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सड़क पर गड्ढे, सड़क किनारे गड्ढे

टाटा-रांची राष्ट्रीय राजमार्ग की स्थिति खराब हो गई है। छोटे वाहनों को छोड़ दीजिए बड़े-बड़े वाहनों के चालक भी इस सड़क पर गाड़ी चलना नहीं चाहते। पारडीह कालीमंदिर से डिमना चौक तक कभी-कभी गड्ढे को भर भी दिया जाता है लेकिन डिमना चौक से बालीगुमा-भिलाई पहाड़ी तक इतने बड़े-बड़े गड्ढे बन गए हैं कि इस सड़क से आवागमन करने वालों की रूह कांप जाती है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 01 Jul 2020 02:07 AM (IST)Updated: Wed, 01 Jul 2020 06:17 AM (IST)
सड़क पर गड्ढे, सड़क किनारे गड्ढे
सड़क पर गड्ढे, सड़क किनारे गड्ढे

जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : टाटा-रांची राष्ट्रीय राजमार्ग की स्थिति खराब हो गई है। छोटे वाहनों को छोड़ दीजिए, बड़े-बड़े वाहनों के चालक भी इस सड़क पर गाड़ी चलना नहीं चाहते। पारडीह कालीमंदिर से डिमना चौक तक कभी-कभी गड्ढे को भर भी दिया जाता है, लेकिन डिमना चौक से बालीगुमा-भिलाई पहाड़ी तक इतने बड़े-बड़े गड्ढे बन गए हैं कि इस सड़क से आवागमन करने वालों की रूह कांप जाती है।

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दैनिक जागरण टीम ने सोमवार को इस मार्ग का दौरा किया। जिसमें पाया गया कि सड़क पर कहीं-कहीं पर दो-दो फीट के गड्ढे बन गए हैं, जिसमें प्रत्येक दिन किसी न किसी वाहन के गुल्ले टूटते हैं।

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सड़क पर गड्ढे, सड़क के किनारे गड्ढे

राष्ट्रीय राजमार्ग पर बड़े-बड़े गड्ढे तो है हीं, सड़क के किनारे बडे़-बड़े जानलेवा गड्ढे हैं। हालात यह है कि यदि सड़क पर एक वाहन खराब हो गया तो दूसरे वाहन को किनारे से रास्ता नहीं मिलता, क्योंकि दोनों किनारे बड़े-बड़े गढ्डे खोदकर छोड़ दिए गए हैं। पारडीह से डिमना चौक तक सड़क के गड्ढों को स्लैग गिट्टी से भरने पर कुछ दिनों के लिए राहत मिल जाती है, लेकिन भारी वाहनों का आने-जाने व बारिश होते ही राष्ट्रीय राजमार्ग की पोल खुल जाती है। दो दिनों में ही स्लैग का उड़ना और गिट्टी का उखड़ना शुरू हो जाता है। इसके बाद फिर गड्ढे ही गड्ढे नजर आने लगते हैं। आज सड़क की स्थिति र्जर हो चुकी है।

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बालीगुमा में मेरा गैराज है जबकि मैं कपाली में रहता हूं। मुझे प्रतिदिन दो बार इस खतरनाक सड़क पर आना-जाना होता है। सड़क की स्थिति इतनी खराब है कि कब कोई बड़ी दुर्घटना हो जाए, यह कहा नहीं जा सकता। सरकार को इस पर ध्यान देना चाहिए।

- नाजिर, गैराज संचालक

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मैं राष्ट्रीय राजमार्ग के किनारे मुखियाडांगा का निवासी हूं। मैं ऑटो चलाने का काम करता हूं। सड़क पर एक फीट से लेकर दो-दो फीट के जानलेवा गड्ढे बन गए हैं, जो दुर्घटना को अंजाम देने के लिए काफी है। रात में जब आते हैं तो जान हथेली पर लेकर आते हैं।

- बिपिन कुमार, ऑटो चालक

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राष्ट्रीय राजमार्ग पर बालीगुमा के आगे दो फीट के बड़े-बड़े कई गड्ढे हैं। बारिश होते ही इसमें पानी भर जाता है। राष्ट्रीय राजमार्ग पर जब ट्रक या ट्रेलर चलते हैं तब बाइक और साइकिल सवारों को सड़क किनारे बने गड्ढों में घुस कर ही आना-जाना पड़ता है।

--रंजन कुमार, राहगीर

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मैं ट्रक चालक हूं। देश के सभी शहरों में वाहन लेकर आता-जाता हूं। जितना खराब टाटा-रांची राष्ट्रीय राज मार्ग का है, उनता देश के अन्य किसी भी शहर में किसी भी राष्ट्रीय राजमार्ग का नहीं है। पारडीह से बालीगुमा के बीच कोई दिन नहीं गुजरता होगा जब किसी न किसी गाड़ी का गुल्ला नहीं टूटता है।

-- हरेंद्र यादव, काशीडीह, ट्रक चालक


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