टाटा स्टील के कई कर्मचारी मिले आइजीजी पॉजिटिव, कोरोना संक्रमित होने के बाद खुद हुए ठीक Jamshedpur News
टाटा स्टील कोरोना वायरस के बीच फ्रंटलाइन में काम कर रहे 6256 कर्मचारियों का एंटी बॉडी और आइटीपीसीआर टेस्ट करा रही है।
जमशेदपुर (जासं) । टाटा स्टील कोरोना वायरस के बीच फ्रंटलाइन में काम कर रहे 6256 कर्मचारियों का एंटी बॉडी और आइटीपीसीआर टेस्ट करा रही है। राहत वाली बात यह है कि अभी तक 50 फीसदी कर्मचारियों का टेस्ट हो चुका है और इनमें से कई कर्मचारियों की रिपोर्ट आइजीजी (इम्यूनोगलोबिन जी) पॉजिटिव आया है। इसका मतलब है कि उन कर्मचारियों को भी कोरोना का संक्रमण हुआ लेकिन उनका शरीर रोग प्रतिरोधक क्षमता विकसित कर खुद को ठीक कर लिया है।
टाटा स्टील फ्रंटलाइन में कार्यरत सिक्योरिटी, ऑक्यूपेशनल सेफ्टी एंड हेल्थ, मैकेनिकल मेंटनेंस, कैंटीन, सिक्योरिटी और मेडिकल सर्विसेज में कार्यरत 6256 कर्मचारियों का पहले चरण में एंटी बॉडी और आइटीपीसीआर टेस्ट करा रही है। इसमें तीन तरह के रिपोर्ट आने की जानकारी मिली है। कंपनी प्रबंधन और मेडिकल रिसर्च टीम अब पूरी रिपोर्ट की समीक्षा कर रही है कि आइजीजी पॉजिटिव, आइजीजी नेगेटिव और इक्यूवोकर रिपोर्ट वाले कर्मचारियों का किस तरह से मदद की जाए।
क्या होता है इसका मतलब
आइजीजी पॉजिटिव : इसका मतलब है कि कर्मचारी कभी कोरोना वायरस से संक्रमित हुआ लेकिन उसके शरीर ने रोग प्रतिरोध क्षमता विकसित कर खुद को ठीक कर लिया है। 99.9 प्रतिशत तय है कि उक्त कर्मचारी को भविष्य में दोबारा कोरोना का संक्रमण नहीं होगा। साथ ही उसके प्लाजमा का इस्तेमाल कर कोरोना वायरस के गंभीर रूप से बीमार मरीजों को बचाया जा सकता है।
आइजीजी नेगेटिव : ऐसे कर्मचारियों को अभी तक कारोना वायरस का संक्रमण नहीं हुआ है और वे अभी तक सुरक्षित हैं। लेकिन भविष्य में वे हो सकते हैं।
इक्यूवोकर : ऐसे कर्मचारी अभी बार्डर लाइन पर हैं। इनके शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बहुत अच्छी नहीं है और ये कभी भी संक्रमण के शिकार हो सकते हैं।