दुनिया के सबसे बड़े मोटेरा स्टेडियम में लगा है टाटा का स्टील, जानिए Jamshedpur News
Motera Stadium. आपको शायद पता नहीं हो कि गुजरात की राजधानी अहमदाबाद में बने दुनिया के सबसे बड़े मोटेरा क्रिकेट स्टेडियम में टाटा का स्टील भी लगा है।
जमशेदपुर, जासं। Tata Steel company Steel used in worlds largest Motera Stadium दुनिया के जिस सबसे बड़े मोटेरा स्टेडियम में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का भव्य स्वागत किया गया, उसे बनाने में टाटा स्टील का भी योगदान रहा है। गुजरात के अहमदाबाद में बने स्टेडियम में दो-तिहाई स्टील का जो उपयोग हुआ है, वह टाटा स्टील का है। पीयूष गुप्ता, (वाइस प्रेसिडेंट, मार्केटिंग ऐंड सेल्स, टाटा स्टील) ने कहा कि हम इस तरह के मेगा प्रोजेक्ट से जुड़ कर खुद को सौभाग्यशाली मानते हैं।
गौरतलब है कि टाटा स्टील राष्ट्रीय महत्व की कई विशिष्ट परियोजनाओं से जुड़ी हुई है और गुजरात में स्टैचू ऑफ यूनिटी, असम में बोगीबील ब्रिज (सबसे लंबा रेल-सह-सड़क पुल), पटना में निर्माणाधीन नया गंगा पुल (सबसे लंबा नदी पुल), मुंबई में बांद्रा-वर्ली सी लिंक, कोलकाता और मुंबई में मेट्रो परियोजनाएं, दिल्ली में सिग्नेचर ब्रिज, मुंबई और नागपुर को जोडऩे वाली समृद्धि महामार्ग आदि जैसी ऐतिहासिक संरचनाओं में भी पूर्व में स्टील आपूर्ति किया है। मोटेरा स्टेडियम में कुल 15000 टन रिबार (सरिया) का 75 प्रतिशत रिबार यानी 11000 टन टाटा टिस्कॉन रिबार है।
हावड़ा ब्रिज के निर्माण में भी टाटा स्टील का योगदान
कोलकाता के प्रसिद्ध हावड़ा ब्रिज के निर्माण में टाटा स्टील का अहम योगदान था। 75 साल पहले 3 फरवरी 1943 को हावड़ा ब्रिज आम लोगों के लिए खोला गया था। पुल के निर्माण में लगे तमाम स्टील के उत्पाद टाटा स्टील ने मुहैया कराए थे। मेक इन इंडिया के युग का आगाज इस पुल का निर्माण था। जब ब्रिज के 75 साल पूरे होने पर टाटा स्टील काफी टेबल बुक भी निकाला जिसमें पुल निर्माण में कंपनी के योगदान से लेकर उसकी राह में आनेवाली बाधाओं और एक महत्वाकांक्षी योजना के साकार होने की पूरी कहानी बताई गई।
तीन कर्मचारियों ने निभाई थी बड़ी जिम्मेदारी
पुल के निर्माण में टाटा स्टील के तीन कर्मचारियों की अहम भूमिका रही थी। इनमें संग्राम, तापस और विशु शामिल थे। यह पुल सांप्रदायिक सौहार्द का भी नमूना है। हिंदू, मुस्लिम, सिख के साथ नेपालियों ने भी इसके निर्माण में योगदान दिया था।
पहले था हुगली पर फ्लोटिंग ब्रिज
इस पुल के बनने से पूर्व हुगली नदी पर एक फ्लोटिंग ब्रिज था। उसका डिजायन सर ब्रैडफोर्ड ने तैयार किया था। यह पुल 1874 में तैयार हुआ था। हावड़ा पुल से जुड़ी कई रोचक बातें हैं जो टाटा स्टील के कॉफी टेबल बुक में दर्ज है। इसके निर्माण के लिए जरूरी था कि विशेष कानून बने। तब हावड़ा ब्रिज एक्ट 1936 बना। इस एक्ट के बनने के बाद पुल के लिए जमीन के अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू हो पाई थी।
सर राजेंद्र नाथ मुखर्जी का था अहम योगदान
पुल के निर्माण में सर राजेंद्र नाथ मुखर्जी का अहम योगदान रहा था। वे बीसवीं शताब्दी के जाने-माने इंजीनियर और उद्योगपति थे। उनकी कंपनी मार्टिन एंड कंपनी थी। यह उन्होंने सर थॉमस एक्विन मार्टिन के साथ साझेदारी में बनाई थी। इसी कंपनी ने कोलकाता में विक्टोरिया मेमोरियल हॉल और बेल्लूर मठ का निर्माण किया था।