डीए पर टाटा स्टील प्रबंधन ने दिए यूनियन को दिए चार प्रस्ताव
टाटा स्टील में कर्मचारियों के डीए (महंगाई भत्ते) में बदलाव तय है। कंपनी प्रबंधन ने टाटा वर्कर्स यूनियन नेतृत्व को डीए में बदलाव के लिए चार प्रस्ताव दिए हैं। यूनियन नेतृत्व के पास विकल्प है कि वे किसी एक प्रस्ताव को मानकर ग्रेड रिवीजन वार्ता को आगे बढ़ाए। लेकिन इतना तय है कि डीए में बदलाव होगा।
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : टाटा स्टील में कर्मचारियों के डीए (महंगाई भत्ते) में बदलाव तय है। कंपनी प्रबंधन ने टाटा वर्कर्स यूनियन नेतृत्व को डीए में बदलाव के लिए चार प्रस्ताव दिए हैं। यूनियन नेतृत्व के पास विकल्प है कि वे किसी एक प्रस्ताव को मानकर ग्रेड रिवीजन वार्ता को आगे बढ़ाए। लेकिन इतना तय है कि डीए में बदलाव होगा।
टाटा स्टील प्रबंधन और यूनियन नेतृत्व के बीच ग्रेड रिवीजन पर वार्ता का दौर जारी है। विश्वस्त सूत्रों की माने तो कंपनी प्रबंधन ने डीए पर यूनियन नेतृत्व को चार विकल्प दिए हैं। इनमें से किसी भी एक विकल्प पर अगर यूनियन नेतृत्व विचार करती है तो स्टील वेज कर्मचारियों के डीए में बदलाव होना तय है। इस परिस्थिति में जहां ऑफिस बियरर पूरे मामले में चुप्पी साधे हुए हैं, वहीं, कमेटी मेंबर बेचैन हैं जबकि कर्मचारी पूरे मामले में अपने विभागीय कमेटी मेंबरों को घेरे हुए है। स्टील वेज के कर्मचारी चाहते हैं कि डीए में अगर कोई सुधार नहीं हो रहा है तो कोई बदलाव न हो। वहीं, न्यू सीरीज ग्रेड के कर्मचारी जल्द व बेहतर ग्रेड रिवीजन के लिए यूनियन नेतृत्व पर दबाव बनाए हुए हैं। ऐसे में यूनियन नेतृत्व के पास एक तरह कुंआ और दूसरी ओर खाई की कहावत चिरतार्थ हो रही है। डीए में बदलाव हुआ तो नुकसान तय
टाटा स्टील में अगर डीए में बदलाव हुआ तो स्टील वेज के कर्मचारियों का नुकसान होना तय है। कंपनी प्रबंधन के पहले विकल्प के तहत बेसिक व डीए के बीच अब कोई लिंक नहीं रहेगा। ऐसे में कर्मचारियों का डीए व एमजीबी (मिनिमम गारेंटेड बेनीफिट) जो पहले बेसिक में मर्ज हो जाता था। अब केवल बेसिक में एमजीबी ही मर्ज होगा। इससे कर्मचारियों के एरियर, बोनस, पीएफ, ग्रेच्युटी सहित अन्य भत्तों में भी नुकसान होगा। कोट::
फिलहाल कंपनी प्रबंधन के साथ वार्ता का दौर जारी है और इस पर मैं कोई भी आधिकारिक बयान नहीं दूंगा।
-आर रवि प्रसाद, अध्यक्ष, टीडब्ल्यूयू यूनियन को डीए पर मिले चार विकल्प
पहला विकल्प : कर्मचारियों का बेसिक व डीए के बीच का लिंक नहीं रहेगा। कर्मचारियों के बेसिक में केवल एमजीबी जुड़ेगा। उनका डीए अलग रहेगा। दूसरा विकल्प : कर्मचारियों को 50 हजार के बेसिक पर 100 प्रतिशत डीए। 75 हजार बेसिक पर 75 प्रतिशत और एक लाख बेसिक पर 50 प्रतिशत डीए मिलेगा। तीसरा विकल्प : कोलियरी में 52 हजार बेसिक पर फ्रीज डीए की तरह टाटा स्टील में भी इसे प्रभावी किया जाए। चौथा विकल्प : कोलियरी के फ्रीज डीए फार्मूले पर बात हो कि टाटा स्टील में बात हो कि बेसिक को 60 हजार, 70 हजार या 75 हजार? कितने में फ्रीज किया जाए।