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Tata Steel ने उत्पादकता बढ़ाने के लिए लांग पाइप कंवेयर किया लांच, जाने क्‍या है इसकी खासियत

Tata Steel. टाटा स्‍टील की रोपवे परिवहन प्रणाली की जगह अब एलपीसी वॉशरियों से कोयला और बाय प्रोडक्ट चैनपुर रेलवे साइडिंग तक लाएगा। कंवेयर को एक नियंत्रित स्टार्ट ट्रांसमिशन ड्राइ द्वारा संचालित किया जाता है। यह सड़क परिवहन और रोपवे परिवहन की तुलना में सस्ता और सुरक्षित है।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Thu, 31 Dec 2020 10:18 AM (IST)Updated: Thu, 31 Dec 2020 10:18 AM (IST)
Tata Steel ने उत्पादकता बढ़ाने के लिए लांग पाइप कंवेयर किया लांच, जाने क्‍या है इसकी खासियत
टाटा स्‍टील के ओपन कास्ट कोल माइंस में स्‍थापित लांग पाइप कंवेयर।

जमशेदपुर, जासं। अपनी तकनीक में लगातार सुधार करने के लिए टाटा स्टील प्रयासरत है। इसी प्रयास के तहत टाटा स्टील ने वेस्ट बोकारो डिविजन के अपने ओपन कास्ट कोल माइंस में एक अत्याधुनिक लांग पाइप कंवेयर (एलपीसी) स्थापित किया है। टाटा स्टील के सीइओ सह एमडी टीवी नरेंद्रन ने एलपीसी का ऑनलाइन उद्घाटन किया। इस अवसर पर प्रोजेक्ट को बेहतर तरीके से पूरा करने के लिए टीवी नरेंद्रन ने पूरी टीम को बधाई दी। 

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नरेंद्रन ने अपने संबोधन में कहा कि सर्वश्रेष्ठ टेक्नोलॉजी और सस्टेनेबल अभ्यासों का कार्यान्वयन खनन परिचालनों के लिए महत्वपूर्ण सेक्सेस फैक्टर है। लांग पाइप कंवेयर उत्पादकता में सुधार लाएगा ही साथ ही कोयला परिवहन में पर्यावरण फुट प्रिंट को कम करने में मदद करेगा। वेस्ट बोकारो में टेक्नोलॉजी के विकास के अलावा चार किलोमीटर का यह एलपीसी प्रोजेक्ट टाटा स्टील का महत्वकांक्षी प्रोजेक्ट है। 61 वर्ष पुराने मोनो केबल और बाय केबल रोपवे प्रणाली के स्थान पर स्थापित यह एलपीसी एक अत्याधुनिक टेक्नोलॉजी है जो सुरक्षा और पर्यावरण स्नेही सस्टेनेबल खनन अभ्यासों के प्रति टाटा स्टील की प्रतिबद्धता को दोहराता है।

रोपवे की लेगा जगह

मौजूदा रोपवे परिवहन प्रणाली की जगह अब एलपीसी वॉशरियों से कोयला और बाय प्रोडक्ट चैनपुर रेलवे साइडिंग तक लाएगा। कंवेयर को एक नियंत्रित स्टार्ट ट्रांसमिशन ड्राइ द्वारा संचालित किया जाता है। जिससे आग प्रतिरोधी गुणों के साथ एक स्टील कॉर्ड बेल्ट होता है। कंवेयर के ऊपर दो मेंटेनेंस ट्रॉलियां, मेंटेनेंस स्टॉफ और सभी आवश्यक उपकरण वहन करेगी। कंवेयर में न केवल जीरो स्पिलेज होगा बल्कि यह शोर रहित होगा। 

उत्‍पादकता में होगा इजाफा

इस तकनीक से वेस्ट बोकारो डिविजन की उत्पादकता में और बढ़ोतरी होगी। यह सिंगल यूनिट कोयला और बाय प्रोडक्ट ग्रेड दोनों को हैंडल कर सकता है। इसकी मदद से हर घंटे 1200 टन कोयला को ले जाया जा सकता है। इस प्रकार यह सड़क परिवहन और रोपवे परिवहन की तुलना में सस्ता और सुरक्षित है। 


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