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टाटा स्‍टील के ठेकेदार ने इस वजह से चुना मौत का रास्‍ता, हलकान करनेवाली है कहानी Jamshedpur News

टाटा स्‍टील में ठेकेदार की खुदकशी की जो वजह सामने आई है वह हलकान करनेवाली है। उमेश आर्थिक तंगी की वजह से डिप्रेशन में थे। उनपर 45 लाख का बैंक कर्ज था।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Wed, 26 Feb 2020 10:30 AM (IST)Updated: Wed, 26 Feb 2020 10:53 PM (IST)
टाटा स्‍टील के ठेकेदार ने इस वजह से चुना मौत का रास्‍ता, हलकान करनेवाली है कहानी Jamshedpur News
टाटा स्‍टील के ठेकेदार ने इस वजह से चुना मौत का रास्‍ता, हलकान करनेवाली है कहानी Jamshedpur News

जमशेदपुर, जासं। टाटा स्टील कंपनी में काम करने वाली ठेका कंपनी मेसर्स स्पेयर केयर के बागबेड़ा निवासी उमेश कुमार पांडेय कर्ज के बोझ के तले दब गए थे। उन पर बैंक का 45 लाख रुपये का कर्ज था। इसकी किस्त समेत कंपनी के कर्मचारियों के वेतन व ईएसआइ व पीएफ के अंशदान के मद में उन्हें कुल साढ़े छह लाख रुपये एक मार्च को देने थे। उनके पास पैसे नहीं थे।

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उमेश के स्वजनों की मानें तो कंपनी से भुगतान में देर हो रही थी। बड़े भाई लक्ष्मी की डायलिसिस और इलाज के लिए भी पैसे का जुगाड़ नहीं हो पाने से भी वो परेशान थे। इसी वजह से डिप्रेशन का शिकार उमेश ने टाटा स्टील कंपनी परिसर स्थित स्टाक यार्ड स्थित गोदाम के आफिस में आत्महत्या कर ली। उनकी जेब से पुलिस ने सुसाइड नोट के अलावा पर्स, मोबाइल और चश्मा बरामद किया। उमेश की कंपनी में 42 कर्मचारी काम करते थे।

ये कहते कंपनी के मैनेजर

बकौल कंपनी के मैनेजर नवीन कुमार सिंह के इन कर्मचारियों का पीएफ और ईएसआइ का अंशदान उन्हें ढ़ाई लाख रुपये जमा करना था। इसके अलावा, कर्मचारियों के वेतन मद में भी डेढ़ लाख रुपये देने थे। इसके अलावा, बैंक की किस्त के ढ़ाई लाख रुपये देने का बोझ भी उनके सिर पर था। उमेश के भतीजे सुकेश पांडेय ने बताया कि कंपनी ने दबाव बना कर ढ़ाई लाख रुपये लेकर गोदाम दिया था। स्पेयर केयर कंपनी के कर्मचारियों ने बताया कि इस वजह से उमेश इधर कई दिनों से परेशान थे। 

28 को कंपनी बंद करने का कर दिया था एलान 

उमेश की ठेका कंपनी स्पेयर केयर के प्रबंधक नवीन कुमार सिंह ने बताया कि उमेश पांडेय आर्थिक तंगी से इस कदर परेशान थे कि उन्होंने पांच दिन पहले सभी कर्मचारियों को बुला कर कह दिया था कि वो अब कंपनी बंद करने जा रहे हैं। कंपनी चलाने के लिए उनके पास पैसे नहीं हैं। वो 28 फरवरी तक कंपनी बंद कर देंगे। 

14 साल पहले खरीदी थी स्पेयर केयर कंपनी 

उमेश के भतीजे सुकेश पांडेय ने बताया कि उनके चाचा ने मेसर्स स्पेयर केयर कंपनी 14 साल पहले दूसरे से खरीदी थी। तब से वो कंपनी चला रहे थे। लेकिन, जब से उन्होंने बैंक से लोन लिया आर्थिक स्थिति खराब होने लगी थी। इसके बाद से ही उन्हें आर्थिक तंगी ने घेर लिया था। 

पत्नी से अलग बड़े भाई के साथ रहते थे उमेश 

उमेश पांडेय अपनी पत्नी से अलग मझले भाई लक्ष्मीदत्त पांडेय के साथ रहते थे। उमेश भाइयों में सबसे छोटे थे। उमेश के कोई औलाद नहीं थी। उनके बड़े भाई सुदामा पांडेय की कई साल पहले कैंसर से मौत हो चुकी है। 

तीन साल पहले भी की थी खुदकशी की कोशिश 

सुकेश पांडेय ने बताया कि उनके चाचा ने तीन साल पहले भी घर पर खुदकशी की कोशिश की थी। तब सुकेश ने उन्हें फंदे पर लटकते देख लिया था। उन्हें फौरन उतारा था और उन्हें सीपीआर (हार्ट पंपिंग) दिया था। इसके बाद वो बच गए थे। 

रोज कार से आते थे, आज स्कूटी से आए 

उमेश कुमार रोज टाटा स्टील कार से आते थे। वो रोज घर से कार से निकल कर करनडीह जाते थे। करनडीह में उनकी कंपनी के जोगिंदर रहते हैं। जोगिंदर उनके करीबी थे जिनसे वो हर बात शेयर करते थे। जोगिंदर को लेकर कंपनी आते थे। लेकिन, मंगलवार को सुबह वो घर से कार पर नहीं बल्कि स्कूटी लेकर निकले थे और बिना जोगिंदर को लिए सीधे टाटा स्टील कंपनी बर्मामाइंस वाले गेट से कंपनी पहुंचे थे। 

 निष्पक्ष जांच और मुआवजा नहीं मिलने पर शव का अंतिम संस्कार करने से इंकार

टाटा स्टील प्लांट परिसर स्थित गोदाम में ठेका कंपनी मेसर्स स्पेयर केयर के मालिक बागबेड़ा निवासी उमेश कुमार पांडेय मौत मामले की निष्पक्ष जांच और सम्मानजनक मुआवजा राशि नहीं मिलने तक शव का अंतिम संस्कार करने से परिजनों ने इंकार कर दिया है।

बुधवार को बागबेडा के पंचायत प्रतिनिधियों ने बिष्टुपुर थाना में सीसीआर डीएसपी अरविंद कुमार एवं इंस्पेक्टर राजेश प्रकाश सिन्हा को मांग पत्र सौंप ये जानकारी दी कि अगर ऐसा नहीं हुआ तो 3 मार्च को बिष्टुपुर स्थित पोस्ट ऑफिस के सामने कंपनी के संस्थापक की प्रतिमा के समक्ष शव के साथ श्रद्धांजलि दी जाएगी। गौरतलब हैं कि टाटा मुख्य अस्पताल की शीतगृह में रखा गया है।

बताया विगत छह माह से कंपनी का कार्य करने के बावजूद टाटा स्टील के अकाउंट और कांट्रेक्टर सेल सहित कई विभागों के वरीय पदाधिकारी द्वारा समय पर बिल का भुगतान ना करना, बार-बार कार्यों में दिक्कत उत्पन्न करना और लाइम प्लांट के चीफ एवं हेड द्वारा कंटेनर खरीदने का दबाव उमेश पांडेय पर बनाया जा रहा था जिसके कारण उमेश पांडेय दबाव में आ गए थे। मानसिक तनाव में थे जिसके उसने ऐसा कदम उठाया। कंपनी इसके लिए जिम्मेवार है।

मृतक के बड़े भाई लक्ष्मी चंद्र पांडेय की दोनों किडनी खराब है। ऐसी स्थिति मेें अगर उनके साथ कुछ भी घटना घटती है तो इसका जिम्मेवार भी कंपनी होगी। डीएसपी और इंस्पेक्टर ने पंचायत प्रतिनिधियों और स्थानीय लोगों को आश्वासन दिया कि कंपनी प्रबंधन के वरीय पदाधिकारी से वार्ता की जाएगी। पंचायत प्रतिनिधियों में जिला पार्षद किशोर यादव, मुखिया प्रतिमा मुंडा, उप मुखिया सुनील गुप्ता, पूर्व मुखिया राजकुमार गौड़, बृज तिवारी, बन्ना गुप्ता फैन्स क्लब के अध्यक्ष अनिल सिंह, नवीन सिंह सुकेश पांडे, बृजेंद्र सहित कई लोग उपस्थित थे।

सादे कागज में करा लिए गए हस्ताक्षर

उमेश पांडेय के भाई लक्ष्मीदत्त पांडेय ने कहा कि भाई की मौत के बाद कंपनी के पदाधिकारियों ने भतीजा गोरखनाथ पांडेय जो एसएसजी कंपनी में काम करता है। उससे सादे कागजात पर हस्ताक्षर करवा लिया। मनमुताबिक बयान लिखवा लिया।


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