World Enviornmend Day: टाटा की इस कंपनी 2030 तक शून्य ग्रीन हाउस उत्सर्जन करने का रखा लक्ष्य
विश्व पर्यावरण दिवस पर टाटा कसंल्टेंसी सर्विसेज ने नई पहली की है। टाटा समूह की इस प्रमुख कंपनी ने 2030 तक शून्य कार्बन उत्सर्जन करने का लक्ष्य तय किया है। 2025 तक टीसीएस 70 फीसद कार्बन उत्सर्जन पर नियंत्रण कर लेगा।
जमशेदपुर : टाटा समूह की सबसे मूल्यवान कंपनी और देश के सबसे बड़े सॉफ्टवेयर सर्विसेज कंपनी, टाटा कंसल्टेंसी ने अपने यहां से निकलने वाले ग्रीन हाउस गैसों का उत्सर्जन को शून्य करने का लक्ष्य तय किया है। इसके लिए कंपनी नए-नए तरीके अपनाने की योजना तैयार की है।
टीसीएस की वार्षिक रिपोर्ट 2020-21 के अनुसार, कंपनी ने वर्ष 2030 तक शून्य कार्बन उत्सर्जन का लक्ष्य निर्धारित किया है। इसके लिए टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज लिमिटेड (टीसीएस) ने स्कोप-1 और स्कोप-2 के तहत अपने पूर्ण ग्रीन हाउस गैस उत्सर्जन को कम करेगी। रिपोर्ट के अनुसार कंपनी ने वर्ष 2025 तक 70 प्रतिशत और दशक के अंत तक 100 प्रतिशत कार्बन उत्सर्जन को कम करने का लक्ष्य बनाया है। कंपनी की वार्षिक रिपोर्ट 2020-21 के अनुसार कार्बन उत्सर्जन को 100 प्रतिशत कम करने की घोषणा की है।
लक्ष्य पाने को रियल इस्टेट पोर्टफोलियो लाया जाएगा बदलाव
इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए कंपनी रियल इस्टेट पोर्टफोलियो में बदलाव लाएगी और ऐसे ऑफिस बिल्डिंग का निर्माण करेगी जिससे कार्बन का उत्सर्जन नहीं होगा। साथ ही कंपनी बिजली के उपयोग को भी कम करेगी। बिजली की खपत को भी कम करने के लिए कंपनी इंटरनेट ऑफ थिंक व एमएल व एआई जैसी तकनीकों का इस्तेमाल करेगी। इसके अलावा कंपनी प्रबंधन अपने कर्मचारियों के ऑफिस लाने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले वाहनों से उत्पन्न होने वाले कार्बन उत्सर्जन को कम करेगी। इसके लिए कंपनी ऊर्जा के नए स्त्रोत का इस्तेमाल करेगी।
वर्क फ्रॉम होम से आया बदलाव
कंपनी की रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2020 में हुए लॉकडाउन का भी उनके इस अभियान पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा। कंपनी के 97 प्रतिशत कर्मचारी वर्क फ्रॉम होम के तहत घर से ही काम कर रहे हैं। इसके कारण न सिर्फ संसाधन की खपत बल्कि कार्बन उत्सर्जन में भी काफी कमी आई है। स्कोप-1 के तहत कंपनी के कार्बन उत्सर्जन में 46.6 प्रतिशत और स्कोप-2 के तहत 48.8 प्रतिशत की कमी आई है।
शून्य कार्बन उत्सर्जन के लिए हमने शुरू की है पहल : सीओओ
टीसीएस के चीफ ऑपरेटिंग आफिसर एनजी सुब्रमण्यम का कहना है कि हम नवीकरणीय ऊर्जा और शून्य कार्बन उत्सर्जन के लिए पहल शुरू कर दी है। हम डिजिटल इनोवेशन के तहत एक नई पहल शुरू करने जा रहे हैं ताकि न केवल हमारे कस्टमर बल्कि देशवासी व सरकार भी इसमें साझेदार बनकर हमारी मुहिम में शामिल हो सकते हैं।
क्या होता है स्कोप-1 व स्कोप-2
ग्रीन हाउस गैस प्रोटोकॉल के तहत कंपनियों से निकलने वाले प्रदूषणों को स्कोप-1, स्कोप-2 व स्कोप-3 में बांटा गया है। स्कोप-1 में नियंत्रित स्त्रोतों से निकलने वाले उत्सर्जन, स्कोप-2 के तहत कंपनी में इस्तेमाल होने वाली बिजली के उपकरण, स्टीम, हीटिंग व कूलिंग जैसे संसाधानों से निकलने वाले कार्बन उत्सर्जन व स्कोप-3 के तहत कंपनी के उत्पादन में सभी अप्रत्यक्ष उत्सर्जन शामिल हैं।