2020 तक बंद हो जाएगा टाटा हिताची का मदर प्लांट
जमशेदपुर प्लांट में 2016 से ही कंपनी का काम ऑफलोड किया जा रहा है। साथ ही खड़गपुर (प.बंगाल) इकाई का विस्तारीकरण से चल रहा है।
अरविंद श्रीवास्तव, जमशेदपुर : आधारभूत संरचना व निर्माण क्षेत्र के लिए उपकरण बनाने वाली कंपनी टाटा हिताची कंस्ट्रक्शन मशीनरी कंपनी लिमिटेड (पुराना नाम टेल्कॉन) का जमशेदपुर स्थित मदर प्लाट 2020 तक बंद हो जाएगा। उसके बाद कंपनी की खड़गपुर इकाई ही कंपनी का मुख्य प्लांट होगी। वहीं धारवाड़ इकाई से उत्पादन जारी रहेगा। एसेंबली लाइन बंद करने के बाद जनवरी-19 में फैब्रिकेशन विभाग भी बंद हो जाएगा।
मशीनों की शिफ्टिंग के बाद अब कर्मियों को खड़गपुर भेजने का सिलसिला सोमवार को शुरू हो गया। पहले चरण में एसेंबली लाइन के 50 कर्मचारियों को खड़गपुर जाकर रिपोर्ट करने का आदेश दिया गया है। बताया जाता है कि एक अक्टूबर से ई ग्रेड के कर्मचारियों का स्थानांतरण शुरू होगा। इसके बाद जनवरी 2019 में फैब्रिकेशन, हैवी मशीन शॉप, ट्रांसमिशन, मेंटेनेंस आदि डिवीजन में कार्यरत मजदूरों को क्रमवार खड़गपुर शिफ्ट किया जाएगा। वहीं टाटा मोटर्स प्रबंधन ने टाटा हिताची कर्मियों को मार्च-2020 तक मेडिकल, आवास, स्कूल आदि सुविधाएं बहाल रखने पर सहमति दे दी है।
2016 से ही किया जा रहा ऑफलोड : जमशेदपुर प्लांट में 2016 से ही कंपनी का काम ऑफलोड किया जा रहा है। साथ ही खड़गपुर (प.बंगाल) इकाई का विस्तारीकरण से चल रहा है। अप्रैल-2017 में पहली बार यहां के अधिकारियों को काम की अधिकता का हवाला देकर खड़गपुर भेजा गया, जो आज भी अभी भी जारी है। मई में ही मिल गए थे संकेत : एमडी डॉयलाग में प्रबंध निदेशक संदीप सिंह ने गत मई महीने में ही अधिकारियों को खड़गपुर भेजे जाने से संबंधित प्रश्न के उत्तर में कहा था कि मार्च 2020 तक जमशेदपुर प्लांट के सभी कर्मचारियों का खड़गपुर संयंत्र जाना तय है।
1999 में टाटा मोटर्स से अलग हुई थी टेल्कॉन : 1999 में टाटा मोटर्स से अलग होकर टेल्कॉन एक स्वतंत्र कंपनी बनी थी। उस समय टाटा मोटर्स एक्सकेवेटर डिवीजन के कुल 950 कर्मचारियों ने ही टेल्कॉन में योगदान दिया था। उनमें से कुछ रिटायर हो गए, तो कई प्रोन्नत होकर आफिसर बन गए। इनमें से कई का स्थानांतरण खड़गपुर आदि डिवीजनों में कर दिया गया है। 950 कर्मचारियों में ई ग्रेड की संख्या करीब 520 थी, जो घटकर आज 270 हो गया है।
ऑफलोड होने वाली मशीन
टाटा हिताची में भारी वाहन बनाए जाते हैं। इनमें ईक्स.200, ईक्स.100, ईक्स.350, व्हील लोडर आदि शामिल हैं, जो यहा से खड़गपुर भेज दिए गए हैं। फि लहाल यहा बनने वाले मॉडल में ईक्स.20, ईक्स.1200 व ईक्स.600 शामिल हैं।
'कंपनी शिफ्टिंग करने की रणनीति बहुत पहले बन गई थी। यहां के कार्यो को खड़गपुर में कराया जा रहा है। अक्टूबर से कर्मचारियों को वहां जाना है। यह प्रक्रिया 2020 तक पूरी हो जाएगी।'
- चित्तरंजन माझी, अध्यक्ष, टेल्कॉन वर्कर्स यूनियन