड़ रुपये का निवेश किया। उनकी मदद से ही कई कंपनियां आज नई ऊंचाईयों पर पहुंच चुकी है। वर्ष 2008 में पीयूष बसंल, सुमित कपाही और अमित चौधरी ने लेंसकार्ट कंपनी की स्थापना कर देश के विभिन्न स्थानों में इसकी चेन तैयार की थी। एनटैक की एक रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2016 में आईवियर रिटेलर लेंसकार्ट के निर्माता ने शुरुआती दिनों में अपनी कंपनी में 10 लाख रुपये के निवेश पर 28 गुणा देने की घोषणा की थी। इस पर टाटा ट्रस्ट ने निवेश किया।
लेंसकार्ट स्वतंत्र रूप से आगे बढ सकेगा
कंपनी प्रबंधन का कहना है कि हमारे पास कंपनी को आगे बढ़ाने के लिए नए आइडिया थे लेकिन वित्तीय सपोर्ट नहीं था। कोई भी बैंक नए स्टार्टअप पर निवेश को तैयार नहीं था। ऐसे में रतन टाटा ने उनके आइडिया पर निवेश करने का फैसला किया। उनकी मदद की बदौलत हमारी कंपनी नई ऊंचाइयां पर पहुंची। लेकिन अब पांच वर्षों बाद रतन टाटा ने अपने किए गए निवेश पर 4.6 गुणा ही रिटर्न लेने की घोषणा की है। टाटा ट्रस्ट के निवेश के बाद कंपनी का व्यापार बढ़ता गया। अब लेंसकार्ट के देश-विदेश में 535 रिटेल स्टोर हैं और अब वह प्रतिष्ठित कंपनी बन गई है। इसलिए टाटा ट्रस्ट ने इस कंपनी से निकलने की घोषणा की है ताकि लेंसकार्ट स्वतंत्र रूप से अपनी कंपनी को आगे बढ़ा सके।