स्थायी को क्वार्टर, किराए के घर में रह रहे बाइ सिक्स कर्मी
टाटा मोटर्स स्थायी कर्मचारियों को क्वार्टर की सुविधा देती है जबकि बाइसिक्स कर्मी भाड़े पर रहने को मजबूर हैं।
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : टाटा मोटर्स में स्थायी कर्मचारियों को कंपनी के सुविधायुक्त क्वार्टर आवंटित हो जाते हैं, दिक्कत अस्थायी कर्मियों (बाई सिक्स) को होती है। बड़ी संख्या में अस्थायी कर्मी किराए के आवास में रहने को विवश हैं। सबसे अधिक तकलीफ उस समय होती है जब पिता की नौकरी समाप्त होने के बाद बाइ सिक्स में बहाल हुए इन कर्मियों को कंपनी का क्वार्टर छोड़कर भाड़े के मकान में जाकर रहना पड़ता है। कई ऐसे कर्मचारी पुत्र हैं जो स्थायी कर्मचारियों के लिए आवंटित क्वार्टरों में रह रहे हैं लेकिन किराया देकर। स्थायी कर्मचारियों के क्वार्टर को किराए पर में लेने के लिए उन्हें एक मोटी रकम अग्रिम तौर पर चुकानी पड़ती है। फिर प्रतिमाह 4000 से 5000 तक किराया देना पड़ता है। क्वार्टर नहीं रहने की स्थिति में कई बार उन्हें दूर-दराज के क्षेत्र से किराए का घर लेकर कंपनी में आना-जाना करना पड़ता है। बाई सिक्स कर्मियों को दोनों ही स्थिति में क्वार्टर को लेकर परेशानी है।
खाली पड़े कंपनी के कई आवास: टाटा मोटर्स के अस्थायी कर्मियों ने क्वार्टर मुहैया कराने की मांग की है। कर्मचारियों का पक्ष है कि कॉलोनी में बहुत सारे क्वार्टर खाली पड़े हैं। कई ऐसे भी क्वार्टर हैं जो किसी कर्मचारी के नाम पर आवंटित है लेकिन उसमें रहता कोई और है। ऐसे क्वार्टरों का सर्वे कर उसे बाई सिक्स कर्मियों को आवंटित किया जा सकता है। अस्थायी कर्मियों के एक समूह ने आपस में बैठक कर इन मामले में प्रबंधन से मिलकर बात करने का निर्णय लिया है। खबर यह भी है कि अस्थायी कर्मियों की मांग को देखते हुए प्रबंधन ने क्वार्टर मुहैया कराने की दिशा में काम भी शुरू कर दिया है।
क्वार्टरों की जांच-पड़ताल शुरू, आवंटन पर हो रहा विचार: टेल्को कॉलोनी के क्वार्टरों में रहने वालों की छानबीन चल रही है। पिछले दिनों से ही खाली क्वार्टर व दूसरे के नाम पर रहने वाले बाई सिक्स व प्रशिक्षुओं की पहचान की जा रही है। उम्मीद जताई जा रही है कि बहुत जल्द बाई सिक्स कर्मियों को क्वार्टर मुहैया करा दिया जाएगा।
एसबी बोरवंकर ने की थी पहल : टाटा मोटर्स जमशेदपुर प्लांट के तत्कालीन प्लांट हेड एसबी बोरवंकर की पहल पर पहली बार (2009-10) में अस्थायी व टीएमएसटी कर्मियों को कंपनी क्वार्टर मुहैया कराया गया। उस स्थायी कर्मियों के नाम पर आवंटित क्वार्टरों में रहने वाले बाई सिक्स व प्रशिक्षुओं को क्वार्टर दिया गया था। ऐसे क्वार्टरों में रह रहे अस्थायी कर्मियों व प्रशिक्षु के नाम आवंटित भी कर दिया गया। क्वार्टर के एवज में उन्हें प्रतिमाह 500 रुपये किराया चुकाना पड़ता है। उस समय करीब 450 कर्मचारियों को क्र्वाटर मिला था। यह भी कहा गया क्वार्टर हासिल करने से वंचित रह गए अस्थायी व प्रशिक्षु बाद में भी आवेदन दे सकते हैं।