अटल इरादे व दूरदर्शी सोच से टाटा स्टील ने बनाए कई रिकॉर्ड
उषा मार्टिन के स्टील प्रोजेक्ट के अधिग्रहण का समझौता कर टाटा स्टील ने सफलता की कहानी में एक और नया अध्याय जोड़ा है।
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : उषा मार्टिन के स्टील प्रोजेक्ट के अधिग्रहण का समझौता कर टाटा स्टील ने अपनी सफलता की कहानी में नया अध्याय जोड़ दिया है। अपने अटल इरादे और दूरदर्शी सोच की बदौलत टाटा स्टील समय के साथ खुद को बदलते हुए सही समय पर सही निर्णय लेने की क्षमता दिखाती रही है। उसकी इसी खूबी ने उषा मार्टिन के स्टील प्रोजेक्ट को अपने नाम कराने में अहम् भूमिका निभाई।
इससे पहले कंपनी ने जमशेदपुर से लेकर लंदन तक भविष्य की आवश्यकताओं के मद्देनजर विभिन्न कंपनियों का अधिग्रहण किया। कहीं जमीन दिखी तो कही बाजार नजर आया। कहीं की खदानों ने प्रभावित किया तो किसी की ढांचागत व्यवस्था ने। जमशेदपुर में इंडियन वायर प्रोडक्ट लिमिटेड (तार कंपनी) को 2003 में टाटा स्टील ने इन्हीं वजहों से अपने समूह में मिला लिया। जमशेदपुर की एक अन्य कंपनी इंकैब इंडस्ट्रीज लिमिटेड (केबुल कंपनी) को अधिग्रहण करने की दौर में टाटा स्टील ही अभी सबसे आगे है। इसी तरह हाल ही में भूषण स्टील को भी खरीदने में टाटा स्टील को सफलता हासिल हुई। यह तो हुई अपने देश की बात। कुछ साल पहले कोरस का अधिग्रहण कर टाटा स्टील ने पूरे ंिवश्व में तहलका मचा दिया था। तमाम विशेषज्ञों के अनुमानों को दरकिनार करते हुए कंपनी के इस साहसिक फैसले ने उसके अटल इरादे व दूरदर्शी सोच की तस्दीक की थी।
टाटा स्टील पर पैनी नजर रखने वाले जानकारों का मानना है कि अधिग्रहण की दौर में टाटा स्टील अन्य कंपनियों से इसलिए आगे निकल जाती है, क्योंकि बंद पड़ी या बिकने वाली कंपनी की जमीनी स्थिति का सबसे सटीक आकलन करने की क्षमता इसी के पास है। दूर की सोचकर बड़ा जोखिम उठाना भी इस कंपनी की विशेषताओं में से एक है। जब दूसरे बड़ा निवेश कर किसी कंपनी को लेने में जोखिम ज्यादा देखते हैं तब टाटा स्टील बड़ी लकीर खींचकर बाजार से लेकर आम जनता तक को चौंका देती है।
समय के साथ अपने चाल व चेहरे में बदलाव करना भी टाटा स्टील की कारगर रणनीति मानी जाती है। अपने प्लांट के आधुनिकीकरण की बात हो या फिर कर्मचारियों के ढांचे को चुस्त-दुरुस्त बनाने की कवायद, लौह अयस्क समेत अन्य जरूरी खदान, खनिजों की बात हो या सामाजिक सरोकार में भागीदारी, टाटा स्टील हमेशा व्यवहारिक नजरिए से अपने कदम आगे बढ़ाती है और एक तरह से कहा जाए तो सबका साथ लेकर अपने विकास पर ध्यान देती है। शायद यही कारण रहा है कि इस कंपनी के पास औद्योगिक शांति का विश्व रिकार्ड है।