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हावड़ा ब्रिज के निर्माण में लगा था किस कंपनी का स्टील, जानिए

हावड़ा पुल के निर्माण में लगे तमाम स्टील के उत्पाद टाटा स्टील ने मुहैया कराए।ब्रिज के 75 साल पूरे होने पर काॅफी टेबल बुक भी निकाला।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Wed, 17 Oct 2018 06:49 PM (IST)Updated: Thu, 18 Oct 2018 10:00 AM (IST)
हावड़ा ब्रिज के निर्माण में लगा था किस कंपनी का स्टील, जानिए
हावड़ा ब्रिज के निर्माण में लगा था किस कंपनी का स्टील, जानिए

जमशेदपुर (जेएनएन)। आपको पता है कि कोलकाता के हावड़ा ब्रिज के निर्माण में देश की बड़ी स्टील निर्माता कंपनी टाटा स्टील का भी अहम योगदान था। 75 साल पहले 3 फरवरी 1943 को हावड़ा ब्रिज आम लोगों के लिए खोला गया था। उस समय दूसरा विश्वयुद्ध चल रहा था। यह गौरव की बात है कि पुल के निर्माण में लगे तमाम स्टील के उत्पाद टाटा स्टील ने मुहैया कराए।

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ब्रिज का डिजायन और निर्माण भी भारत की कंपनी ने किया। कहना अतिशयोक्ति नहीं कि मेक इन इंडिया के युग का आगाज इस पुल का निर्माण था। जब ब्रिज के 75 साल पूरे होने पर टाटा स्टील काॅफी टेबल बुक भी निकाला जिसमें पुल निर्माण में कंपनी के योगदान से लेकर उसकी राह में आनेवाली बाधाओं और एक महत्वाकांक्षी योजना के साकार होने की पूरी कहानी बताई गई।

तीन कर्मचारियों ने निभाई बड़ी जिम्मेदारी

पुल के निर्माण में टाटा स्टील के तीन कर्मचारियों की अहम भूमिका रही। इनमें संग्राम, तापस और विशु शामिल थे। यह पुल सांप्रदायिक सौहार्द का भी नमूना है। हिंदू, मुस्लिम, सिख के साथ नेपालियों ने भी इसके निर्माण में योगदान दिया था। आपको पता ही है कि कोलकाता शहर हुगली नदी के दक्षिणी हिस्से में बसा है। हावड़ा स्टेशन हुगली नदी के उत्तरी छोड़ पर अवस्थित है। इस इलाके में कई जुट और फ्लावर मीलें थी। पुल बनने के बाद इसपर बहुत बड़ा ट्राफ‍िक बोझ रहा। इसपर ट्राम चलने की भी व्यवस्था रही।

पहले था हुगली पर फ्लोटिंग ब्रिज

इस पुल के बनने से पूर्व हुगली नदी पर एक फ्लोटिंग ब्रिज था। उसका डिजायन सर ब्रैडफोर्ड ने तैयार किया था। यह पुल 1874 में तैयार हुआ था। हावड़ा पुल से जुड़ी कई रोचक बातें हैं जो टाटा स्टील के कॉफी टेबल बुक में दर्ज है। इसके निर्माण के लिए जरूरी था कि विशेष कानून बने। तब हावड़ा ब्रिज एक्ट 1936 बना। इस एक्ट के बनने के बाद पुल के लिए जमीन के अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू हो पाई थी।

सर राजेंद्र नाथ मुखर्जी का अहम योगदान

पुल के निर्माण में सर राजेंद्र नाथ मुखर्जी का अहम योगदान रहा। वे बीसवीं शताब्दी के जाने-माने इंजीनियर और उद्योगपति थे। उनकी कंपनी मार्टिन एंड कंपनी थी। यह उन्होंने सर थॉमस एक्विन मार्टिन के साथ साझेदारी में बनाई थी। इसी कंपनी ने कोलकाता में विक्टोरिया मेमोरियल हॉल और बेल्लूर मठ का निर्माण किया था।  


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