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Tata Motors में 11 हजार वाहन बनाने का लक्ष्य, प्रतिदिन बन रहे केवल 400; ये है खास वजह

Tata Motors. रॉ- मैटेरियल नहीं मिलने की वजह से भी उत्पादन लक्ष्य पूरा करने में परेशानी हो रही है। पुणे चेन्नई गुड़गांव दिल्ली आदि स्थानों से आने वाले पाट्रर्स भी समय पर नहीं पहुंच पा रहा है। कोराना काल के बाद धीरे-धीरे सप्लाई चेन में सुधार हो रहा है।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Thu, 18 Mar 2021 04:16 PM (IST)Updated: Thu, 18 Mar 2021 04:16 PM (IST)
Tata Motors में 11 हजार वाहन बनाने का लक्ष्य, प्रतिदिन बन रहे केवल 400; ये है खास वजह
टाटा मोटर्स का झारखंड के जमशेदपुर में स्थित प्लांट। फाइल फोटो

जमशेदपुर,जासं। टाटा मोटर्स के जमशेदपुर प्लांट में इस माह मार्च में 11 हजार तक वाहन बनाने का लक्ष्य है। लेकिन अभी तक चार हजार का आंकड़ा ही पार हो पाया है। बीते माह फरवरी में जहां 8000 से ज्यादा वाहन बनाने का लक्ष्य रखा गया था। वह सात हजार तक ही पहुंच पाया।

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खबर है कि जरूरत के मुताबिक रॉ- मैटेरियल नहीं मिलने की वजह से भी उत्पादन लक्ष्य पूरा करने में परेशानी हो रही है। पुणे, चेन्नई, गुड़गांव, दिल्ली आदि स्थानों से आने वाले पाट्रर्स भी समय पर नहीं पहुंच पा रहा है। कोराना काल के बाद धीरे-धीरे सप्लाई चेन में सुधार हो रहा है। दूसरे प्रदेश से आने वाले रॉ-मैटेरियल में कमी के साथ यहां आदित्यपुर की छोटी-बड़ी कंपनियां भी समय पर जरूरत के मुताबिक पर्याप्त मात्रा में पार्टस नहीं पहुंचा पाती है। पहले बीएस-फोर मॉडल के मुताबिक पार्टस देने होते थे लेकिन अब बीएस-सिक्स मॉडल की गाड़ियों के लिए रॉ-मैटेरियल बनाने में कुछ ज्यादा समय लग रहा है। नए पार्टस बनाने के सेटअप करने में परेशानी आ रही है, जिसमें धीरे-धीरे सुधार होने की बात कही जा रही है।

पर्याप्त मात्रा में नहीं मिल रहे बीएस सिक्स के इंजन

इधर, टाटा मोटर्स में प्रतिदिन 400 तक वाहन बनाए जा रहे हैं। जिसमें बीएस सिक्स मॉडल के इंजन लगता है। टाटा कमिंस इसका प्रमुख ग्राहक है। जहां एक दिन में 400 इंजन बन रहे हैं। टाटा कमिंस के इंजन टाटा मोटर्स के जमशेदपुर प्लांट के अलावा, लखनऊ आदि स्थानों पर भी भेजे जाते हैं। ऐसे में इंजन भी पर्याप्त मात्रा में नहीं मिल रहा है, जिसमे अगले माह से सुधार होने की संभावना है।

379 वाहन हुए डिस्पैव

टाटा मोटर्स में बने वाहनों का प्रतिदिन डिस्पैच होता है। बुधवार को कुल 379 वाहनों को डिस्पैच कर उसे बाहर भेजा गया। ऐसे ही एक दिन पूर्व कुल 351 गाड़ियां डिस्पैच हुई है। इस प्रकार  प्रतिदिन 350 से ज्यादा वाहन दूसरे स्थानों पर भेजे जा रहे हैं।


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