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लाइसेंस अपडेट कराए बिना चल रहा टाटा मोटर्स जमशेदपुर प्लांट

टाटा मोटर्स और टीएमएल ड्राइव लाइंस एक जुलाई 2018 से पहले अलग-अलग कंपनी थी। दोनों कंपनियों के अलग-अलग लाइसेंस नंबर थे।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Sat, 27 Oct 2018 11:36 AM (IST)Updated: Sat, 27 Oct 2018 11:37 AM (IST)
लाइसेंस अपडेट कराए बिना चल रहा टाटा मोटर्स जमशेदपुर प्लांट
लाइसेंस अपडेट कराए बिना चल रहा टाटा मोटर्स जमशेदपुर प्लांट

जमशेदपुर (निर्मल प्रसाद)। देश में वाणिज्यिक भारी वाहनों की निर्माता कंपनी टाटा मोटर्स का जमशेदपुर प्लांट बिना अपडेटेड (संशोधित) लाइसेंस के ही संचालित हो रहा है। कारखाना निरीक्षक कार्यालय, जमशेदपुर ने इस मामले में प्लांट के दखलदार सह टाटा मोटर्स के कार्यकारी निदेशक सह चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर सतीश बोरवंकर को नोटिस भेजकर पूरे मामले में जवाब मांगा है।

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टाटा मोटर्स और टीएमएल ड्राइव लाइंस एक जुलाई 2018 से पहले अलग-अलग कंपनी थी। दोनों कंपनियों के अलग-अलग लाइसेंस नंबर थे। लेकिन देश में गुडस एंड सर्विस टैक्स (जीएसटी) प्रभावी होने से पहले 31 मार्च को टाटा मोटर्स बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स ने दोनों कंपनियों के विलय को मंजूरी दे दी। वहीं, नेशनल कंपनी लॉ टिब्यूनल ने पांच अप्रैल को विलय पर अपनी मुहर लगा दी। लेकिन दोनों कंपनियों के विलय के बावजूद कंपनी प्रबंधन ने संशोधित लाइसेंस लेना जरूरी नहीं समझा।

ऐसे उजागर हुआ मामला

कारखाना निरीक्षक कार्यालय के एक दल ने जब चार अक्टूबर को जमशेदपुर प्लांट का निरीक्षण किया तो बिना संशोधित लाइसेंस के कंपनी चलाने का मामला उजागर हुआ। इस मामले में कंपनी प्रबंधन को नोटिस भेजकर जवाब मांगा गया। लेकिन प्रबंधन की ओर से कोई जवाब नहीं आया तब सतीश बोरवंकर को फिर से रिमाइंडर भेजा गया। इस मामले में कंपनी प्रवक्ता का कहना है कि उन्हें इस मामले में कोई जानकारी नहीं है। विस्तृत जानकारी मिलने पर ही कुछ कहा जा सकता है। जांच के दौरान कंपनी प्रबंधन पर 29 मामलों में अनियमितता का मामला उजागर हुआ। इस पूरे मामले में भी कंपनी प्रबंधन से जब जवाब मांगा गया तो प्रबंधन के अधिकारियों ने चुप्पी साध ली।

लाइसेंस को संशोधित कराए बिना प्लांट का संचालन गलत

कारखाना अधिनियम 1950 की नियमावली 6 के तहत किसी भी तरह के विलय की सूचना कारखाना निरीक्षक कार्यालय को देना अनिवार्य है। बिना जानकारी दिए या लाइसेंस को संशोधित कराए प्लांट का संचालन करना एक तरह से नियमों की अवहेलना है। 

 जांच में मिली जो मुख्य अनियमितताएं

-विलय की सूचना कारखाना निरीक्षक कार्यालय को जानकारी मांगने पर दो माह बाद क्यों दी गई?

 -अत्याधिक ध्वनि से हो रहा प्रदूषण, कार्य वाले क्षेत्र में काम करने वाले कर्मचारियों की सुरक्षा के लिए नहीं दिया जा रहा एयर प्लग।

-ओवरटाइम कराने पर कर्मचारियों को दोगुनी दर से भुगतान नहीं करना।

- किन कर्मचारियों से किन परिस्थितियों में ओवरटाइम कराया गया, इसकी जानकारी या रजिस्टर उपलब्ध नहीं कराना।

- कारखाना अधिनियम की सुरक्षा से संबधित सूचना कंपनी के नोटिस बोर्ड में प्रकाशित नहीं करना।

- विलय के बाद दोनों कंपनी में कुल कितने कर्मचारी कार्यरत हैं? जानकारी नहीं दी गई।

ये कहते हैं प्रवक्ता

कंपनी के प्रवक्ता ने कहा कि टाटा मोटर्स व टीएमएल ड्राइवलाइंस के विलय से संबंधित लाइसेंस नवीनीकरण के मामले की कोई जानकारी नहीं है। जानकारी मिलते ही साझा की जाएगी।


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